
सदानंद इंगीली की रिपोर्ट
ग्राम पंचायत का कामकाज बाधित, आपले सरकार सेवा केंद्र ठप — क्यों भड़का गडचिरोली कंप्यूटर ऑपरेटर आंदोलन?
गडचिरोली कंप्यूटर ऑपरेटर आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। जिले की सभी ग्राम पंचायतों में 17 नवंबर से
कंप्यूटर ऑपरेटरों ने अनिश्चितकालीन काम बंद शुरू कर दिया है। इसके कारण
आपले सरकार सेवा केंद्र का संचालन रुक गया है और ग्राम पंचायतों में ऑनलाइन चलने वाले अधिकांश काम बाधित हो गए हैं।
ग्राम पंचायत स्तर पर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में कंप्यूटर ऑपरेटरों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है,
लेकिन लंबे समय से उन्हें न तो उचित मानदेय मिल रहा है, न ही उनके कार्य के अनुरूप प्रोत्साहन भत्ता।
इन्हीं समस्याओं के चलते गडचिरोली कंप्यूटर ऑपरेटर आंदोलन उग्र रूप ले चुका है।
क्यों शुरू हुआ गडचिरोली कंप्यूटर ऑपरेटर आंदोलन?
ग्राम पंचायतों के कंप्यूटर ऑपरेटर वर्षों से विभिन्न सरकारी योजनाओं का ऑनलाइन पंजीकरण, दस्तावेज़ों का डिजिटलीकरण,
आवेदनों की प्रविष्टि और समयबद्ध सेवा वितरण की प्रक्रिया में लगातार कार्यरत रहे हैं।
लेकिन इसके बावजूद उन्हें न तो नियुक्ति का नियमित ढांचा मिला और न ही पारिश्रमिक का पारदर्शी सिस्टम।
इसके चलते गडचिरोली कंप्यूटर ऑपरेटर आंदोलन की तैयारी महीनों पहले से चल रही थी,
जिसे अब अनिश्चितकालीन हड़ताल का रूप दिया गया है।
कंप्यूटर ऑपरेटरों का कहना है कि वे सरकार की लगभग हर प्रमुख योजना का डेटा ऑनलाइन करते हैं—
दिव्यांग लाभार्थियों का ऑनलाइन पंजीकरण,
मुख्यमंत्री मेरी प्यारी बहन योजना का पूरा ऑनलाइन कार्य,
विभिन्न प्रमाणपत्रों की प्रविष्टि, पंचायत टैक्स संबंधित कार्य, जन्म-मृत्यु पंजीकरण, ग्रामीणों का दस्तावेज सत्यापन…
इन सभी जिम्मेदारियों के बावजूद उन्हें अभी तक इस काम का भुगतान नहीं मिला।
इस गंभीर उपेक्षा के चलते गडचिरोली कंप्यूटर ऑपरेटर आंदोलन जिले में मुख्य मुद्दा बन गया है।
कोरोना काल में जोखिम उठाया, फिर भी नहीं मिला पारिश्रमिक
कोविड-19 महामारी के दौरान जब प्रशासनिक कार्यालय बंद थे, तब
गडचिरोली कंप्यूटर ऑपरेटर आंदोलन से जुड़े ये ही ऑपरेटर
ग्रामीणों की ऑनलाइन जरूरतें पूरी करने के लिए लगातार काम कर रहे थे।
चाहे वे टीकाकरण प्रमाणपत्र हों, सरकारी राहत योजनाओं के आवेदन हों या गांव-स्तरीय ई-गवर्नेंस सेवाएँ—
कंप्यूटर ऑपरेटरों ने बिना किसी सुरक्षा व बोनस के लगातार जोखिम उठाकर कार्य किया।
लेकिन आज तक उन्हें उस अवधि का भुगतान भी नहीं मिला। यह मुद्दा भी वर्तमान
गडचिरोली कंप्यूटर ऑपरेटर आंदोलन का बड़ा कारण है।
ऑनलाइन कामकाज पूरी तरह ठप, पंचायतें हुईं बेदम
17 नवंबर से जिले की सभी ग्राम पंचायतों में —
- जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र
- आधार-लिंक सेवाएँ
