📝 चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
निर्वाचन आयोग के फैसले से रुपईडीहा क्षेत्र में मतदाता सत्यापन को मिली गति, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट अब 31 दिसंबर तक होगी प्रकाशित
रुपईडीहा क्षेत्र में मतदाता पुनरीक्षण की प्रक्रिया से जुड़े लाखों नागरिकों के लिए निर्वाचन आयोग का ताज़ा निर्णय राहत लेकर आया है। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) की समय-सीमा बढ़ाए जाने से उन परिवारों को विशेष लाभ मिलेगा, जिनकी बहुएं नेपाल से विवाह कर भारत आई हैं और अब तक विभिन्न प्रशासनिक व दस्तावेजी कारणों से मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज नहीं करा सकी थीं। सीमा क्षेत्र होने के कारण यहां वैवाहिक, सामाजिक और पारिवारिक रिश्ते दोनों देशों में फैले हुए हैं, जिससे मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया सामान्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक जटिल हो जाती है।
निर्वाचन आयोग ने यह निर्णय बढ़ते कार्यभार, बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) की फील्ड व्यस्तताओं, और समय पर दावे-आपत्तियों के निपटान में आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों को देखते हुए लिया है। पूर्व निर्धारित समय सीमा में सभी आवेदनों का निष्पक्ष सत्यापन और त्रुटिरहित सूची तैयार कर पाना चुनौतीपूर्ण हो रहा था। इसी पृष्ठभूमि में आयोग ने समय बढ़ाने को आवश्यक और जनहित में उपयुक्त कदम माना।
नई समय-सीमा के अनुसार रुपईडीहा क्षेत्र की ड्राफ्ट मतदाता सूची अब 31 दिसंबर तक प्रकाशित की जाएगी। इसका अर्थ यह है कि नागरिकों को अपने नाम, पता, आयु और अन्य विवरणों की जांच-पड़ताल करने के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा। स्थानीय प्रशासन और बीएलओ टीम ने क्षेत्रवासियों से स्पष्ट अपील की है कि वे निर्धारित अवधि के भीतर अपने मतदाता विवरण का सत्यापन अवश्य कर लें, ताकि अंतिम सूची में किसी भी प्रकार की त्रुटि शेष न रहे।
सीमा क्षेत्रों में नेपाल से ब्याह कर आईं महिलाओं के लिए यह निर्णय इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अक्सर पहचान और निवास से जुड़े दस्तावेजों को जुटाने में समय लगता है। विवाह के बाद भारत में स्थायी निवास, नामांतरण, आयु प्रमाण और पते की पुष्टि जैसी प्रक्रियाएं कई बार लंबी हो जाती हैं। समय-सीमा बढ़ने से अब ऐसे मामलों में दस्तावेज पूरे करने और आवेदन जमा करने का पर्याप्त अवसर मिल सकेगा।
अधिकारियों के अनुसार, जिन नागरिकों ने अभी तक फॉर्म नहीं भरा है या किसी कारणवश फॉर्म जमा नहीं कर पाए थे, वे शीघ्रता से प्रक्रिया पूरी करें। आयोग के निर्देशों के अनुरूप, दावा-आपत्ति के निपटारे में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जाएगी। बीएलओ स्तर पर घर-घर जाकर सत्यापन, आवश्यक दस्तावेजों की जांच और डिजिटल एंट्री पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
क्षेत्र में यह आम धारणा रही है कि समय की कमी के कारण कई वास्तविक मतदाता सूची से बाहर रह जाते हैं। ऐसे में समय-सीमा का विस्तार न केवल प्रशासनिक सुविधा है, बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा भी है। मतदाता सूची में नाम होना नागरिक की पहचान और उसके संवैधानिक अधिकार का प्रतीक है। इसलिए आयोग का यह कदम लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर मजबूत करता है।
इस निर्णय का राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी स्वागत किया गया है। भाजपा जिला कार्य समिति सदस्य रतन अग्रवाल ने इसे सकारात्मक बताते हुए कहा कि इससे अधिक से अधिक पात्र नागरिकों को मतदान का अधिकार सुनिश्चित होगा। उनके अनुसार, सीमावर्ती क्षेत्रों की विशिष्ट परिस्थितियों को समझते हुए लिया गया यह फैसला लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास बढ़ाने वाला है।
स्थानीय प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि ड्राफ्ट सूची प्रकाशित होने के बाद नागरिकों को आपत्तियां दर्ज कराने का अवसर मिलेगा। यदि किसी का नाम छूट गया हो, विवरण में गलती हो या दोहराव की स्थिति हो, तो उसे तय प्रक्रिया के तहत सुधारा जा सकेगा। इसके लिए आवश्यक प्रपत्र और समय-सीमा की जानकारी ग्राम स्तर पर उपलब्ध कराई जा रही है।
कुल मिलाकर, एसआईआर की तिथि बढ़ाया जाना रुपईडीहा जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए एक व्यावहारिक और दूरदर्शी निर्णय माना जा रहा है। इससे न केवल नेपाल से ब्याह कर आईं बहुओं को राहत मिलेगी, बल्कि उन सभी नागरिकों को लाभ होगा जो कामकाज, स्वास्थ्य या अन्य कारणों से समय पर आवेदन नहीं कर सके थे। प्रशासन की अपील है कि नागरिक इस अवसर का पूरा लाभ उठाएं और लोकतंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
एसआईआर की तिथि बढ़ने का मुख्य लाभ क्या है?
इससे नागरिकों को मतदाता सूची में नाम जुड़वाने और विवरण सुधारने के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वालों को।
ड्राफ्ट वोटर लिस्ट कब तक प्रकाशित होगी?
नई समय-सीमा के अनुसार ड्राफ्ट मतदाता सूची 31 दिसंबर तक प्रकाशित की जाएगी।
नेपाल से विवाह कर आई महिलाओं को क्या करना चाहिए?
उन्हें आवश्यक दस्तावेज पूरे कर बीएलओ के माध्यम से फॉर्म भरना और समय-सीमा के भीतर सत्यापन कराना चाहिए।
अगर नाम सूची में नहीं है तो क्या विकल्प है?
ड्राफ्ट सूची जारी होने के बाद दावा-आपत्ति प्रक्रिया के तहत नाम जोड़ने या सुधार कराने का अवसर मिलेगा।






