
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
Azam Khan News लगातार सुर्खियों में है और इस केस की हर अपडेट राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर राजनीतिक बहस का विषय बन चुकी है। सोमवार को रामपुर की MP/MLA कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म को पैन कार्ड केस में दोषी पाते हुए 7-7 साल की सजा का आदेश दिया। इसके साथ ही दोनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। यह फैसला उस वक्त आया जब आज़म खान महज 55 दिन पहले ही सीतापुर जेल से रिहा हुए थे।
बीते लगभग दो महीनों से लगातार सार्वजनिक मंचों पर अपनी सक्रियता दिखा रहे आज़म खान के लिए यह फैसला अत्यंत भारी साबित हुआ। वहीं उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म की रिहाई को 9 महीने ही हुए थे। अब पिता-पुत्र दोनों को फिर से सलाखों के पीछे भेज दिया गया है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि—जेल की पहली रात कैसी कटी? और किस बैरक में रखा गया? यही वजह है कि Azam Khan News आज हर प्लेटफॉर्म पर ट्रेंड कर रही है।
2017 में विधायक बने थे अब्दुल्ला, लेकिन उम्र विवाद ने बिगाड़ दी सियासत
Azam Khan News का सबसे अहम पहलू अब्दुल्ला आज़म के राजनीतिक भविष्य से जुड़ा है। वर्ष 2017 में वह पहली बार विधायक बने, लेकिन उनकी उम्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया।
आरोप था कि चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु से कम होने के बावजूद उन्होंने चुनाव लड़ा। शैक्षिक रिकॉर्ड में उनकी जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज थी, जबकि वे चुनाव लड़ने के लिए 30 सितंबर 1990 की तारीख का उल्लेख करते रहे। अदालत ने इस विसंगति को गंभीर माना और उनकी विधायकी रद्द कर दी। यह मामला भी Azam Khan News में लंबे समय तक छाया रहा।
अखिलेश यादव का बड़ा बयान—“जुल्म की हदें पार करने वालों का अंत बुरा होता है”
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने Azam Khan News पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सत्ता का घमंड रखने वाले लोग जब जुल्म की सीमाएं लांघते हैं, तो एक दिन कुदरत का फैसला उन्हें घेर लेता है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा—
“जो लोग सत्ता के गुरूर में नाइंसाफी और जुल्म की हदें पार कर देते हैं, उनका अंत बेहद बुरा होता है। सब देख रहे हैं।”
अखिलेश यादव का यह बयान राजनीतिक हलकों में और Azam Khan News कवरेज में तीखी चर्चा का विषय बना हुआ है।
कैसी कटी आज़म खान की पहली जेल रात? करवटों में बीती पूरी रात
जेल में दाखिल होने से पहले आज़म खान ने मीडिया से कहा—“कोर्ट ने मुझे गुनहगार समझा और जेल भेज दिया है।” जब पुलिस उन्हें जेल पहुँचा रही थी, उनके हाथ में केवल दो पैकेट बिस्कुट थे। यही दृश्य पूरे देश में वायरल हो गया और Azam Khan News को नई रफ्तार मिली।
सूत्रों के मुताबिक, सजा सुनाए जाने के बाद उनकी पहली रात बेहद कठिन रही। बताया जाता है कि आज़म खान लगभग पूरी रात जागते रहे और करवटें बदलते रहे। उम्र और स्वास्थ्य की चुनौतियों के बीच यह रात उनके लिए शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर बोझिल रही।
जेल अधिकारियों के अनुसार, नियमों के तहत उन्हें बेसिक सुविधाएं दी गईं, लेकिन आज़म खान के लिए यह परिस्थितियाँ बिल्कुल नई नहीं थीं। फिर भी, 55 दिन की आज़ादी के बाद अचानक जेल में वापसी ने उन्हें भीतर तक झकझोर दिया।
बैरक नंबर-1 में रखा गया पिता-पुत्र को, कोर्ट ने दी इजाज़त
Azam Khan News में सबसे मानवीय पहलू यह है कि पिता आज़म खान और बेटे अब्दुल्ला को एक ही बैरक में रखा गया है। उनके वकीलों ने कोर्ट में अर्जी लगाते हुए कहा था कि आज़म खान बुजुर्ग हैं, कई बीमारियों से जूझ रहे हैं और बेटे को उनकी देखभाल की अनुमति दी जाए।
कोर्ट ने दलील को स्वीकार करते हुए दोनों को रामपुर जिला कारागार के बैरक नंबर-1 में रखने का आदेश दिया। जेल मैन्युअल के हिसाब से यह बैरक अपेक्षाकृत सुरक्षित और निगरानी में रहता है।
जेल प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बैरक के आसपास कड़ी निगरानी की गई है, क्योंकि Azam Khan News के चलते जेल परिसर के आसपास मीडिया की भारी भीड़ लगी रहती है।
55 दिन की आज़ादी का अंत और नई कानूनी लड़ाई की शुरुआत
23 सितंबर को सीतापुर जेल से रिहा होने के बाद आज़म खान ने कई राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था। वह बार-बार कहते रहे कि उनके खिलाफ मामलों को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया जाना चाहिए। अब 55 दिन बाद फिर से जेल की सजा ने उनकी राजनीतिक यात्रा को नया मोड़ दे दिया है।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इस मामले में अपील की संभावनाएं अभी भी खुली हैं। आज़म खान की टीम जल्द ही ऊपरी अदालत में गुहार लगाएगी। इस बीच Azam Khan News लगातार सुर्खियों में है और इसके असर आगामी राजनीतिक समीकरणों पर भी पड़ सकता है।
Azam Khan News क्यों ट्रेंड कर रहा है?
Azam Khan News बार-बार इसलिए चर्चा में आती है क्योंकि यह मामला केवल एक कानूनी विवाद नहीं, बल्कि एक बड़े राजनीतिक संघर्ष से भी जुड़ा है। सपा, भाजपा, और क्षेत्रीय राजनीति—तीनों पर इसका असर देखने को मिलता है।
दूसरी वजह यह कि यह मामला पिछले कई वर्षों से विवादों में रहा है। लगभग हर सुनवाई, हर बहस और हर बयान की राजनीतिक व्याख्या होती रही है। यही कारण है कि Azam Khan News आज भी पूरे देश में ट्रेंड बन चुका है।
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Azam Khan News क्यों ट्रेंड कर रहा है?
क्योंकि कोर्ट से 7 साल की सजा मिलने और पहली रात की जेल परिस्थितियों के कारण यह मामला राष्ट्रीय राजनीतिक बहस के केंद्र में आ गया है।
आजम खान और अब्दुल्ला आज़म को किस बैरक में रखा गया है?
उन्हें रामपुर जिला कारागार के बैरक नंबर-1 में साथ रखा गया है।
आजम खान की पहली जेल रात कैसी बीती?
सूत्रों के अनुसार, उनकी पूरी रात बेचैनी और करवटों में बीती।
क्या इस मामले में आगे अपील होगी?
हाँ, कानूनी टीम जल्द ही ऊपरी अदालत में अपील दायर करेगी।






