
150 किलोवाट तक नए कनेक्शन पर फिक्स्ड शुल्क, भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम
उत्तर प्रदेश में बिजली कनेक्शन लेने वाले लाखों उपभोक्ताओं के लिए यह खबर किसी राहत की सांस से कम नहीं है। वर्षों से चली आ रही जटिल, महंगी और अक्सर विवादों में घिरी बिजली कनेक्शन प्रक्रिया अब बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है।
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग जल्द ही 150 किलोवाट तक के नए बिजली कनेक्शन के लिए
फिक्स्ड शुल्क व्यवस्था को मंजूरी दे सकता है।
यह कदम न सिर्फ उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ कम करेगा, बल्कि बिजली विभाग में व्याप्त मनमानी और भ्रष्टाचार पर भी सीधा प्रहार करेगा।
अब तक स्थिति यह थी कि बिजली कनेक्शन के नाम पर उपभोक्ताओं को ट्रांसफॉर्मर, केबल, कंडक्टर, पोल, लाइन विस्तार और दूरी जैसे कई मदों में अलग-अलग शुल्क चुकाने पड़ते थे। इन सभी के लिए अलग-अलग एस्टीमेट बनाए जाते थे, जिनमें अक्सर दूरी अधिक दिखाने या तकनीकी जटिलताओं का हवाला देकर
हजारों से लेकर लाखों रुपये तक का अतिरिक्त बोझ डाल दिया जाता था।
ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या और भी गंभीर थी, जहां बिजली का खंभा पास होने के बावजूद दो-चार पोल अतिरिक्त दिखाकर उपभोक्ताओं से मोटी रकम वसूली जाती थी। कई मामलों में गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार सिर्फ इस वजह से बिजली कनेक्शन लेने से पीछे हट जाते थे।
🔹 फिक्स्ड शुल्क व्यवस्था क्या है?
प्रस्तावित नई व्यवस्था के तहत 150 किलोवाट तक के सभी नए बिजली कनेक्शन के लिए
एकमुश्त फिक्स्ड शुल्क तय किया जाएगा।
यदि उपभोक्ता का घर या प्रतिष्ठान बिजली के खंभे से 300 मीटर की दूरी के भीतर है, तो उसे अलग-अलग मदों में भुगतान नहीं करना होगा।
इस एकमुश्त शुल्क में—
- प्रोसेसिंग फीस
- सिक्योरिटी डिपॉजिट
- मीटरिंग चार्ज
- लाइन व पोल से जुड़ा खर्च
- अन्य तकनीकी शुल्क
—सभी कुछ शामिल होगा।
यानी अब उपभोक्ता को यह चिंता नहीं करनी पड़ेगी कि कितने पोल लगेंगे, लाइन कितनी लंबी होगी या ट्रांसफॉर्मर कौन लगाएगा।
इन सभी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी बिजली विभाग की होगी।
🔹 घरेलू उपभोक्ताओं के लिए राहत की मिसाल
प्रस्ताव के अनुसार—
- 2 किलोवाट घरेलू कनेक्शन के लिए
100 मीटर दूरी तक शुल्क: ₹5,500 - 300 मीटर दूरी तक शुल्क: ₹7,555
पहले इसी तरह के कनेक्शन में दो पोल, लाइन और अन्य खर्च जोड़कर उपभोक्ताओं से
₹12,000 से ₹20,000 तक वसूले जाने की शिकायतें आम थीं।
नई व्यवस्था लागू होते ही यह अतिरिक्त वसूली पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
🔹 ब्रिटिश काल की व्यवस्था होगी समाप्त
अब तक बिजली कनेक्शन के लिए 40 मीटर तक मुफ्त लाइन की जो व्यवस्था चली आ रही थी, वह ब्रिटिश काल की देन मानी जाती है।
नई नीति के तहत यह व्यवस्था समाप्त कर दी जाएगी और उसकी जगह
स्पष्ट, समान और पारदर्शी फिक्स्ड चार्ज प्रणाली लागू होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव समय की मांग था, क्योंकि पुरानी व्यवस्था आज की जरूरतों और तकनीकी संरचना के अनुरूप नहीं रह गई थी।
🔹 उपभोक्ता परिषद ने क्यों सराहा प्रस्ताव?
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस प्रस्ताव का खुलकर स्वागत किया है।
उनका कहना है कि—
“हम लंबे समय से फिक्स्ड चार्ज की मांग कर रहे थे।
यह व्यवस्था लागू होते ही अलग-अलग नामों पर लगने वाले चार्ज खत्म होंगे,
भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और अभियंताओं की मनमानी रुकेगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि गरीब उपभोक्ताओं को मीटर की कीमत किश्तों में चुकाने की सुविधा देने का प्रस्ताव भी इसमें शामिल है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सीधा लाभ मिलेगा।
🔹 ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान लाभ
इस नई व्यवस्था की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह
ग्रामीण और शहरी—दोनों क्षेत्रों में समान रूप से लागू होगी।
अब गांवों में रहने वाले उपभोक्ताओं को यह शिकायत नहीं रहेगी कि शहरों की तुलना में उनसे अधिक पैसा लिया जा रहा है।
इसके साथ ही यह बदलाव केंद्र सरकार के
इलेक्ट्रिसिटी रूल्स के अनुरूप है, जिनका उद्देश्य उपभोक्ताओं के अधिकारों को मजबूत करना और बिजली वितरण प्रणाली को जवाबदेह बनाना है।
🔹 कब लग सकती है अंतिम मुहर?
जानकारी के अनुसार, इस प्रस्ताव पर
18 दिसंबर को होने वाली
सप्लाई रिव्यू पैनल सब-कमेटी की बैठक में अंतिम मुहर लग सकती है।
मंजूरी मिलते ही इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
यदि सब कुछ तय कार्यक्रम के अनुसार हुआ, तो आने वाले महीनों में उत्तर प्रदेश के
करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा।
🔹 निष्कर्ष
कुल मिलाकर, फिक्स्ड शुल्क पर बिजली कनेक्शन की यह पहल
उपभोक्ता हित, पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में एक बड़ा कदम है।
यह न केवल आम आदमी की जेब को राहत देगा, बल्कि बिजली विभाग की कार्यप्रणाली में भी भरोसा पैदा करेगा।
लंबे समय से जिस सुधार की मांग की जा रही थी, वह अब साकार होती दिख रही है।
यदि यह व्यवस्था सही तरीके से लागू हुई, तो यह उत्तर प्रदेश में बिजली सुधारों की
एक ऐतिहासिक मिसाल बन सकती है।
❓ उपभोक्ताओं के सवाल – जवाब
फिक्स्ड शुल्क व्यवस्था किस पर लागू होगी?
यह व्यवस्था 150 किलोवाट तक के सभी नए बिजली कनेक्शन पर लागू होगी, चाहे वह घरेलू हो या व्यावसायिक।
क्या 300 मीटर से अधिक दूरी पर अलग शुल्क लगेगा?
हां, 300 मीटर से अधिक दूरी वाले मामलों में अतिरिक्त तकनीकी प्रावधानों के अनुसार शुल्क तय किया जा सकता है।
क्या पुराने कनेक्शन पर भी यह नियम लागू होगा?
नहीं, यह व्यवस्था केवल नए बिजली कनेक्शन के लिए प्रस्तावित है।
गरीब उपभोक्ताओं को क्या अतिरिक्त सुविधा मिलेगी?
मीटर की कीमत किश्तों में चुकाने की सुविधा दिए जाने का प्रस्ताव शामिल है।







