
चित्रकूट में लंबे समय से बिगड़ती चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था और संसाधनों की कमी अब खुलकर राजनीतिक और जनआंदोलन का विषय बन चुकी है। शहीद स्मारक पार्क से लेकर कलेक्ट्रेट तक गूँजी आवाज़, चित्रकूट जिला अस्पताल में फैली अव्यवस्था और डॉक्टरों की कमी पर उठे सवाल और युवा व्यापारी नेता विनोद प्रिंस केसरवानी के नेतृत्व में हुए पैदल मार्च ने पूरे जिले में बहस छेड़ दी। इसी दबाव के बीच अब जिले के प्रभारी मंत्री मनोहर लाल पंत खुद मैदान में उतरे और उन्होंने चित्रकूट की जमीनी चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था का जायजा लेने के लिए चित्रकूट जिला अस्पताल का दौरा किया।
शहीद स्मारक पार्क से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च, चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था बनी जनआंदोलन का मुद्दा
दिनांक 13 नवंबर 2025 को शहीद स्मारक पार्क में जब बड़ी संख्या में लोग जुटे, तो यह साफ दिखा कि चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था अब सिर्फ चर्चा नहीं, बल्कि चिंता का बड़ा कारण बन चुकी है। युवा व्यापारी नेता और समाजसेवी विनोद प्रिंस केसरवानी ने आम जनमानस को एकजुट कर शहीद स्मारक पार्क से कलेक्ट्रेट परिसर तक पैदल मार्च निकाला। इस पैदल मार्च में व्यापारियों, युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और चित्रकूट जिला अस्पताल में फैली अव्यवस्था के खिलाफ नारेबाजी की।
पैदल मार्च के दौरान विनोद प्रिंस केसरवानी बार-बार यह कहते नज़र आए कि यदि समय रहते चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर नहीं लाया गया, तो आम जनता को उसके मौलिक अधिकार – बेहतर इलाज – से वंचित रखना शासन-प्रशासन की बड़ी नाकामी मानी जाएगी। इस दौरान लोगों ने जिला प्रशासन से यह मांग की कि चित्रकूट जिला अस्पताल में डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, दवाओं और मशीनों की कमी दूर की जाए, ताकि जिले की पूरी चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत हो सके।
मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन, प्रभारी मंत्री मनोहर लाल पंत तक पहुँची आवाज़
कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर विनोद प्रिंस केसरवानी के नेतृत्व में व्यापारियों और आम लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी को सौंपा। इस ज्ञापन में साफ लिखा गया कि चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था की अनदेखी के कारण मरीजों को उचित उपचार नहीं मिल पा रहा, कई बार गंभीर रोगी रेफर होने के दौरान रास्ते में दम तोड़ देते हैं और चित्रकूट जिला अस्पताल में बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं रहतीं।
ज्ञापन में यह भी जिक्र किया गया कि यदि जल्द ही चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था में ठोस सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो विनोद प्रिंस केसरवानी बड़े आंदोलन की राह पकड़ेंगे। इसी बीच प्रभारी मंत्री मनोहर लाल पंत के संज्ञान में यह पूरा मामला पहुंचा। बताया जाता है कि भाजपा जिला अध्यक्ष से फोन पर हुई बातचीत में भी विनोद प्रिंस केसरवानी ने चित्रकूट जिला अस्पताल और समूची चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे, जिस पर जिला अध्यक्ष ने भी स्थिति को चिंताजनक माना।
जिले के प्रभारी मंत्री मनोहर लाल पंत का जिला अस्पताल निरीक्षण, व्यवस्थाओं की नब्ज़ टटोली
लगातार बढ़ते दबाव, मीडिया रिपोर्टों और सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस के बाद 19 नवंबर 2025 को जिले के प्रभारी मंत्री मनोहर लाल पंत उर्फ़ मन्नू लाल कोरी अचानक चित्रकूट जिला अस्पताल पहुंचे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने आपातकालीन कक्ष, ओपीडी, दवा वितरण केंद्र, प्रसूति वार्ड और जांच इकाइयों की व्यवस्था को बारीकी से देखा। बताया जा रहा है कि प्रभारी मंत्री मनोहर लाल पंत ने वहां मौजूद अधिकारियों से साफ शब्दों में कहा कि चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था में लापरवाही किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी और चित्रकूट जिला अस्पताल की खामियों को तुरंत ठीक किया जाए।
निरीक्षण के दौरान कई मरीजों और परिजनों ने भी प्रभारी मंत्री मनोहर लाल पंत के सामने चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था से संबंधित समस्याएं रखीं। कुछ ने चिकित्सकों की अनुपस्थिति की शिकायत की, तो किसी ने जांच रिपोर्ट में देरी और दवाओं की कमी का मुद्दा उठाया। लोगों का कहना था कि जब भी चित्रकूट जिला अस्पताल में भीड़ बढ़ती है, व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाती है और जिले की चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुलकर सामने आ जाती है।
विनोद प्रिंस केसरवानी के आंदोलन का असर, क्या बदलेगी चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था?
