
टिक्कू आपचे की रिपोर्ट
महाराष्ट्र में महाराष्ट्र निकाय चुनाव 2024 की तैयारियां अपने चरम पर पहुंच चुकी हैं।
2 दिसंबर को आयोजित होने वाले निकाय चुनाव के लिए 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों में मतदान होना है।
नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब सभी दल चुनावी मैदान में पूरी ताकत झोंककर उतरे हुए हैं।
इसी बीच AIMIM नेता वारिस पठान का तीखा बयान राजनीतिक हलकों में नई गरमी लेकर आया है।
उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) की महाराष्ट्र इकाई और इसके अध्यक्ष अबू आजमी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि
सपा यहां स्वतंत्र नहीं, बल्कि “फडणवीस की चाबी” से चलती है।
यह विवाद महाराष्ट्र निकाय चुनाव 2024 में एक नए राजनीतिक समीकरण की ओर संकेत करता है।
सपा गठबंधन से बाहर, AIMIM का हमला तेज
सपा अध्यक्ष अबू आजमी ने हाल ही में घोषणा की थी कि उनकी पार्टी
निकाय चुनाव में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
इस बयान ने विपक्षी खेमे में हलचल पैदा की, क्योंकि पिछले चुनावों में
महाविकास अघाड़ी (MVA) के साथ सपा के संबंध कई उतार-चढ़ाव से गुजरे थे।
आजमी के इसी बयान पर AIMIM नेता वारिस पठान ने कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया दी और
महाराष्ट्र की सपा नेतृत्व पर सवाल उठाए।
उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र निकाय चुनाव 2024 में सपा की भूमिका संदिग्ध है
और यह अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है।
वारिस पठान बोले—“सपा को फडणवीस चलाते हैं”
AIMIM नेता वारिस पठान ने अपने बयान में कहा:
“महाराष्ट्र की सपा की चाबी न तो अखिलेश यादव के पास है और न ही किसी विपक्षी दल के पास।
यह चाबी सीधे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास है। फडणवीस जितनी सीटों पर लड़ने को कहेंगे,
सपा उतनी ही सीटों पर मैदान में उतर जाएगी।”
उन्होंने आरोप लगाया कि सपा वही करती है जो भाजपा नेतृत्व चाहता है।
उनके अनुसार यह कोई संयोग नहीं कि पिछले चुनावों में सपा ने
कई सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार उतारे, जिससे भाजपा को फायदा हुआ।
यह मुद्दा महाराष्ट्र निकाय चुनाव 2024 में फिर से गर्मा चुका है।
MVA पर वार, AIMIM पर भी सवाल
वारिस पठान ने बताया कि AIMIM ने भी महाविकास अघाड़ी में शामिल होने की इच्छा जताई थी,
लेकिन “गठबंधन की बड़ी पार्टियों के अहंकार” के चलते यह संभव न हो सका।
उनके अनुसार AIMIM को बार-बार किनारे किया गया और
यही वजह है कि अब पार्टी महाराष्ट्र निकाय चुनाव 2024 में अकेले उतरने जा रही है।
पठान ने कहा कि जनता उन्हें पूरा समर्थन देगी और वे बीएमसी सहित
अन्य निकायों में मजबूती से चुनाव लड़ेंगे।
अबू आजमी का पलटवार—“हमें खत्म करने की साजिश”
दूसरी तरफ सपा के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आजमी ने AIMIM के आरोपों को बेबुनियाद बताया
और कहा कि कांग्रेस ने पिछले चुनाव के समय अंतिम क्षणों में
गठबंधन तोड़ दिया था, जिससे सपा को नुकसान हुआ।
आजमी ने दावा किया कि वे वोटों के बंटवारे के खिलाफ हैं और चाहते हैं कि
सभी सेक्युलर पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ें, लेकिन “बड़ी पार्टियां सपा को खत्म करना चाहती हैं।”
यह बयान भी महाराष्ट्र निकाय चुनाव 2024 की राजनीतिक गर्मी में ईंधन का काम कर रहा है।
क्या सचमुच भाजपा को फायदा पहुंचा रही है सपा?
