
कामां – मां की ममता को इस दुनिया में सबसे पवित्र और त्यागमयी माना जाता है, लेकिन राजस्थान के कामां इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना ने इस भावनात्मक रिश्ते को शर्मसार कर दिया। यहां एक नाबालिग बेटे ने महज़ 7 हजार रुपए की खातिर अपनी ही मां की बेरहमी से हत्या कर दी। गरीबी, लालच और गुस्से के बवंडर में मासूम बचपन ने ऐसा हैवान रूप लिया कि घर में मौजूद परिवार और पड़ोसियों की आंखों के सामने एक मां की सांसें छिन गईं।
जानकारी के अनुसार, कामां थाना क्षेत्र के राधानगरी निवासी रुक्सीना (40) के पास उनके नाबालिग बेटे ने होटल में काम करके कमाए हुए 7 हजार रुपए सुरक्षित रखने के लिए देकर रखवाए थे। बीते रविवार जब किशोर ने मां से पैसे वापस मांगे, तो रुक्सीना ने सुरक्षा और भविष्य की चिंता को देखते हुए उसे फिलहाल पैसे देने से मना कर दिया। यह इनकार उस नाबालिग को इतना नागवार गुज़रा कि उसने कुछ ही मिनटों में एक ऐसा निर्णय ले लिया जिसने पूरी बस्ती को हिलाकर रख दिया।
लोहे की रॉड से ताबड़तोड़ वार, देखते रह गए परिवार और पड़ोसी
गुस्से की आग में जलते हुए किशोर ने घर में रखी लोहे की रॉड उठाई और अपनी मां के सिर पर ताबड़तोड़ कई वार करने शुरू कर दिए। चीखते-चिल्लाते हुए रुक्सीना ने अपनी जान बचाने की कोशिश की, लेकिन किशोर का हमला इतना तेज और अचानक था कि वह मौके पर ही लहूलुहान होकर गिर गईं। यह भयावह दृश्य परिवार और आसपास मौजूद लोगों ने अपनी आंखों से देखा और सदमे में डूब गए।
आनन-फानन में परिजन और पड़ोसी उन्हें गंभीर हालत में कामां अस्पताल ले गए, लेकिन उपचार के दौरान रुक्सीना ने दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की।
पति की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज, नाबालिग गिरफ्तार
पुलिस ने सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। वहीं मृतका के पति की तहरीर पर नाबालिग बेटे के खिलाफ पत्नी की हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपी किशोर को हिरासत में ले लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है। बाल अपराध से जुड़े प्रावधानों के तहत किशोर को बाल न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
पूरे क्षेत्र में सनसनी, समाज पर बड़े सवाल
इस हृदय विदारक घटना से पूरे क्षेत्र में दहशत और शोक का माहौल है। लोग विश्वास नहीं कर पा रहे कि एक बेटा अपनी मां की मौत का कारण बन सकता है। मोहल्ले में चर्चा और बेचैनी का माहौल है — क्या बढ़ती आर्थिक परेशानी, गलत संगत, या अचानक बढ़ी जिम्मेदारियों का बोझ नाबालिग को पथभ्रष्ट कर गया? क्या माता-पिता और बच्चों के बीच संवाद की कमी भी ऐसी घटनाओं की पृष्ठभूमि तैयार करती है?
समाजशास्त्रियों का मानना है कि बच्चों में धन की लालसा, आक्रोश और धैर्यहीनता तेजी से बढ़ रही है। पारिवारिक दबाव, गरीबी और आर्थिक तनाव जब मानसिक अस्थिरता से मिलते हैं तो परिणाम कभी-कभी बेहद खतरनाक होते हैं। यह घटना केवल एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि समाज के लिए चेतावनी है कि बच्चों की मनोवैज्ञानिक स्थिति को समझना और सँभालना आज पहले से कहीं अधिक आवश्यक है।
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इस हत्या के पीछे मुख्य कारण क्या बताया जा रहा है?
नाबालिग बेटे ने मां के पास रखे 7 हजार रुपये मांगे, और मां द्वारा सुरक्षा कारणों से पैसे देने से इंकार किए जाने पर उसने गुस्से में हत्या कर दी।
क्या आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है?
हाँ, पुलिस ने किशोर को हिरासत में लेकर बाल न्याय बोर्ड की कार्यवाही के लिए प्रस्तुत कर दिया है।
रुक्सीना की मौत कब हुई?
हमले के तुरंत बाद अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
क्या पड़ोसियों ने वारदात को देखा?
घटना परिवार और पड़ोसियों के सामने हुई, इसलिए सभी प्रत्यक्षदर्शी सदमे में हैं।






