युवाओं ने स्वर्गीय संजय गांधी की समाधि पर पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

79वीं जयंती पर राजघाट के शांतिवन में उमड़ा देशभर के युवाओं का सैलाब

रिपोर्ट :
संतोष कुमार सोनी
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नई दिल्ली स्थित राजघाट का शांतिवन एक बार फिर इतिहास, स्मृति और संकल्प का साक्षी बना, जब
स्वर्गीय संजय गांधी की 79वीं जन्म जयंती के अवसर पर
देशभर से आए युवाओं ने उनकी समाधि पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। यह आयोजन केवल एक औपचारिक
कार्यक्रम नहीं था, बल्कि उस वैचारिक धारा को स्मरण करने का अवसर था, जिसने भारतीय राजनीति में
युवाओं की सक्रिय भागीदारी, स्पष्टवादिता और निर्भीक नेतृत्व की परंपरा को मजबूत किया।

राजघाट का शांतिवन बना श्रद्धा और संकल्प का केंद्र

रविवार को राजघाट स्थित
शांतिवन में आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा में
बाँदा और बुंदेलखंड सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए युवाओं ने भाग लिया। हाथों में फूल, मन में
स्मृतियाँ और आंखों में संकल्प लिए युवाओं ने स्वर्गीय संजय गांधी की समाधि पर पुष्प अर्पित किए
और उनके योगदान को नमन किया। शांत वातावरण में गूंजती श्रद्धांजलि की यह घड़ी, उपस्थित जनसमूह को
भावनात्मक रूप से एकसूत्र में बांधती दिखाई दी।

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बाँदा और बुंदेलखंड के युवाओं की उल्लेखनीय सहभागिता

उत्तर प्रदेश के बाँदा और
बुंदेलखंड अंचल से बड़ी संख्या में युवा इस
कार्यक्रम में शामिल हुए। समाजसेवी बसंत गुप्ता के नेतृत्व में पहुँचे इन युवाओं ने न केवल श्रद्धांजलि
अर्पित की, बल्कि शोक सभा में सक्रिय सहभागिता करते हुए स्वर्गीय संजय गांधी के विचारों और
नीतियों पर चर्चा भी की। उपस्थित युवाओं का मानना था कि संजय गांधी का जीवन आज भी
युवा नेतृत्व के लिए प्रेरणास्रोत है।

मेनेका गांधी और वरुण गांधी की उपस्थिति ने बढ़ाया कार्यक्रम का महत्व

श्रद्धांजलि सभा में पूर्व केंद्रीय मंत्री
मेनका गांधी तथा युवा नेता
वरुण गांधी की उपस्थिति ने
कार्यक्रम को विशेष गरिमा प्रदान की। युवाओं ने उनसे भेंट की और आत्मीय संवाद भी किया।
इस अवसर पर वरुण गांधी ने अपने पिता स्वर्गीय संजय गांधी के सार्वजनिक जीवन,
उनकी नीतियों और राष्ट्रहित में किए गए प्रयासों को विस्तार से साझा किया।

“अगर संजय गांधी होते तो देश कहीं आगे होता” — वरुण गांधी

सभा को संबोधित करते हुए वरुण गांधी ने कहा कि यदि स्वर्गीय संजय गांधी आज जीवित होते,
तो देश विकास के कई पायदान पहले ही पार कर चुका होता। उन्होंने संजय गांधी को
स्पष्टवादी, निर्भीक और दूरदर्शी नेता बताते हुए कहा कि उनकी नेतृत्व क्षमता
भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक साबित होती। वरुण गांधी के शब्दों में वह पीड़ा भी
झलकी, जो एक पुत्र अपने पिता की असमय मृत्यु के कारण महसूस करता है, और वह गर्व भी,
जो देश के लिए किए गए उनके कार्यों से उपजता है।

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युवाओं के लिए प्रेरणा बने संजय गांधी के विचार

समाजसेवी बसंत गुप्ता ने बताया कि इस कार्यक्रम में शामिल होकर युवाओं को
वरुण गांधी के ओजस्वी विचार सुनने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि जिस आत्मीयता
और पारिवारिक स्नेह के साथ वरुण गांधी ने उपस्थित युवाओं से संवाद किया,
उससे सभी को भावनात्मक संबल मिला। बसंत गुप्ता ने यह भी उल्लेख किया कि वे
पिछले कई वर्षों से वरुण गांधी से जुड़े हुए हैं और ऐसे आयोजनों से
युवाओं को सकारात्मक दिशा मिलती है।

श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में लोग रहे मौजूद

इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में बाँदा से बसंत कुमार गुप्ता के अलावा
मोहनीश, यशोवर्धन सिंह, अमित गुप्ता, उरई से सूरज पाण्डेय ‘सूर्या’,
कमलाकांत, सतीश वर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
सभी ने मिलकर स्वर्गीय संजय गांधी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की
और उनके अधूरे सपनों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

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युवाओं के संकल्प के साथ संपन्न हुआ कार्यक्रम

कार्यक्रम का समापन शोक सभा और मौन के साथ हुआ। शांतिवन में उपस्थित हर युवा
यह महसूस कर रहा था कि संजय गांधी का जीवन केवल अतीत नहीं, बल्कि
वर्तमान और भविष्य के लिए भी मार्गदर्शक है। यह श्रद्धांजलि सभा
युवाओं के भीतर राष्ट्र निर्माण के प्रति नई ऊर्जा और जिम्मेदारी का
भाव छोड़ गई।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

संजय गांधी की 79वीं जयंती पर कार्यक्रम कहां आयोजित हुआ?

यह कार्यक्रम नई दिल्ली के राजघाट स्थित शांतिवन में आयोजित किया गया।

श्रद्धांजलि सभा में कौन-कौन प्रमुख रूप से उपस्थित रहे?

सभा में पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और युवा नेता वरुण गांधी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

बाँदा और बुंदेलखंड से कौन लोग शामिल हुए?

बाँदा से बसंत कुमार गुप्ता सहित कई युवा और उरई व अन्य क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

वरुण गांधी ने अपने संबोधन में क्या कहा?

वरुण गांधी ने कहा कि यदि संजय गांधी होते तो देश विकास में बहुत आगे होता और भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार होता।

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