
संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट बम हमला मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए प्रयागराज जिले के तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। अधिवक्ता संघ के जिलाध्यक्ष अशोक गुप्ता के आवास पर 30 सितंबर की रात हुए इस चित्रकूट बम हमला कांड ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी थी। लगभग दो माह की गहन जांच के बाद पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने न सिर्फ आरोपियों को पकड़ा, बल्कि यह भी उजागर किया कि हमले की साजिश में अधिवक्ता संघ के दो पूर्व पदाधिकारी भी शामिल थे।
इस चित्रकूट बम हमला मामले में गिरफ्तार तीनों अपराधियों—आकाश तिवारी उर्फ राहुल, ऋषभ कनौजिया उर्फ सांडा और बंटी पाल—ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया कि उन्हें 50 हजार रुपये में बम फेंकने की सुपारी दी गई थी। वहीं दो अन्य साथी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस कई स्थानों पर दबिश दे रही है।
कैसे रची गई चित्रकूट बम हमला की खतरनाक साजिश?
पूछताछ में सामने आया कि चित्रकूट बम हमला की पूरी योजना प्रयागराज में तैयार हुई थी। पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेश तिवारी और पूर्व महामंत्री नवीन तिवारी ने अपने मतभेद और पुरानी रंजिश के कारण यह हमला करवाने की योजना बनाई। उन्होंने आरोपी आकाश तिवारी को अशोक गुप्ता के घर का लोकेशन, रास्ता, समय और पूरा प्लान समझाया।
तीनों अपराधियों ने बताया कि वे बम बनाना अच्छी तरह जानते हैं और उन्होंने चित्रकूट से ही सुतली बम बनाने के लिए सामग्री खरीदी। इसके बाद देर रात बाइक से स्टेशन रोड स्थित जिलाध्यक्ष के आवास पहुंचे और गेट पर बम फेंककर भाग निकले।
हमले के बाद प्रयागराज भागे आरोपी
चित्रकूट बम हमला में शामिल ये अपराधी वारदात के बाद शहर से निकलकर हनुमानधारा मार्ग होते हुए शिवरामपुर पहुंचे। वहां से छुपते-छुपाते प्रयागराज लौट गए। पुलिस ने जब इनके मोबाइल, लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो तसदीक हुई कि घटना में प्रयागराज के अपराधी ही शामिल हैं।
कौन है मास्टरमाइंड? 15 मुकदमों का हिस्ट्रीशीटर
चित्रकूट बम हमला मामले का मुख्य साजिशकर्ता आकाश तिवारी उर्फ राहुल बताया गया है। इसके खिलाफ पहले से डबल मर्डर, लूट, बमबाजी, हत्या का प्रयास जैसे 15 गंभीर केस दर्ज हैं। यह कई बार नैनी जेल जा चुका है।
इसी तरह ऋषभ कनौजिया पर भी हत्या और लूट समेत 15 केस दर्ज हैं, जबकि बंटी पाल भी हत्या और बमबाजी के 4 मामलों में वांछित रहा है।
अधिवक्ता भी शामिल! क्यों करवाया चित्रकूट बम हमला?
इस चित्रकूट बम हमला कांड में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि साजिशकर्ताओं में दो अधिवक्ताओं के नाम भी सामने आए हैं। सुरेश तिवारी और नवीन तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने पुरानी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई के कारण जिलाध्यक्ष अशोक गुप्ता पर हमला करवाया।
पुलिस का कहना है कि दोनों अधिवक्ताओं के खिलाफ भी ठोस सबूत जुटाए जा रहे हैं और जांच पूरी होने के बाद इन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इससे पूरे जिले में अधिवक्ता समुदाय में भारी आक्रोश है, क्योंकि चित्रकूट बम हमला ने वकालत जगत की छवि पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
50 हजार रुपये में तय हुआ सौदा
पुलिस की जांच में यह खुलासा चौंकाने वाला था कि इतना बड़ा चित्रकूट बम हमला महज 50 हजार रुपये में करवाया गया था। आरोपियों ने बताया कि उन्हें 30 हजार अग्रिम और 20 हजार वारदात के बाद देने का वादा किया गया था।
एसपी ने कहा—अभी और गिरफ्तारियां होंगी
अपर एसपी सत्यपाल सिंह ने बताया कि चित्रकूट बम हमला मामले में शामिल फरार आरोपी भी जल्द गिरफ्तार किए जाएंगे। पुलिस उनके संभावित ठिकानों पर लगातार छापे मार रही है।
उन्होंने कहा कि यह केवल एक हमला नहीं, बल्कि एक “आपराधिक सिंडिकेट” था जिसमें अपराधी, स्थानीय गाइड और अधिवक्ता तीनों शामिल थे। पुलिस इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की तैयारी में जुटी है।
चित्रकूट बम हमला: जिले में सुरक्षा पर उठे सवाल
चित्रकूट बम हमला के बाद जिले में सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठे हैं। अधिवक्ता संघ लगातार मांग कर रहा है कि
— जिलाध्यक्ष को सुरक्षा दी जाए
— घटना की SIT जांच हो
— वकीलों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रोटोकॉल बने
इस घटना ने अपराधियों के बढ़ते मनोबल और स्थानीय नेटवर्क की गहरी जड़ों को उजागर कर दिया है, जिसे खत्म करना पुलिस के लिए चुनौती बन गया है।
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चित्रकूट बम हमला कब हुआ था?
यह हमला 30 सितंबर की रात अधिवक्ता संघ के जिलाध्यक्ष के घर हुआ था।
चित्रकूट बम हमला किसने करवाया?
पुलिस के अनुसार यह साजिश अधिवक्ता संघ के दो पूर्व पदाधिकारियों ने रची और हमला प्रयागराज के अपराधियों ने किया।
गिरफ्तार आरोपियों पर कौन-कौन से केस हैं?
गिरफ्तार तीनों आरोपी हिस्ट्रीशीटर हैं और इनके खिलाफ हत्या, लूट, डकैती, बमबाजी, हत्या के प्रयास समेत कई मामले दर्ज हैं।
क्या चित्रकूट बम हमला केस में और गिरफ्तारियां होंगी?
हाँ, पुलिस ने कहा है कि दो फरार आरोपी और साजिशकर्ता भी जल्द गिरफ्त में होंगे।