उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में मंगलवार तड़के एक ऐसा भयावह सड़क हादसा हुआ, जिसने एक्सप्रेसवे सुरक्षा व्यवस्था और आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र पर कई सवाल खड़े कर दिए।
यमुना एक्सप्रेसवे पर बलदेव थाना क्षेत्र के अंतर्गत माइलस्टोन संख्या 127 के पास चार से पांच बसों और एक कार में अचानक आग लग गई।
आग की लपटें इतनी तेज़ थीं कि कुछ ही मिनटों में पूरा इलाका धुएं और चीख-पुकार से भर गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा उस वक्त हुआ जब एक्सप्रेसवे पर यातायात सामान्य गति से चल रहा था।
अचानक एक वाहन से धुआं उठता दिखाई दिया और देखते ही देखते आग ने आसपास खड़ी अन्य बसों को भी अपनी चपेट में ले लिया।
यात्रियों को संभलने का मौका भी नहीं मिला और अफरा-तफरी मच गई।
🔥 आग लगते ही मचा हड़कंप, यात्रियों में चीख-पुकार
आग की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ यात्रियों ने चलती बसों से कूदकर अपनी जान बचाने की कोशिश की।
कई लोग सामान छोड़कर जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए।
धुएं के गुबार के कारण कुछ देर तक एक्सप्रेसवे पर दृश्यता लगभग शून्य हो गई, जिससे स्थिति और भी खतरनाक हो गई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि आग की लपटें दूर से ही दिखाई दे रही थीं।
कुछ यात्रियों ने मोबाइल फोन से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किए, जिससे हादसे की भयावहता पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई।
🚒 पुलिस-प्रशासन व दमकल विभाग ने संभाला मोर्चा
हादसे की सूचना मिलते ही बलदेव थाना पुलिस, जिला प्रशासन और यमुना एक्सप्रेसवे की सुरक्षा टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई।
दमकल विभाग की कई गाड़ियों को आग बुझाने के लिए लगाया गया।
करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
राहत एवं बचाव कार्य के दौरान पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मियों ने साहस का परिचय देते हुए कई यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला।
हालांकि, कुछ वाहन पूरी तरह जलकर खाक हो गए, जिससे करोड़ों रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
⚠️ जिलाधिकारी ने की दो मौतों की पुष्टि
मथुरा के जिलाधिकारी ने आधिकारिक रूप से पुष्टि की है कि इस हादसे में दो लोगों की मौत हो चुकी है।
इसके अलावा कई यात्री गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें तत्काल नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
घायलों का इलाज डॉक्टरों की निगरानी में जारी है।
प्रशासन का कहना है कि मृतकों की पहचान की प्रक्रिया चल रही है और परिजनों को सूचित किया जा रहा है।
घायलों को हर संभव चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
🔍 आग लगने के कारणों की जांच शुरू
फिलहाल आग लगने के सटीक कारणों का पता नहीं चल पाया है।
प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट या तकनीकी खराबी की आशंका जताई जा रही है, लेकिन सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है।
फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया है।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जांच पूरी होने के बाद ही वास्तविक कारण सामने आ पाएगा।
यदि किसी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
🚧 एक्सप्रेसवे पर यातायात नियंत्रित
हादसे के बाद कुछ समय के लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर यातायात आंशिक रूप से रोक दिया गया था।
बाद में वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से निकाला गया।
फिलहाल स्थिति सामान्य हो रही है, लेकिन प्रशासन लगातार निगरानी बनाए हुए है।
अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि वे संयम बनाए रखें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
📢 अफवाहों से दूर रहने की प्रशासन की अपील
प्रशासन ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर ध्यान न दें।
घटनास्थल पर अनावश्यक भीड़ न लगाएं, ताकि राहत और बचाव कार्य में कोई बाधा न आए।
यह हादसा एक बार फिर एक्सप्रेसवे पर वाहनों की तकनीकी जांच, अग्नि सुरक्षा और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को मजबूत करने की जरूरत की ओर इशारा करता है।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
यह हादसा कहां हुआ?
यह हादसा मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेसवे पर माइलस्टोन संख्या 127 के पास हुआ।
हादसे में कितने लोगों की मौत हुई?
जिलाधिकारी के अनुसार इस हादसे में दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
आग लगने का कारण क्या था?
फिलहाल आग लगने के कारणों की जांच जारी है, प्राथमिक तौर पर शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है।
घायलों का इलाज कहां चल रहा है?
सभी घायलों को नजदीकी सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।