- टैक्स भुगतान
- वोटर-लिस्ट अपडेट
- राजस्व संबंधित प्रविष्टियाँ
- योजनाओं के आवेदन
सब कुछ रुक गया है।
गडचिरोली कंप्यूटर ऑपरेटर आंदोलन का सीधा असर ग्रामीणों पर पड़ा है और
ग्राम प्रशासन लगभग पंगु हो चुका है।
ग्राम पंचायत सचिवों का भी कहना है कि अधिकांश ऑनलाइन कार्य कंप्यूटर ऑपरेटरों पर निर्भर थे।
उनकी हड़ताल के कारण गांवों में सेवाओं का प्रवाह रुक गया है और कार्य लंबित होते जा रहे हैं।
ऑपरेटरों की प्रमुख मांगें
गडचिरोली कंप्यूटर ऑपरेटर आंदोलन के दौरान उठाई जा रही मुख्य मांगें—
- न्यूनतम तय मानदेय प्रदान किया जाए
- कार्य के अनुपात में प्रोत्साहन भत्ता दिया जाए
- ऑनलाइन कार्यों का भुगतान तुरंत किया जाए
- दीर्घकालीन सेवा संरचना तैयार की जाए
- कंप्यूटर ऑपरेटरों को पंचायत व्यवस्था का नियमित हिस्सा बनाया जाए
ऑपरेटरों का कहना है कि जब तक इन मांगों पर लिखित निर्णय नहीं होता,
गडचिरोली कंप्यूटर ऑपरेटर आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा।
सरकार पर बढ़ता दबाव—ग्रामीणों की नाराजगी चरम पर
लगातार ठप सेवाओं के कारण ग्रामीणों में भी नाराजगी बढ़ रही है।
आवेदन रुकने से हजारों लाभार्थी योजनाओं से वंचित हो रहे हैं।
ग्राम पंचायतें आवश्यक प्रमाणपत्र जारी नहीं कर पा रहीं।
इससे प्रशासन पर दवाब बढ़ रहा है कि वह जल्द से जल्द
गडचिरोली कंप्यूटर ऑपरेटर आंदोलन पर हस्तक्षेप करे।
वहीं, ऑपरेटरों का कहना है कि वे सरकार के विरोधी नहीं हैं, बल्कि अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं—
और यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक उन्हें उनका अधिकार नहीं मिलता।
क्या जल्द सुलझेगा विवाद?
सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को विस्तृत रिपोर्ट भेज दी है।
सरकार ऑपरेटरों की मांगों पर विचार कर रही है।
लेकिन अभी तक कोई ठोस घोषणा नहीं हुई है, जिसके कारण
गडचिरोली कंप्यूटर ऑपरेटर आंदोलन और भी लंबा खिंच सकता है।
यही वजह है कि पंचायत का पूरा ई-गवर्नेंस सिस्टम गांव-स्तर पर चरमरा गया है और
ऑपरेटरों का कहना है कि समाधान केवल सरकारी निर्णय से ही संभव है।
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गडचिरोली कंप्यूटर ऑपरेटर आंदोलन कब शुरू हुआ?
यह आंदोलन 17 नवंबर से पूरी तरह अनिश्चितकालीन काम बंद के रूप में शुरू हुआ।
आंदोलन से कौन-कौन सी सेवाएँ प्रभावित हुईं?
जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, टैक्स भुगतान, योजनाओं के आवेदन सहित सभी ऑनलाइन सेवाएँ बंद हैं।
कंप्यूटर ऑपरेटरों की मुख्य मांगें क्या हैं?
उचित मानदेय, प्रोत्साहन भत्ता, लंबित भुगतान और नियमित सेवा संरचना प्रमुख मांगें हैं।
क्या सरकार जल्द निर्णय ले सकती है?
प्रशासन ने रिपोर्ट भेजी है, लेकिन घोषणा का इंतजार है। निर्णय न होने तक आंदोलन जारी रहेगा।






