
अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी (BJP) और
निर्वाचन आयोग पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि
SIR प्रक्रिया (Special Intensive Revision) के बहाने
उन विधानसभा क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर 50 हजार से अधिक वोट काटने की तैयारी हो रही है,
जहां 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा और इंडिया गठबंधन को बढ़त मिली थी।
अखिलेश यादव ने यह आरोप मुलायम सिंह यादव की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान लगाया।
उन्होंने कहा कि BJP मुद्दों पर घिरती जा रही है और जनता में उसका प्रभाव लगातार कम हो रहा है,
इसी कारण विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR को एक साजिश के रूप में लागू किया जा रहा है।
SIR प्रक्रिया के नाम पर वोट कटवाने की साजिश — अखिलेश यादव
सपा प्रमुख ने कहा कि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में
BJP और निर्वाचन आयोग मिलकर एक बड़ी योजना के तहत उन इलाकों को निशाना बना रहे हैं,
जहां 2024 के चुनाव में भाजपा को नुकसान हुआ। उनका कहना है कि
SIR प्रक्रिया को सिर्फ एक औपचारिकता के रूप में नहीं, बल्कि
विपक्षी मतदाताओं को हटाने के नए तरीके के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि यदि SIR के नाम पर यह छेड़छाड़ जारी रही तो लोकतंत्र की विश्वसनीयता खुद खतरे में पड़ जाएगी।
उन्होंने चेतावनी दी कि समाजवादी पार्टी इसके विरोध में जनांदोलन छेड़ने से भी पीछे नहीं हटेगी।
2024 के आंकड़ों ने बढ़ाई BJP की चिंता: सपा को 183 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त
अखिलेश यादव ने अपने बयान में 2024 लोकसभा चुनावों का पूरा डेटा भी सामने रखा।
उनके अनुसार, विधानसभा और लोकसभा के नतीजों में बड़ा अंतर सामने आया है:
- 2022 विधानसभा चुनाव में BJP को 255 सीटें मिली थीं
- लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव में उसे सिर्फ 162 विधानसभा क्षेत्रों पर ही बढ़त मिल पाई
- सपा ने 2024 में 183 विधानसभा क्षेत्रों में सबसे अधिक वोट हासिल किए
- सिर्फ दो सीट जीतने वाली कांग्रेस ने भी 40 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाई
इन्हीं क्षेत्रों में SIR प्रक्रिया के तहत
वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ की संभावना सबसे अधिक जताई जा रही है।
अखिलेश के अनुसार, BJP चाहती है कि 2027 के चुनावों से पहले विपक्ष की वोटबैंक कमजोर कर दी जाए।
SIR के बहाने 50 हजार वोट तक हटाने की तैयारी: सपा का दावा
अखिलेश यादव ने स्पष्ट कहा कि एक-एक विधानसभा क्षेत्र में लगभग
50 हजार तक मतदाता नाम हटाने की शिकायतें आ रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कई जगहों पर वैध मतदाताओं को नोटिस भेजकर ग़लत तरीके से “डाउटफुल वोटर” बताया जा रहा है।
अखिलेश के शब्दों में —
“जब BJP जनता के मुद्दों पर घिरने लगी, तब SIR प्रक्रिया को साजिशन सामने लाया गया।”
उन्होंने निर्वाचन आयोग से मांग की कि SIR प्रक्रिया का समय बढ़ाया जाए,
ताकि गलत तरीके से हटाए गए मतदाताओं के नाम फिर से जोड़े जा सकें।
उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल पर BJP का विशेष फोकस क्यों?
अखिलेश यादव के अनुसार, 2024 के चुनाव नतीजों में BJP को अब तक का सबसे बड़ा झटका
इन्हीं दो राज्यों में लगा, इसलिए दोनों ही प्रदेशों में SIR प्रक्रिया को
तेज़ी से लागू कराया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और उत्तर प्रदेश में सपा-इंडिया गठबंधन की मजबूती ने
बीजेपी को रणनीति बदलने के लिए मजबूर कर दिया है।
इसी रणनीति का एक अहम हिस्सा वोटर लिस्ट रिवीजन बताया जा रहा है।
FAQ – क्लिक करें और जवाब देखें
क्या सचमुच SIR प्रक्रिया में वोट काटे जा रहे हैं?
सपा का दावा है कि कई विधानसभा क्षेत्रों में बड़ी संख्या में वैध वोटरों के नाम हटाने की शिकायतें मिली हैं।
SIR प्रक्रिया का उद्देश्य क्या होता है?
SIR यानी Special Intensive Revision, मतदाता सूची के पुनरीक्षण का विशेष अभियान है जिसमें पुराने, डुप्लिकेट या गलत प्रविष्टियां हटाई जाती हैं।
क्या इस मुद्दे का असर 2027 के चुनाव पर पड़ेगा?
यदि हजारों मतदाता सूची से बाहर कर दिए गए, तो इसका सीधा असर 2027 के विधानसभा चुनावों पर पड़ेगा।