वृंदावन में शराब दुकानों पर हिंदूवादी संगठनों की बड़ी कार्रवाई, धीरेंद्र शास्त्री की टिप्पणी के बाद गरमा गया माहौल

ठाकुर के के सिंह की रिपोर्ट

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वृंदावन में उस समय माहौल अचानक गरमा गया, जब धीरेंद्र शास्त्री की टिप्पणी के बाद हिंदूवादी नेता दक्ष चौधरी और उनके समर्थकों ने इलाके की कई शराब की दुकानों को जबरन बंद करा दिया। यह पूरा घटनाक्रम न केवल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, बल्कि राजनीतिक और धार्मिक हलकों में नई बहस भी शुरू कर गया। वृंदावन शराब दुकान बंद का यह विवाद अब प्रदेश की कानून-व्यवस्था, धार्मिक भावनाओं और सामाजिक माहौल से जोड़कर देखा जा रहा है।

धीरेंद्र शास्त्री की टिप्पणी के बाद हुई बड़ी कार्रवाई

मामला उस वक्त तूल पकड़ गया जब बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सनातन एकता पदयात्रा के समापन मंच से वृंदावन में खुलेआम बिक रही शराब को लेकर सख्त टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि वृंदावन में शराब और कबाब की दुकानें सनातन संस्कृति के केंद्र में अस्वीकार्य हैं और इस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। यह बयान कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

इसके बाद गाजियाबाद और दिल्ली से पहुंचे युवा समर्थकों की टीम ने स्थानीय दुकानों के बाहर पहुंचकर शटर गिरवा दिए। हिंदूवादी नेता दक्ष चौधरी ने दावा किया कि यह “धार्मिक अस्मिता” की रक्षा के लिए किया गया कदम है। इस पूरी कार्रवाई का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैला और वृंदावन शराब विवाद ट्रेंड करने लगा।

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सनातन एकता पदयात्रा का समापन और बढ़ता जनसमर्थन

यह विवाद ठीक उसी दिन सामने आया जब 7 नवंबर से दिल्ली से शुरू हुई सनातन एकता पदयात्रा 16 नवंबर को वृंदावन पहुंचकर संपन्न हुई। समापन कार्यक्रम में हजारों लोग मौजूद थे, और वहीं से शास्त्री ने धार्मिक भावनाओं से जुड़ा यह बड़ा बयान दिया।

उन्होंने कहा कि वृंदावन जैसे धार्मिक स्थल पर शराब और कबाब की दुकानें सांस्कृतिक संरचना को ठेस पहुंचाती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन या तो इन दुकानों को बंद कराए या उन पर कड़ी कार्रवाई करे। इसी संदेश के बाद वृंदावन शराब दुकान बंद अभियान शुरू हुआ।

1966 की घटना से जोड़कर विपक्ष पर साधा निशाना

अपने संबोधन में धीरेंद्र शास्त्री ने 7 नवंबर 1966 को करपात्री महाराज की अगुवाई में निकली गौ रक्षा यात्रा का भी जिक्र किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय की कांग्रेस सरकार ने यात्रा पर गोलियां चलवाई थीं। इस बयान के बाद सरकारों की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि “एक वह सरकार थी और एक आज की सरकार है”, जिसने उनकी यात्रा को 6000 पुलिसकर्मियों की सुरक्षा उपलब्ध कराई।

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उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वयं फोन कर यात्रा की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस यात्रा पर नजर बनाए हुए थे। यह संदेश राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

हिंदू राष्ट्र की अवधारणा पर जोर, कहा—‘दंगा नहीं, गंगा बहेगी’

धीरेंद्र शास्त्री ने मंच से हिंदू राष्ट्र की वकालत करते हुए कहा कि यदि देश हिंदू राष्ट्र बनेगा तो साधु-संतों, महिलाओं, हिंदू संपत्ति और धार्मिक संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने सभी हिंदुओं से जात-पात छोड़कर एकजुट होने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा—“हिंदू एकजुट होगा तो दंगा नहीं, गंगा बहेगी।” यह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और धीरेंद्र शास्त्री हिंदू राष्ट्र बयान इंटरनेट पर ट्रेंड कर रहा है।

शास्त्री ने यह भी कहा कि वह मुस्लिम या ईसाई विरोधी नहीं हैं, लेकिन “कुछ लोग तिरंगे पर चांद देखना चाहते हैं, जबकि हम चांद पर तिरंगा देखना चाहते हैं।” उन्होंने आगे धर्मांतरण वाले इलाकों में भी यात्रा निकालने की बात कही, जिसे धार्मिक और राजनीतिक दोनों ही दृष्टि से बड़ा संकेत माना जा रहा है।

वृंदावन में बढ़ी पुलिस की गतिविधि

शराब दुकानों को बंद कराने की घटना के बाद वृंदावन पुलिस सतर्क हो गई है। स्थानीय अधिकारियों ने कहा है कि किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वाली गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब पुलिस क्षेत्र में गश्त बढ़ा रही है और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर रही है।

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हालाँकि, दुकानदारों का कहना है कि वे लाइसेंसधारी हैं और बिना प्रशासनिक आदेश के इस तरह दुकानों को जबरन बंद कराना सही नहीं है।

सोशल मीडिया पर बहस तेज

सोशल मीडिया पर यह मुद्दा तेजी से ट्रेंड कर रहा है। एक पक्ष इसे सनातन संस्कृति की रक्षा बता रहा है, जबकि दूसरा पक्ष इसे कानून हाथ में लेने का आरोप लगाकर आलोचना कर रहा है। वृंदावन शराब विवाद, धीरेंद्र शास्त्री बयान, सनातन एकता पदयात्रा जैसे कीवर्ड लगातार ट्रेंड लिस्ट में दिख रहे हैं।


क्लिक करें और जवाब देखें (FAQ)

वृंदावन में शराब की दुकानों को क्यों बंद कराया गया?

धीरेंद्र शास्त्री की टिप्पणी के बाद हिंदूवादी नेता दक्ष चौधरी और समर्थकों ने दुकानों को सांस्कृतिक अस्मिता का हवाला देते हुए बंद कराया।

क्या शराब दुकानें लाइसेंसधारी थीं?

हाँ, दुकानदारों ने कहा कि वे लाइसेंसधारी हैं, लेकिन भीड़ ने विरोध के चलते शटर गिरवा दिए।

सनातन एकता पदयात्रा कब से कब तक चली?

7 नवंबर को दिल्ली से शुरू हुई यह यात्रा 16 नवंबर को वृंदावन में समाप्त हुई।

धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र को लेकर क्या कहा?

उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र बनने से साधु-संत, बेटियां और धार्मिक संपत्ति सुरक्षित होगी और “दंगा नहीं, गंगा बहेगी।”

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