लोकप्रिय एंकर अभय तिवारी ने सेवा और संवेदना के साथ दादी को किया याद, 200 मरीजों में किया फल वितरण
आजमगढ़। पूर्वांचल के जाने-माने लोकप्रिय मंच संचालक और एंकर अभय तिवारी ने अपनी दादी स्वर्गीय विमला तिवारी की दूसरी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि को केवल औपचारिकता तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इस दिन को सेवा, मानवता और संवेदना के रूप में जीया। उन्होंने जहां घर पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की, वहीं मंडलीय जिला चिकित्सालय आजमगढ़ में पहुंचकर करीब 200 मरीजों में फल वितरण कर दादी की अमर स्मृतियों को समाजसेवा के माध्यम से जीवंत किया।
मतौलीपुर स्थित आवास पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि
कार्यक्रम की शुरुआत मतौलीपुर स्थित आवास से हुई। परिवारजनों के साथ अभय तिवारी ने दादी स्वर्गीय विमला तिवारी के चित्र पर माल्यार्पण किया और पुष्पांजलि अर्पित की। वातावरण भावुक और श्रद्धा से भरा रहा। परिवार के बीच दादी के संस्कारों, सरल स्वभाव और स्नेहिल व्यक्तित्व को याद किया गया।
मंडलीय जिला चिकित्सालय में मरीजों को फल वितरण
श्रद्धांजलि के बाद अभय तिवारी और उनकी टीम मंडलीय जिला चिकित्सालय, आजमगढ़ पहुंचे जहां विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों के बीच जाकर फल वितरित किए गए। बीमार वृद्धों से लेकर बच्चों तक सभी को सम्मानपूर्वक फल प्रदान किए गए। मरीजों और परिजनों के चेहरों पर आई मुस्कान इस मानवीय पहल की सच्ची सफलता थी।
“घर में बुजुर्ग न हों तो घर, घर नहीं रहता” – अभय तिवारी
मीडिया से बातचीत के दौरान अभय तिवारी कई बार भावुक दिखे। उन्होंने कहा –
“घर नहीं रहती दहलीज नहीं रहता, दीवारो-दर नहीं रहता… घर में बुजुर्ग ना हों तो घर, घर नहीं रहता।”
उन्होंने बताया कि दादी का साथ छूटे दो वर्ष गुजर गए, लेकिन ये दो वर्ष मानो बीस वर्ष के बराबर रहे। अभय ने कहा कि उनके व्यक्तित्व में जो भावनात्मकता, मनुष्यता और प्रेरणा दिखती है, वह दादी के आशीर्वाद और शिक्षाओं का परिणाम है।

बुजुर्गों का सम्मान ही परिवार की असली पूंजी
अभय तिवारी ने कहा कि बुजुर्ग परिवार की विरासत और मार्गदर्शक होते हैं। उन्हें याद करने का सबसे श्रेष्ठ तरीका इसी तरह समाजसेवा के माध्यम से अच्छाई को आगे बढ़ाना है। पुण्यतिथि को सेवा से जोड़कर अभय तिवारी ने युवा पीढ़ी के सामने एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया।
गणमान्यों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बाबा बैजनाथ जी पीजी कॉलेज के प्रबंधक श्री संजय कुमार राय रहे। इसके अलावा द मिडिएटर इन्फो मीडिया के उप प्रबंधक जगदंबा उपाध्याय, प्रधान उज्ज्वल पाठक, प्रवीण उपाध्याय, अभिषेक उपाध्याय, आकाश राय, अंगद उपाध्याय, अभिषेक तिवारी, शिवम् राय सहित कई लोग उपस्थित रहे।
कुल मिलाकर स्वर्गीय विमला तिवारी की दूसरी पुण्यतिथि एक सकारात्मक सामाजिक संदेश और सेवा के उत्सव में बदल गई। मरीजों में मुस्कान बांटकर अभय तिवारी ने यह साबित किया कि अपने बड़ों की स्मृतियों को जीवंत रखने का सबसे श्रेष्ठ मार्ग मानवता की सेवा है।
सवाल-जवाब (FAQ)
स्वर्गीय विमला तिवारी कौन थीं?
वे लोकप्रिय मंच संचालक और एंकर अभय तिवारी की दादी थीं, जिनका व्यक्तित्व अत्यंत सरल, स्नेहिल और संस्कारपूर्ण था।
दूसरी पुण्यतिथि पर क्या-क्या कार्यक्रम हुए?
आवास पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम और इसके बाद मंडलीय जिला चिकित्सालय में करीब 200 मरीजों को फल वितरण किया गया।
फल वितरण कहां हुआ और कितने मरीजों को लाभ मिला?
मंडलीय जिला चिकित्सालय, आजमगढ़ में लगभग 200 मरीजों को फल वितरण किया गया।
अभय तिवारी ने क्या संदेश दिया?
उन्होंने कहा कि घर में बुजुर्ग ही घर की पहचान होते हैं और उनकी सीख को समाजसेवा के माध्यम से आगे बढ़ाना ही सच्ची श्रद्धांजलि है।






