📝 ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
झांसी रेंज के पुलिस महकमे में इन दिनों एक नाम लगातार सुर्खियों में है— आकाश कुलहरी। उनके औचक निरीक्षण, सख़्त तेवर और ज़ीरो टॉलरेंस नीति ने न सिर्फ़ थानों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि वर्षों से लंबित शिकायतों को भी अचानक केंद्र में ला खड़ा किया है। हाल ही में सामने आए उनके दो वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुए, जिनमें वह एक थानेदार को फोन पर कड़ी फटकार लगाते दिखाई देते हैं। इसी कार्रवाई के क्रम में एक साथ चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया, जिससे पूरे झांसी रेंज में हड़कंप मच गया।
एसएसपी कार्यालय में फरियादी किसान और फोन पर क्लास
मामला तब गरमाया जब झांसी एसएसपी कार्यालय के निरीक्षण के दौरान एक किसान अपनी वर्षों पुरानी पीड़ा लेकर आईजी के सामने पहुंचा। किसान का आरोप था कि वह लगातार थाने के चक्कर काट रहा है, लेकिन न तो उसकी सुनवाई हो रही है और न ही कोई ठोस कार्रवाई। किसान की बात सुनते ही आईजी आकाश कुलहरी ने वहीं से ककरबई थाने के थानेदार सुरजीत को फोन लगाया और सीधे सवाल दाग दिए— “अब तक समस्या का समाधान क्यों नहीं हुआ?”
थानेदार की ओर से जवाब आया कि फरियादी उनके पास आया ही नहीं। लेकिन जब किसान ने बताया कि वह चार से पांच बार थाने जा चुका है, तो आईजी का गुस्सा और भड़क उठा। उन्होंने सख़्त लहजे में कहा कि यह कैसे संभव है कि पीड़ित 100 किलोमीटर दूर एसएसपी कार्यालय तक कई बार आ जाए और थाने तक न पहुंच पाए। आईजी ने साफ निर्देश दिए कि थानेदार स्वयं किसान के घर जाकर मामले की जांच करेंगे और कार्रवाई की रिपोर्ट देंगे।
औचक निरीक्षण: मऊरानीपुर थाने में बड़ी कार्रवाई
इसके बाद आईजी आकाश कुलहरी ने गुरुवार को मऊरानीपुर थाने का अचानक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उनकी नजर सीधे मिशन शक्ति केंद्र पर गई, जहां महिलाओं से जुड़े मामलों के फॉलोअप और संवेदनशील शिकायतों की स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई। मिशन शक्ति प्रभारी और वहां तैनात दो महिला सिपाहियों से जब मामलों की प्रगति के बारे में सवाल किए गए, तो वे कोई स्पष्ट और ठोस जवाब नहीं दे सकीं।
लापरवाही को गंभीर मानते हुए आईजी ने मिशन शक्ति प्रभारी और दोनों महिला सिपाहियों को तत्काल निलंबित करने के आदेश दे दिए। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि थाने में समय बर्बाद करने या ड्यूटी में कोताही बरतने वालों के लिए झांसी रेंज में कोई जगह नहीं है।
एसएसपी कार्यालय में लेखा विभाग की पोल खुली
आईजी के निरीक्षण का दायरा सिर्फ थानों तक सीमित नहीं रहा। झांसी एसएसपी कार्यालय में निरीक्षण के दौरान लेखा विभाग में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। खासतौर पर टीए-डीए (यात्रा भत्ता) से जुड़ी फाइलों में गड़बड़ी पाई गई। आईजी ने इसे प्रशासनिक लापरवाही ही नहीं, बल्कि संभावित वित्तीय अनियमितता माना।
मामले की गंभीरता को देखते हुए आईजी ने तत्काल एकाउंटेंट को निलंबित कर दिया और हेड क्लर्क को सख़्त चेतावनी जारी की। आईजी ने साफ शब्दों में कहा कि कार्यालयी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही अब किसी भी कीमत पर समझौते के दायरे में नहीं आएगी।
आईजी आकाश कुलहरी का आधिकारिक बयान
आईजी आकाश कुलहरी ने कहा कि रेंज स्तर पर लगातार निरीक्षण किए जा रहे हैं। पुलिस कार्यालय में एकाउंटेंट की गंभीर लापरवाही सामने आई, जिसके चलते उसे निलंबित किया गया। टीए-डीए में अनियमितताओं के स्पष्ट संकेत मिले हैं। इसी तरह मऊरानीपुर थाने में मिशन शक्ति केंद्र का निरीक्षण किया गया, जहां प्रभारी और दो महिला सिपाही मामलों के फॉलोअप पर संतोषजनक जवाब नहीं दे सकीं, इसलिए तीनों को निलंबित किया गया।
कौन हैं आईजी आकाश कुलहरी?
झांसी रेंज के आईजी आकाश कुलहरी मूल रूप से राजस्थान के बीकानेर से हैं। वे तेज़तर्रार, अनुशासनप्रिय और फील्ड में सक्रिय अधिकारियों में गिने जाते हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, उन्होंने वर्ष 2005 में यूपीएससी परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में 273वीं रैंक हासिल की। इसके बाद वे 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी बने और वर्तमान में उत्तर प्रदेश कैडर में कार्यरत हैं।
एक साथ चार पुलिसकर्मियों के निलंबन और थानेदार को सार्वजनिक फटकार के बाद झांसी रेंज के पुलिस महकमे में चौकसी का माहौल है। अधिकारी और कर्मचारी अब अपनी जिम्मेदारियों को लेकर अधिक सतर्क नजर आ रहे हैं। आईजी की यह कार्रवाई ग्राउंड लेवल पर पुलिसिंग सुधारने की एक सख़्त लेकिन स्पष्ट कोशिश के रूप में देखी जा रही है।
❓ सवाल-जवाब (क्लिक करके पढ़ें)
आईजी आकाश कुलहरी चर्चा में क्यों हैं?
औचक निरीक्षण, थानेदार को फोन पर फटकार और एक साथ चार पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के कारण।
किन-किन को सस्पेंड किया गया?
मिशन शक्ति प्रभारी, दो महिला सिपाही और एसएसपी कार्यालय का एकाउंटेंट।
किसान का मामला क्या था?
किसान का आरोप था कि वह लंबे समय से थाने के चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही थी।
इस कार्रवाई का असर क्या पड़ा?
झांसी रेंज में पुलिस अधिकारी और कर्मचारी अधिक सतर्क हो गए हैं और जवाबदेही का दबाव बढ़ा है।






