
हिमांशु मोदी की रिपोर्ट
राजस्थान के भरतपुर ज़िले के कामा क्षेत्र के होनहार खिलाड़ी योगेश सैनी खेल जगत में नई पहचान बना रहे हैं। डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के डिपार्टमेंट ऑफ फिजिकल एजुकेशन के छात्र योगेश सैनी वुशू खेल के प्रति अपने जुनून और अनुशासन के दम पर अब ऑल इंडिया स्तर तक पहुंच चुके हैं। उनके प्रदर्शन ने न सिर्फ कामा क्षेत्र बल्कि पूरे भरतपुर ज़िले को गौरवान्वित किया है।
ऑल इंडिया वुशू गेम में शानदार प्रदर्शन से चमके योगेश
हाल ही में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में आयोजित ऑल इंडिया गेम्स की वुशू प्रतियोगिता में योगेश सैनी के अखाड़े में उतरे तो दर्शकों की निगाहें उन पर टिक गईं। सधे हुए दांव-पेंच, चुस्ती, फुर्ती और बेहतर फिटनेस के दम पर योगेश सैनी वुशू इवेंट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच उन्होंने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में देशभर के चुनिंदा खिलाड़ियों के बीच 6वीं रैंक हासिल की, जो किसी भी उभरते खिलाड़ी के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।
ऑल इंडिया स्तर पर मिली यह 6वीं रैंक इस बात का प्रमाण है कि योगेश सैनी वुशू ने तकनीकी क्षमता, मानसिक मजबूती और फिटनेस तीनों मोर्चों पर खुद को साबित किया है। यही कारण है कि कोच और साथी खिलाड़ी उन्हें भविष्य के बड़े वुशू चैंपियन के रूप में देख रहे हैं।
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स जयपुर के लिए चयन से बढ़ा उत्साह
ऑल इंडिया वुशू गेम में हासिल इस सफलता का सबसे बड़ा पुरस्कार यह मिला कि योगेश सैनी का चयन अब खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, जयपुर के लिए हो गया है। विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित होने वाले इन खेलों में पूरे देश से बेहतरीन खिलाड़ी भाग लेते हैं। ऐसे में योगेश सैनी वुशू के लिए यह मंच अपने कौशल को और निखारने तथा राष्ट्रीय स्तर पर अपना दमखम दिखाने का सुनहरा अवसर है।
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में हिस्सा लेना हर खिलाड़ी का सपना होता है। योगेश सैनी वुशू के इस चयन ने न सिर्फ उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया है, बल्कि आगरा स्थित उनके विश्वविद्यालय और भरतपुर के खेलप्रेमियों के लिए भी यह गर्व का विषय बन गया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जयपुर में होने वाले मुकाबलों में योगेश सैनी वुशू कैसा प्रदर्शन करते हैं।
कामा से जयपुर तक: संघर्ष, अनुशासन और सपनों की कहानी
कामा जैसे कस्बाई क्षेत्र से निकलकर योगेश सैनी वुशू का ऑल इंडिया स्तर तक पहुंचना आसान सफर नहीं रहा। सीमित संसाधनों के बीच अभ्यास, नियमित फिटनेस ट्रेनिंग और पढ़ाई के साथ संतुलन बनाना किसी भी खिलाड़ी के लिए मुश्किल होता है, लेकिन योगेश सैनी वुशू ने हार नहीं मानी। सुबह-शाम की प्रैक्टिस, कोच और शिक्षकों की सलाह तथा परिवार के नैतिक सहयोग ने उनके आत्मविश्वास को लगातार मजबूत किया।
डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के परिसर में भी योगेश सैनी अपने अनुशासित अभ्यास और शांत स्वभाव के लिए पहचाने जाते हैं। साथी विद्यार्थियों के बीच वे प्रेरणास्रोत बनते जा रहे हैं, क्योंकि योगेश सैनी वुशू पढ़ाई और खेल दोनों को समान महत्व देते हुए आगे बढ़ रहे हैं। युवाओं के लिए यह संदेश है कि यदि लक्ष्य स्पष्ट हो, तो कस्बा या शहर कोई बाधा नहीं बनता।
परिवार, मित्र और शिक्षकों ने व्यक्त किया गर्व
योगेश सैनी वुशू की इस उपलब्धि से कामा क्षेत्र में खुशी और उत्साह का माहौल है। घर पर परिवारजन ने मिठाइयां बांटकर अपनी प्रसन्नता ज़ाहिर की। उनके पिता प्रदीप सैनी (पी.टी.आई.) के लिए यह गर्व का क्षण है कि उनका बेटा न सिर्फ पढ़ाई में आगे है, बल्कि खेलों में भी क्षेत्र और विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर रहा है। स्कूल और कॉलेज के शिक्षकों ने भी योगेश सैनी की सफलता को मेहनत, अनुशासन और लगन का नतीजा बताया।
