उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में आयोजित समाधान दिवस उस समय चर्चा का विषय बन गया, जब चित्रकूट धाम मंडल बांदा के डिविजनल कमिश्नर अजीत कुमार सिंह अचानक भड़क गए। समाधान दिवस के दौरान कई अधिकारियों की अनुपस्थिति ने कमिश्नर को इतना नाराज कर दिया कि उन्होंने कड़ी चेतावनी तक दे डाली। उनके साथ मौके पर मौजूद डीआईजी राजेश एस ने भी पूरे मामले पर असंतोष जताया और स्पष्ट निर्देश दिए कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
समाधान दिवस का उद्देश्य आम जनता की शिकायती मामलों का त्वरित और प्रभावी निस्तारण करना है, मगर जब अधिकारी ही उपस्थित न रहें, तो यह व्यवस्था सवालों के घेरे में आ जाती है। जनता घंटों इंतजार करती रही और कई विभागों के अधिकारी समाधान दिवस से नदारद मिले। इससे नाराज होकर कमिश्नर ने कहा कि एडीएम स्तर के अधिकारी से लेकर संबंधित विभागीय अधिकारी तक अनिवार्य रूप से मौजूद रहें, ताकि किसी भी समस्या का समाधान उसी समय दिया जा सके।
एसआईआर में बेहतर काम करने वाले बीएलओ को सम्मानित किया
समाधान दिवस के कार्यक्रम के दौरान डिविजनल कमिश्नर ने सीआईआर/एसआईआर प्रक्रिया में उत्कृष्ट कार्य करने वाले दो बीएलओ को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि मंडल के सभी जिलों में एसआईआर के काम की रफ्तार प्रशंसनीय है और इसे और अधिक तेज करने की आवश्यकता है, ताकि सरकारी दस्तावेजों और रिकॉर्ड में पारदर्शिता और सटीकता बनी रहे।
उन्होंने अधिकारियों की तारीफ करते हुए कहा कि जो विभाग अच्छा काम कर रहे हैं, उनकी सराहना की जाएगी, और जो लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी तय है।
जैतपुर ब्लॉक व गौशालाओं में निरीक्षण — व्यवस्थाओं को बेहतर करने के निर्देश
समाधान दिवस के बाद कमिश्नर और डीआईजी ने जैतपुर ब्लॉक कार्यालय का निरीक्षण किया। खासकर गौशालाओं में व्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने गंभीर सवाल उठाए और निर्देश दिए कि गौशालाओं में पानी, चारा, सफाई और सुरक्षा की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी बजट और योजनाओं का उद्देश्य कागजों में नहीं, बल्कि धरातल पर दिखना चाहिए। इसलिए हर निरीक्षण सिर्फ कागजी प्रक्रिया न होकर वास्तविक सुधार का आधार बने।
सीएचसी जैतपुर का औचक निरीक्षण — “बाहर की दवाइयां न लिखें”
इसके बाद डिविजनल कमिश्नर और डीआईजी ने सीएचसी जैतपुर का औचक निरीक्षण किया। यहां डॉक्टरों को दो टूक निर्देश दिए गए कि मरीजों को बाहर से दवाइयां लिखने की प्रथा तत्काल बंद की जाए। अस्पताल में उपलब्ध दवाइयों और सेवाओं का पूरा लाभ जनता को दिया जाए।
उन्होंने कहा कि सरकारी चिकित्सा संस्थानों की गुणवत्ता सीधे जनता की भलाई से जुड़ी है, इसलिए लापरवाही को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
“यहां कमिश्नर–DIG खड़े हैं और तुम नदारद” — एसडीएम को जमकर फटकार
निरीक्षण के बाद जब अनुपस्थित अधिकारियों को स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाया गया, तो एसडीएम भी कमिश्नर के सामने आ गए। उन्होंने अपनी सफाई दी, लेकिन कमिश्नर की नाराजगी कम नहीं हुई। उन्होंने सख्त लहज़े में कहा —
💬 “यहां कमिश्नर और DIG खड़े हैं और तुम नदारद घूम रहे हो… लोग यहां समस्या लेकर खड़े हैं। तुम कौन सा SIR कर रहे हो?”
कमिश्नर ने इस पूरे घटनाक्रम के बाद आदेश जारी किया कि तहसील दिवस व समाधान दिवस में संबंधित विभाग के अधिकारी अनिवार्य रूप से मौजूद रहें। अनुपस्थित मिले अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब करने का आदेश भी मौके पर जारी किया गया।
जिले भर में निरीक्षण अभियान — “जन सुविधाओं पर कोई समझौता नहीं”
डिविजनल कमिश्नर अजीत कुमार सिंह और डीआईजी राजेश एस इन दिनों कुलपहाड़ तहसील सहित पूरे जिले के दौरे पर हैं। लक्ष्य स्पष्ट है — जन सुविधाओं की वास्तविक स्थिति का आकलन और लापरवाही पर सीधा एक्शन।
अधिकारियों को संदेश साफ है कि आम जनता का समय और सम्मान सर्वोपरि है, और शासन की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना ही चाहिए। समाधान दिवस जैसी व्यवस्था तभी meaningful होगी, जब जनता की सुनवाई जमीन पर दिखे।
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समाधान दिवस में कमिश्नर क्यों भड़के?
कई अधिकारियों की गैरमौजूदगी और फरियादियों के इंतजार में खड़े होने के कारण कमिश्नर अजीत कुमार सिंह नाराज हुए और सख्त चेतावनी दी।
किस विभाग में सराहनीय काम मिला?
एसआईआर प्रक्रिया में अच्छा कार्य करने के कारण दो बीएलओ को मौके पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
सीएचसी जैतपुर में क्या निर्देश दिए गए?
सरकारी डॉक्टरों को बाहर की दवाइयां न लिखने और अस्पताल की उपलब्ध सेवाओं को सुचारू रखने के निर्देश दिए गए।
अनुपस्थित अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी?
अनुपस्थित मिले अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब किया जाएगा और भविष्य में लापरवाही पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।






