
ठाकुर के के सिंह की रिपोर्ट
फरह क्षेत्र में रेलवे अंडरपास पानी भराव की समस्या दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है। बेरी और धन शमसाबाद के बीच स्थित यह
फरह रेलवे अंडरपास अब ग्रामीणों के लिए स्थायी सिरदर्द बन चुका है। बरसात का मौसम बीत जाने के बाद भी अंडरपास के नीचे
घुटनों से लेकर कई फीट तक पानी भरा हुआ है। बरारी बेरी अंडरपास से होकर रोजाना एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों का पैदल व वाहन
आवागमन होता है, लेकिन लगातार जलभराव ने रास्ते को खतरनाक बना दिया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलवे अंडरपास पानी भराव की यह समस्या नई नहीं, बल्कि पिछले कई महीनों से बनी हुई है।
अंडरपास में पानी इतना जमा है कि बाइक, साइकिल और छोटे वाहन बीच पानी में बंद हो जाते हैं। कई मामले ऐसे सामने आए हैं
जहां फिसलकर हादसे भी हुए, मगर फिर भी रेलवे प्रशासन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकाल पाया।
अंडरपास में महीनों से जलभराव, ग्रामीणों ने कहा—हादसे आम हो गए हैं
ग्रामीणों के अनुसार फरह रेलवे अंडरपास में जमा पानी की वजह एक नाले का सीधा मिलना है। नाले का पानी अंडरपास में
गिरता है और बाहर निकलने का उचित प्रबंध न होने के कारण जलस्तर कम होने के बजाय लगातार बढ़ता जा रहा है।
इस अंडरपास जलभराव समस्या के कारण बरारी से ओल जाने वाला मार्ग बाधित हो गया है। यह मार्ग पहले हाईवे से ओल
जाने का सबसे सुगम रास्ता माना जाता था, लेकिन बिगड़ती स्थिति ने इसे जोखिम भरा बना दिया है।
कई ग्रामीणों ने शिकायत की कि जलभराव के चलते उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजने में कठिनाई होती है।
दूसरी तरफ, किसानों का कहना है कि फसल बेचने के लिए मंडी जाने में दिक्कतें बढ़ गई हैं। वाहन पानी में धँस जाने के
कारण कई लोग घंटों तक फंसे रहते हैं। यह रेलवे अंडरपास पानी भराव की समस्या अब ग्रामीण जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रही है।
रेल पटरियों से निकल रहे ग्रामीण—जान जोखिम में डालकर गुज़रना मजबूरी
अंडरपास से गुजरना असंभव होने पर ग्रामीण अब रेल पटरियों से होकर गुजरने को मजबूर हैं। यह स्थिति बेहद खतरनाक है,
क्योंकि किसी भी समय रेलगाड़ी आने पर बड़ा हादसा हो सकता है। पैदल यात्रियों ने बताया कि बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को
रेल लाइन पार कराना जान जोखिम में डालने जैसा है।
रेलवे प्रशासन को कई बार शिकायतें दी गईं, लेकिन फरह रेलवे अंडरपास जलभराव की समस्या जस की तस बनी हुई है।
ग्रामीणों ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि रेलवे अधिकारी इस मार्ग की ओर ध्यान ही नहीं दे रहे।
भाकियू भानु और समाजसेवियों ने चेतावनी दी—जल्द समाधान नहीं हुआ तो होगा आंदोलन
ग्रामीणों की समस्या देखते हुए समाजसेवी ठाकुर के के सिंह, भाकियू भानु के पदाधिकारी नरेंद्र सिंह और अन्य स्थानीय नेताओं ने
रेलवे अंडरपास पानी भराव की गंभीरता को समझते हुए रेलवे प्रशासन को चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यदि अंडरपास
से पानी निकालने, नाले के प्रवाह को मोड़ने तथा रास्ते को सुरक्षित बनाने के लिए जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो
वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
नेताओं का कहना है कि बरारी-बेरी संपर्क मार्ग ग्रामीण क्षेत्रों की जीवनरेखा है, और लगातार जलभराव ने सामान्य जनजीवन
को अस्त-व्यस्त कर दिया है। उनका आरोप है कि पिछले कई वर्षों से यह समस्या बनी हुई है, फिर भी रेलवे प्रशासन
के स्तर पर केवल कागजी कार्रवाई ही की जाती है।
रेलवे अंडरपास पानी भराव—स्थायी समाधान की मांग
ग्रामीणों ने बताया कि अंडरपास जलभराव समस्या को हल करने के लिए अंडरपास में पंप लगाकर पानी निकाला जा सकता है।
इसके अलावा नाले को अंडरपास से अलग मोड़कर स्थायी संरचना बनाई जाए।
यदि जलभराव कम हो जाए तो बरारी, बेरी और ओल जाने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
फिलहाल स्थिति यह है कि फरह रेलवे अंडरपास ग्रामीणों की दुश्वारी का कारण बना हुआ है और जल्द समाधान न होने पर
समस्या और गंभीर हो सकती है।
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