
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जनपद से भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अहम कार्रवाई सामने आई है। एंटी करप्शन यूनिट की बांदा इकाई ने कर्वी तहसील में तैनात एक कानूनगो को5 हजार रुपये की घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि आरोपी कानूनगो किसान की जमीन की हकबंदी करने के एवज में रिश्वत मांग रहा था। एंटी करप्शन टीम की इस कार्रवाई से राजस्व विभाग के भ्रष्ट कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है और इलाके में इस घटना की व्यापक चर्चा हो रही है।
कैसे खुला कानूनगो के भ्रष्टाचार का खेल?
पूरा मामला कर्वी तहसील के कालूपुर पाही गांव का बताया जा रहा है। यहां के निवासी
किसान राम प्रकाश की जमीन से जुड़ा हकबंदी का कार्य लंबे समय से लंबित था। आरोप है कि तहसील में तैनात कानूनगो ओम प्रकाश ने हकबंदी की फाइल आगे बढ़ाने और राजस्व रिकॉर्ड में जरूरी प्रविष्टि करने के नाम पर राम प्रकाश से 5 हजार रुपये की घूस की मांग की।
बताया जाता है कि पहले तो किसान ने किसी तरह बात टालने की कोशिश की, लेकिन जब लगातार दबाव बनाया गया तो उसने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का निश्चय किया। इसके बाद पीड़ित किसान सीधेएंटी करप्शन यूनिट की बांदा इकाई के संपर्क में आया और वहां तैनात अधिकारियों से कानूनगो की रिश्वतखोरी की पूरी जानकारी देते हुए लिखित शिकायत दर्ज कराई।
एंटी करप्शन टीम ने बिछाया जाल, रिश्वत लेते ही धर दबोचा
किसान राम प्रकाश की शिकायत के आधार पर एंटी करप्शन टीम ने पूरी योजना बनाई। टीम ने पहले शिकायत की सत्यता की पड़ताल की, फिर रिश्वत लेने की पुख्ता स्थिति बनने पर ट्रैप प्लान तैयार किया। तय समय के अनुसार किसान रुपए लेकर कानूनगो के पास पहुंचा और दूसरी ओर पहले से सतर्क एंटी करप्शन की टीम आस-पास निगरानी में जुटी रही।
जैसे ही कानूनगो ओम प्रकाश ने किसान से 5,000 रुपये की घूस की रकम
अपने कब्जे में ली, एंटी करप्शन यूनिट की टीम ने तत्काल दबिश देते हुए उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि टीम ने मौके से बरामद नकदी और अन्य संबंधित साक्ष्यों को अपने कब्जे में लिया, ताकि आगे की कानूनी कार्रवाई में किसी प्रकार की कमी न रह जाए।
कर्वी कोतवाली में मुकदमा दर्ज, आरोपी को कोर्ट में पेश करने के लिए रवाना
एंटी करप्शन टीम ने मौके पर ही आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आरोपी कानूनगो को अपने साथ कर्वी कोतवाली ले जाकर उसके खिलाफ भ्रष्टाचार से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया।
प्राथमिक जानकारी के अनुसार घूसखोरी के इस मामले में आरोपी पर गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। इसके बाद विधिक प्रक्रिया के तहत कानूनगो ओम प्रकाश को आगे की कार्रवाई के लिए
लखनऊ स्थित संबंधित एंटी करप्शन कोर्ट में पेश करने के उद्देश्य से टीम उसे लेकर रवाना हो गई।
पुलिस व एंटी करप्शन अधिकारी मामले से जुड़े दस्तावेज, बयान और बरामद रिश्वत की रकम को साक्ष्य के रूप में अदालत के समक्ष पेश करेंगे। इस कार्रवाई के बाद विभागीय स्तर पर भी कानूनगो के निलंबन और आगे की
अनुशासनात्मक कार्यवाही की संभावना जताई जा रही है।
हकबंदी के नाम पर भ्रष्टाचार, किसानों की मजबूरी बनते हैं राजस्व कर्मचारी