जिले में यह चर्चा आम है कि यदि विनोद प्रिंस केसरवानी ने इतना बड़ा पैदल मार्च न निकाला होता तो शायद प्रभारी मंत्री मनोहर लाल पंत का यह अचानक निरीक्षण भी न होता। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था पूर्व से ही बदहाल रही है, लेकिन पहली बार किसी युवा व्यापारी नेता ने खुलकर चित्रकूट जिला अस्पताल और जिले की चिकित्सा व्यवस्था पर इतनी मजबूती से आवाज़ उठाई है।
कई जानकार मानते हैं कि यह मौका है जब सरकार अगर गंभीरता दिखाए तो पूरी चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था को बदलने की दिशा में ठोस पहल की जा सकती है। विनोद प्रिंस केसरवानी का स्पष्ट कहना है कि जब तक चित्रकूट जिला अस्पताल में डॉक्टरों की तैनाती, उपकरणों की उपलब्धता और दवाओं की कमी जैसे मुद्दों का समाधान नहीं होगा, तब तक वह अपनी आवाज़ बुलंद करते रहेंगे और जरूरत पड़ी तो प्रभारी मंत्री मनोहर लाल पंत के सामने भी दोबारा जनता की ओर से तथ्य रखेंगे।
जनता की उम्मीदें और प्रशासन के सामने चुनौती
फिलहाल आम जनता को उम्मीद है कि अब जब मामला प्रभारी मंत्री मनोहर लाल पंत के स्तर तक पहुंच चुका है और चित्रकूट जिला अस्पताल का निरीक्षण हो चुका है, तो चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। हालांकि कई लोगों का मानना है कि सिर्फ निरीक्षण से काम नहीं चलेगा, जब तक कि चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था के ढांचे में स्थायी सुधार, बजट की बढ़ोतरी और मानवीय संसाधनों की कमी दूर करने के ठोस कदम नहीं उठाए जाते।
अब नज़रें टिकी हैं कि युवा व्यापारी नेता विनोद प्रिंस केसरवानी द्वारा उठाए गए मुद्दों और जनसमर्थन के दबाव में प्रशासन और सरकार चित्रकूट जिला अस्पताल सहित पूरे जिले की चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कौन-कौन से ठोस फैसले लेती है। इतना तय है कि इस आंदोलन और प्रभारी मंत्री मनोहर लाल पंत के निरीक्षण ने चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था को जिले की राजनीति और जनचर्चा के केंद्र में ला खड़ा किया है। जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करना अब सिर्फ प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि जनता की उम्मीदों की कसौटी भी बन चुका है।
सवाल-जवाब : चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था और जिला अस्पताल पर उठते बड़े प्रश्न
प्रश्न 1: चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर हाल ही में विवाद क्यों बढ़ा?
हाल के दिनों में चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था की कमजोरियों, विशेषकर चित्रकूट जिला अस्पताल में सुविधाओं की कमी, डॉक्टरों की अनुपस्थिति और मरीजों की बढ़ती परेशानियों के कारण विवाद बढ़ा। इसी मुद्दे पर युवा व्यापारी नेता विनोद प्रिंस केसरवानी ने बड़ा आंदोलन किया, जिसके बाद प्रभारी मंत्री मनोहर लाल पंत को निरीक्षण के लिए खुद अस्पताल पहुंचना पड़ा।
प्रश्न 2: प्रभारी मंत्री मनोहर लाल पंत के निरीक्षण से क्या उम्मीदें जगी हैं?
जनता को उम्मीद है कि प्रभारी मंत्री मनोहर लाल पंत के निरीक्षण के बाद चित्रकूट जिला अस्पताल की कमियों पर तुरंत कार्रवाई होगी और समूची चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए बजट, संसाधन और स्टाफ बढ़ाया जाएगा। लोग यह भी चाहते हैं कि निरीक्षण केवल औपचारिकता न रहे, बल्कि जमीनी स्तर पर बदलाव दिखे।
प्रश्न 3: विनोद प्रिंस केसरवानी आगे क्या कदम उठा सकते हैं?
खुद विनोद प्रिंस केसरवानी साफ कर चुके हैं कि यदि चित्रकूट स्वास्थ्य व्यवस्था और खासतौर पर चित्रकूट जिला अस्पताल की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो वे बड़ा आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे। वे पहले ही बता चुके हैं कि वे दोबारा भी प्रभारी मंत्री मनोहर लाल पंत और शासन-प्रशासन के सामने जनता की समस्याएं रखकर लगातार दबाव बनाए रखेंगे।