वारिस पठान ने अपने आरोपों को मजबूत करने के लिए पुराना उदाहरण देते हुए कहा कि
आदित्य ठाकरे ने भी चुनाव बाद यह दावा किया था कि सपा ने
बीजेपी की बी-टीम की तरह काम किया।
ऐसे बयानों का असर महाराष्ट्र निकाय चुनाव 2024 की तैयारियों पर
सीधे देखा जा सकता है, जहां विपक्षी एकता पहले से ही दरकती नजर आ रही है।
246 नगर परिषदें, 42 नगर पंचायतें—महाराष्ट्र में बड़ा दांव
इस बार होने वाले महाराष्ट्र निकाय चुनाव 2024 कई मायनों में अहम हैं।
राज्य की स्थानीय राजनीति में AIMIM, सपा, कांग्रेस, शिवसेना (UBT),
एनसीपी और भाजपा जैसी पार्टियां अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती हैं।
- 246 नगर परिषदों में चुनाव
- 42 नगर पंचायतों में मतदान
- हजारों उम्मीदवार मैदान में
- ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों पर विशेष पकड़ की कोशिश
इन परिस्थितियों में AIMIM और सपा के बीच का टकराव विपक्षी वोटों को प्रभावित कर सकता है।
विशेषकर मराठवाड़ा और मुंबई महानगर क्षेत्र में इसका प्रभाव
महाराष्ट्र निकाय चुनाव 2024 में सीधा दिखाई दे सकता है।
AIMIM अकेले चुनाव में—क्या होगा असर?
AIMIM ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस बार किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी।
पार्टी का दावा है कि उसका जनाधार बढ़ रहा है और वह बड़ी संख्या में सीटें जीतने में सक्षम है।
अगर AIMIM वास्तव में मजबूत प्रदर्शन करती है, तो यह
महाराष्ट्र निकाय चुनाव 2024 का सबसे बड़ा सरप्राइज साबित हो सकता है।
राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज
जैसे-जैसे महाराष्ट्र निकाय चुनाव 2024 की तारीख नजदीक आ रही है,
राजनीति में शब्दों का युद्ध तेज होता जा रहा है।
एक तरफ AIMIM सपा पर हमला कर रही है, दूसरी तरफ सपा खुद को पीड़ित बताकर
बड़ी पार्टियों पर भरोसा तोड़ने का आरोप लगा रही है।
विपक्षी दलों के बीच यह टकराव भाजपा के लिए राहत भरी स्थिति पैदा कर सकता है।
जहां एक ओर भाजपा संगठनात्मक रूप से चुनाव की तैयारी में लग चुकी है,
वहीं विपक्षी पार्टियों का गठबंधन कमजोर होता दिख रहा है।
अंततः जनता किसे चुनती है, यह 2 दिसंबर के मतदान में स्पष्ट होगा,
परंतु एक बात तय है कि महाराष्ट्र निकाय चुनाव 2024
राजनीतिक तौर पर बेहद दिलचस्प मोड़ पर खड़े हैं।
FAQ — क्लिक करें और जवाब देखें
❓ महाराष्ट्र निकाय चुनाव 2024 कब हो रहे हैं?
महाराष्ट्र निकाय चुनाव 2024 का मतदान 2 दिसंबर को होगा।
❓ AIMIM और सपा में विवाद क्यों बढ़ा?
वारिस पठान ने सपा पर आरोप लगाया कि वह फडणवीस के इशारे पर चल रही है, जिससे विवाद तेज हो गया।
❓ क्या AIMIM महाविकास अघाड़ी का हिस्सा बनेगी?
नहीं, AIMIM ने स्पष्ट कहा है कि वह अकेले चुनाव लड़ेगी।
❓ इस बार कितनी नगर परिषदों और नगर पंचायतों में चुनाव हैं?
246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों में चुनाव हो रहे हैं।