गांवों में जमीन से जुड़े मामलों में हकबंदी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है, जिसमें खसरा-खतौनी, नामांतरण और हिस्सों के बंटवारे की दर्ज प्रविष्टियां की जाती हैं। अक्सर देखा जाता है कि किसान पढ़े-लिखे न होने या राजस्व प्रक्रिया की तकनीकी जानकारी न होने के कारण पूरी तरह लेखपाल, कानूनगो और अन्य राजस्व कर्मचारियों पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में कई भ्रष्ट कर्मचारी इस स्थिति का फायदा उठाकर किसानों से रिश्वत की मांग करते हैं।
कालूपुर पाही गांव के किसान राम प्रकाश का मामला भी इसी श्रेणी में आता है, जहां जमीन की हकबंदी के नाम पर कथित तौर पर अवैध वसूली की कोशिश की गई। हालांकि इस बार किसान ने चुप रहने के बजाय एंटी करप्शन यूनिट का दरवाजा खटखटाया, जिसके चलते यह मामला उजागर हो सका और कानूनगो को
रंगे हाथों गिरफ्तार कराया जा सका। यह कदम अन्य किसानों के लिए भी एक संदेश है कि
वे भ्रष्टाचार को मजबूरी न मानें, बल्कि उसके खिलाफ आवाज उठाएं।
एंटी करप्शन कार्रवाई से भ्रष्टाचारियों में हड़कंप, ईमानदार व्यवस्था की उम्मीद
एंटी करप्शन टीम की बांदा इकाई द्वारा की गई इस कार्रवाई ने पूरे राजस्व महकमे में हलचल मचा दी है। बताया जा रहा है कि कर्वी तहसील और आसपास के इलाकों में तैनात उन कर्मचारियों में
हड़कंप मच गया है जो अब तक खुलेआम किसानों और आम लोगों से अवैध वसूली करते रहे हैं।
स्थानीय लोग इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सकारात्मक संदेश के रूप में देख रहे हैं।
आम लोगों का मानना है कि यदि इस तरह की ट्रैप कार्रवाई और सख्त निगरानी लगातार जारी रही, तो सरकारी दफ्तरों में पैठ बना चुकी रिश्वतखोरी पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है।
साथ ही पीड़ित पक्ष की जागरूकता भी उतनी ही जरूरी है, क्योंकि बिना शिकायत और ठोस पहल के
भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी होती जाती हैं।
फिलहाल, चित्रकूट के कर्वी तहसील क्षेत्र में हुई इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यदि पीड़ित नागरिक साहस के साथ आगे आएं और एंटी करप्शन जैसी एजेंसियों को स्पष्ट जानकारी दें, तो भ्रष्टाचारी चाहे कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता।
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सवाल 1: कानूनगो को कहाँ और कितनी घूस लेते हुए पकड़ा गया?
एंटी करप्शन यूनिट की बांदा इकाई ने कर्वी तहसील क्षेत्र में तैनात कानूनगो ओम प्रकाश को
किसान राम प्रकाश से 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
यह रिश्वत जमीन की हकबंदी करने के एवज में मांगी गई थी।
सवाल 2: शिकायत किसने की और मामला किस गांव से जुड़ा है?
शिकायत कालूपुर पाही गांव के निवासी पीड़ित किसान राम प्रकाश ने की थी।
उन्होंने एंटी करप्शन टीम की बांदा इकाई को लिखित रूप से बताया कि कर्वी तहसील में तैनात कानूनगो
ओम प्रकाश हकबंदी के नाम पर उनसे 5 हजार रुपये की घूस मांग रहा है।
सवाल 3: आरोपी कानूनगो के खिलाफ आगे क्या कानूनी कार्रवाई की गई?
एंटी करप्शन टीम ने आरोपी कानूनगो ओम प्रकाश को घूस लेते हुए पकड़ने के बाद
कर्वी कोतवाली में उसके खिलाफ भ्रष्टाचार से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया।
इसके बाद उसे आगे की कार्यवाही और कोर्ट में पेश करने के लिए लखनऊ के लिए रवाना कर दिया गया।
सवाल 4: इस कार्रवाई से इलाके में क्या संदेश गया है?
इस ट्रैप कार्रवाई से राजस्व विभाग के भ्रष्ट कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।
साथ ही किसानों और आम नागरिकों को यह संदेश मिला है कि यदि वे साहस के साथ शिकायत दर्ज कराएं,
तो एंटी करप्शन जैसी एजेंसियां सक्रिय होकर रिश्वतखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकती हैं।