भगवान भजनाश्रम ट्रस्ट ने कोल आदिवासी बस्तियों में वितरित की खाद्य सामग्री — जरूरतमंदों के चेहरे खिले

🖊 संजय सिंह राणा की रिपोर्ट — चित्रकूट
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चित्रकूट, 4 दिसंबर। मानवता आज भी जीवित है—ऐसी ही मिसाल प्रस्तुत की भगवान भजनाश्रम वृंदावन शाखा चित्रकूट ने। ट्रस्ट की ओर से
कोषाध्यक्ष बिहारी सर्राफ और अग्रवाल एसोसिएट दिल्ली के सहयोग से सामाजिक उत्तरदायित्व की एक प्रेरक पहल के तहत
कुल 151 अत्यंत जरूरतमंद आदिवासी परिवारों को खाद्यान्न व आवश्यक सामग्री वितरित की गई। सरैंया गांव स्थित विनय नगर घाटी कोलान
बस्ती में अति गरीब, वृद्धजनों और दिव्यांगजनों को राहत सामग्री उप जिलाधिकारी मानिकपुर
मोहम्मद जसीम की मौजूदगी में प्रदान की गई।

खंड के अत्यंत आर्थिक रूप से कमजोर क्षेत्रों में स्थित कोल जनजाति की बस्तियों में हर दिन दो वक्त की रोटी जुटाना एक संघर्ष से कम नहीं है।
ऐसे में भगवान भजनाश्रम ट्रस्ट द्वारा संचालित यह वितरण कार्यक्रम इन परिवारों के लिए बड़ी राहत साबित हुआ। वितरण के दौरान उनके
चेहरों पर जो सुकून और खुशी दिखाई दी, वही इस अभियान की वास्तविक सफलता को दर्शाता है।

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क्या वितरित किया गया?

ट्रस्ट ने यह सुनिश्चित किया कि हर परिवार को केवल अनाज ही नहीं बल्कि दैनिक जीवन में उपयोग आने वाली आवश्यक सामग्रियाँ भी
मिलें। वितरण किट में आटा, दाल, चावल, गुड़, मसाला, सरसों का तेल, चीनी, गर्म टोपा, मोजे और आवश्यक घरेलू सामग्री शामिल रही।
महेश कोल के सहयोग से आयोजित इस सेवा कार्यक्रम में हर जरूरतमंद तक सामग्री पहुँचने का विशेष ध्यान रखा गया।

“गरीबों की सेवा ही ईश्वर की सेवा” — समाजसेवी केशव प्रसाद यादव

कार्यक्रम के दौरान समाजसेवी केशव प्रसाद यादव ने कहा—
“गरीबों की सेवा ही ईश्वर की सेवा है। हम सभी इसी सोच के साथ आपसी सहयोग से कंबल और खाद्य सामग्री बांट रहे हैं।
आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा।”

उन्होंने बताया कि ट्रस्ट की ओर से घाटा कोलान मानिकपुर की आदिवासी बस्ती में अन्न वितरण किया गया जिसमें
उप जिलाधिकारी मोहम्मद जसीम मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने वितरण कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि
पाठा के गरीब इलाकों में इस तरह की सेवा मिशन के रूप में जारी रहनी चाहिए, क्योंकि इससे सामाजिक समरसता और मानवता मजबूत होती है।

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सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने निभाई महत्त्वपूर्ण भूमिका

अन्न वितरण कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष रामावतार यादव, समाजसेवी एवं पूर्व प्रशासनिक अधिकारी केशव प्रसाद यादव,
सभासद शंकर प्रसाद यादव, समाजसेवी आर.के. शर्मा, दिलीप अवस्थी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव कामरेड अमित यादव,
सुमित, जानकी, छोटेलाल और शिव प्रकाश सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे और वितरण में सहयोग किया।

आदिवासी परिवारों के बीच सेवा कार्यक्रम का व्यापक प्रभाव देखने को मिला। कई परिवारों ने बताया कि आज के समय में महँगाई और बेरोजगारी
के कारण भोजन की व्यवस्था करना कठिन होता जा रहा है। ऐसे में भगवान भजनाश्रम ट्रस्ट ने जो सहयोग किया है, वह उनके लिए किसी वरदान
से कम नहीं है।

समाज में मानवता और सहयोग का संदेश

पाठा क्षेत्र के लोगों का मानना है कि धर्म, समाज और सेवा को एक-दूसरे से जोड़कर चलना ही सच्चा मानवीय धर्म है। इस कार्यक्रम ने दिखाया कि
यदि सामाजिक संस्थाएँ और समर्थ लोग आगे आएँ, तो समाज में कोई भी गरीब भूखा नहीं रहेगा। मानवता, करुणा और भाईचारा ही वह आधार है
जो इस पहल को विशेष बनाता है।

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स्थानीय ग्रामीणों ने भी ट्रस्ट के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे कार्य केवल सामान बांटने तक सीमित नहीं होते, बल्कि
वे समाज को यह सिखाते हैं कि एक-दूसरे की मदद करके ही सामूहिक विकास संभव है।


🔶 क्लिक करें और सवाल–जवाब पढ़ें

👉 भगवान भजनाश्रम ट्रस्ट यह सेवा अभियान आगे भी जारी रखेगा?

हाँ। ट्रस्ट ने घोषणा की है कि आगे भी समय-समय पर जरूरतमंद परिवारों को कंबल, खाद्यान्न और दैनिक सामग्री वितरित की जाएगी।

👉 क्या वितरण केवल कोल आदिवासियों के लिए था?

प्राथमिक रूप से यह वितरण कार्यक्रम कोल आदिवासी परिवारों के लिए था क्योंकि वे आर्थिक दृष्टि से सबसे अधिक कमजोर वर्ग में आते हैं।

👉 क्या सरकारी प्रशासन भी कार्यक्रम से जुड़ा था?

हाँ, उप जिलाधिकारी मानिकपुर मोहम्मद जसीम मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने ट्रस्ट एवं टीम की सराहना की।

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