
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट,
उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में स्थित सर्वेश्वर साईं मंदिर आजकल पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां 16 नवंबर की रात मंदिर में तैनात पुजारी मनोज शंखधार की गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी। वारदात की क्रूरता और मंदिर के भीतर हुई हत्या ने लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए थे। पुलिस जांच में धीरे-धीरे जो सच सामने आया, उसने इस पूरे बदायूं पुजारी हत्याकांड को नए मोड़ पर ला खड़ा किया।
शुरुआत में ऐसा प्रतीत हुआ कि मंदिर में चोरी के इरादे से घुसे बदमाशों ने हत्या कर दी होगी। क्योंकि मंदिर से भगवान के चांदी के मुकुट, मोबाइल फोन और डीवीआर गायब थे। लेकिन पुलिस की गहरी और तकनीकी जांच ने कहानी की असल परतें खोलीं—यह कोई सामान्य लूट नहीं, बल्कि रिश्तों में पनपे अवैध संबंध, बदले की भावना और साजिश का भयावह परिणाम था।
एसएसपी डॉ. बृजेश सिंह ने खुलासा किया कि पुजारी मनोज का अपने बड़े भाई की शादीशुदा साली से अवैध संबंध था, जिसकी शादी हिमांशु नामक युवक से हुई थी। शादी के बाद भी पुजारी और युवती का संपर्क जारी रहा, जिससे घरेलू विवाद बढ़े और बात दहेज उत्पीड़न के मुकदमे तक पहुंची। यह विवाद धीरे-धीरे बदले की आग बन गया, जिसने अंततः बदायूं पुजारी हत्याकांड को जन्म दिया।
कैसे रची गई हत्या की भयावह साजिश
हिमांशु ने अपने भाइयों विशेष और नीतेश के साथ मिलकर मनोज को खत्म करने की ठानी। योजना के अनुसार 16 नवंबर की शाम नीतेश मंदिर पहुंचा। पुजारी से सामान्य बात करते हुए उसने खाना भी साथ खाया और रात वहीं सोने का नाटक किया।
रात करीब 1:45 बजे विशेष और हिमांशु बाइक से मंदिर आए। नीतेश पहले से मौजूद था। तीनों ने मिलकर गमछे से मनोज का गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद पूरी वारदात को लूट जैसा दिखाने के लिए मुकुट, मोबाइल और डीवीआर उठा ले गए।
वारदात के बाद सबूत मिटाने की कोशिश
हत्या के तुरंत बाद तीनों आरोपी हिमांशु के घर पहुंचे। वहां उन्होंने खून के धब्बे लगे कपड़े जला दिए और नए कपड़े पहन लिए। डीवीआर को भी आग के हवाले कर तमाम साक्ष्यों को नष्ट करने की कोशिश की गई।
पूरी साजिश में हिमांशु के परिवार के कई सदस्य भी जानकार थे, जिसने बदायूं पुजारी हत्याकांड को और भी गंभीर बना दिया।
पुलिस की तेज़ कार्रवाई, 19 नवंबर को तीनों आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने जब तकनीकी जांच, मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल्स खंगाले, तो सच्चाई धीरे-धीरे सामने आने लगी। तीनों आरोपियों पर 25–25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। अंततः 19 नवंबर को बिल्सी रोड के पास सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उन्होंने अपना जुर्म कबूल भी कर लिया।
समाज के लिए बड़ा सबक
बदायूं पुजारी हत्याकांड यह बताता है कि अवैध संबंध, संदेह और बदले की भावना कैसे धीरे-धीरे एक परिवार को तोड़कर भयावह अपराध का रूप ले लेते हैं। मंदिर जैसे पवित्र स्थल के भीतर हुई यह हत्या समाज के लिए चेतावनी भी है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
प्रश्न 1: बदायूं पुजारी हत्याकांड कब हुआ?
उत्तर: यह हत्याकांड 16 नवंबर की रात सर्वेश्वर साईं मंदिर, बदायूं में हुआ।
प्रश्न 2: बदायूं पुजारी हत्याकांड में आरोपी कौन हैं?
उत्तर: मुख्य आरोपी हिमांशु, उसका साला विशेष और छोटा साला नीतेश हैं।
प्रश्न 3: हत्या की वजह क्या रही?
उत्तर: पुजारी मनोज का हिमांशु की पत्नी (जो उसकी साली भी है) के साथ अवैध संबंध इस हत्या का मुख्य कारण था।
प्रश्न 4: आरोपियों को कब पकड़ा गया?
उत्तर: पुलिस ने तीनों आरोपियों को 19 नवंबर को गिरफ्तार किया।