मित्रों ने सोशल मीडिया पर योगेश सैनी वुशू को बधाइयों से भर दिया है। कई साथियों ने उन्हें आने वाले समय में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वुशू प्रतियोगिताओं में भी भाग लेते देखने की उम्मीद जताई है। कामा और भरतपुर के अनेक युवा खिलाड़ियों के लिए योगेश सैनी वुशू अब प्रेरणा बन गए हैं, जो दिखाते हैं कि यदि लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत सच्ची हो, तो छोटे कस्बों से भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं।
राजस्थान और भरतपुर का नाम रोशन करने का संकल्प
अपनी उपलब्धि पर खुशी जताते हुए योगेश सैनी ने कहा कि उनका अगला लक्ष्य खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, जयपुर में बेहतरीन प्रदर्शन करना है। वे चाहते हैं कि उनकी हर जीत के साथ राजस्थान और भरतपुर ज़िले की पहचान और मजबूत हो। योगेश सैनी वुशू का मानना है कि खेल नौजवानों के व्यक्तित्व विकास, आत्मविश्वास और अनुशासन को नई दिशा देता है और इसी कारण वे अपने जूनियर खिलाड़ियों को भी खेल से जुड़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए योगेश सैनी वुशू ने बताया कि वे आगे चलकर राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने के साथ-साथ कोचिंग के माध्यम से ग्राम और कस्बाई क्षेत्रों के युवाओं को वुशू जैसे खेलों से जोड़ना चाहते हैं। उनका सपना है कि कामा जैसे इलाकों से भी कई खिलाड़ी आगे बढ़कर देश का नाम रोशन करें और इस सफर में योगेश सैनी खुद एक मिसाल बन सकें।
युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरक संदेश
योगेश सैनी वुशू की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सीमित साधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। वे मानते हैं कि सफलता किसी एक दिन की मेहनत का नहीं, बल्कि रोज़-रोज़ किए गए छोटे-छोटे प्रयासों का परिणाम होती है। यदि कोई युवा खेल के साथ-साथ अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान दे और समय प्रबंधन को सीख ले, तो वह भी योगेश सैनी की तरह अपने क्षेत्र, अपने विश्वविद्यालय और अपने राज्य को गौरवान्वित कर सकता है।
कामा क्षेत्र के लोग उम्मीद कर रहे हैं कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, जयपुर में योगेश सैनी वुशू एक बार फिर अपने खेल कौशल के दम पर नया इतिहास रचेंगे और भरतपुर का नाम खेल मानचित्र पर और अधिक चमकदार अक्षरों में दर्ज कराएंगे। खेल विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इसी तरह योगेश सैनी वुशू मेहनत जारी रखते हैं, तो आने वाले वर्षों में वे राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले प्रमुख वुशू खिलाड़ियों में शुमार हो सकते हैं।
कामा के वुशू खिलाड़ी योगेश सैनी से जुड़े प्रमुख सवाल-जवाब
प्रश्न 1: योगेश सैनी वुशू में किस प्रतियोगिता के लिए चयनित हुए हैं?
उत्तर: योगेश सैनी वुशू का चयन ऑल इंडिया वुशू गेम में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, जयपुर के लिए हुआ है।
प्रश्न 2: योगेश सैनी वुशू किस विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे हैं?
उत्तर: योगेश सैनी वुशू इस समय डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के डिपार्टमेंट ऑफ फिजिकल एजुकेशन में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं।
प्रश्न 3: ऑल इंडिया वुशू गेम में योगेश सैनी वुशू ने कौन-सी रैंक हासिल की?
उत्तर: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में आयोजित ऑल इंडिया वुशू गेम में योगेश सैनी वुशू ने कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच 6वीं रैंक हासिल की।
प्रश्न 4: योगेश सैनी वुशू की इस उपलब्धि पर परिवार और क्षेत्र की क्या प्रतिक्रिया रही?
उत्तर: योगेश सैनी वुशू की सफलता पर परिवारजन, मित्र, शिक्षक और कामा क्षेत्र के लोगों ने गर्व व्यक्त किया है। सबको उम्मीद है कि आगे चलकर योगेश सैनी वुशू राजस्थान और भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी रोशन करेंगे।






