लालू परिवार में बढ़ते तनाव के बीच उभरा नाम रमीज का, क्या कनेक्शन है यूपी बलरामपुर से❓

अब्दुल मोबीन सिद्दिकी की रिपोर्ट

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बिहार चुनाव बाद विवाद: लालू परिवार में क्यों बढ़ रहा तनाव?

बिहार चुनाव बाद विवाद लगातार गहराता जा रहा है और इसी राजनीतिक संकट के बीच एक नाम अचानक चर्चाओं में आ गया है—रमीज। चुनाव परिणामों के बाद जैसे-जैसे राष्ट्रीय जनता दल के अंदर मतभेद बढ़ते दिखाई दिए, उसी क्रम में लालू यादव परिवार में तनाव भी खुलकर सामने आने लगा।

इस विवाद में आग तब लगी जब लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया के माध्यम से तेजस्वी यादव के करीबी और मीडिया प्रबंधन संभालने वाले रमीज पर गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद रमीज नाम सुर्खियों में आ गया और इस मुद्दे ने बिहार की राजनीति में नया तूफान खड़ा कर दिया।

रमीज कौन हैं और बिहार चुनाव बाद विवाद में कैसे आए?

रमीज लंबे समय से तेजस्वी यादव के करीबी रहे हैं और इस समय वे तेजस्वी यादव मीडिया टीम का नेतृत्व संभाल रहे हैं। दिल्ली से पॉलिटिकल साइंस में स्नातक और जामिया मिलिया इस्लामिया से एमबीए करने वाले रमीज की पहचान सिर्फ शैक्षणिक नहीं है। वे स्कूल के दिनों से ही तेजस्वी यादव और संजय यादव के नजदीकी मित्र माने जाते रहे हैं।

इसके अलावा रमीज झारखंड की ओर से फर्स्ट-क्लास क्रिकेट भी खेल चुके हैं। वे यूपी के बलरामपुर के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से जुड़े हैं और सपा के पूर्व सांसद रिजवान जहीर के दामाद हैं।

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लेकिन जो वजह सबसे ज्यादा सुर्खियों में है, वह है उनका पुराने विवादों से जुड़ना—खासतौर पर तुलसीपुर हत्या केस विवाद

यूपी का कनेक्शन: रमीज नाम सुर्खियों में क्यों आता है?

रमीज मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के तुलसीपुर क्षेत्र के निवासी हैं। यहीं से उनका आपराधिक इतिहास और पुराने विवादों की चर्चा तेजी से सामने आने लगी है।

यूथ राजनीति और सोशल मीडिया में सक्रिय भूमिका निभाने के बावजूद उनके पुराने विवाद फिर इसीलिए सुर्खियों में आए क्योंकि बिहार चुनाव बाद विवाद के समय रोहिणी आचार्य ने रमीज का नाम लेकर उन्हें सीधे निशाने पर रखा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि रमीज यूपी की सख्त कानून-व्यवस्था से बचने के लिए पिछले कुछ वर्षों से बिहार में ज्यादा समय बिताता है। इसी वजह से अब जब लालू यादव परिवार में तनाव सार्वजनिक हुआ, तो यूपी के पुराने विवाद फिर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गए।

तुलसीपुर हत्या केस विवाद फिर चर्चा में

4 जनवरी 2022 को तुलसीपुर के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष फिरोज पप्पू की हत्या हुई थी। इस मामले में रमीज को मुख्य आरोपी बताते हुए कई गंभीर आरोप लगे थे। मृतक के भाई फिरोज अहमद का कहना है कि रमीज ने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए हत्या की साजिश रची और कई गंभीर मामलों में शामिल रहा।

मामले में रमीज पर हत्या, लूट, बलवा, आगजनी और गैंगस्टर एक्ट जैसी धाराओं के अंतर्गत मुकदमे दर्ज हुए। करीब दो साल जेल में रहने के बाद वह जमानत पर बाहर आया और फिर बिहार की राजनीति में सक्रिय हो गया।

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अब जब रमीज नाम सुर्खियों में है, तुलसीपुर हत्या केस विवाद भी राष्ट्रीय मीडिया में फिर वापसी कर चुका है।

रोहिणी आचार्य की नाराज़गी: लालू परिवार में तनाव खुलकर सामने

हाल ही में रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पोस्ट में रमीज पर सीधे आरोप लगाते हुए उसे “गैंगस्टर मानसिकता” वाला बताया। उनके बयान के बाद लालू यादव परिवार में तनाव खुलकर सामने आ गया और राजनीतिक हलचलों में तेजी आ गई।

विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार की राजनीति में यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत मतभेद नहीं है, बल्कि यह RJD की अंदरूनी सत्ता-संतुलन से भी जुड़ा हुआ है। बिहार चुनाव बाद विवाद अब मात्र राजनीतिक मुद्दा नहीं रह गया, बल्कि परिवारिक असहमति और राजनीतिक छवि दोनों पर असर डाल रहा है।

क्या राजनीतिक संरक्षण ने विवाद को बढ़ाया?

फ़िरोज़ पप्पू हत्याकांड के पीड़ित पक्ष का कहना है कि रमीज को राजनीतिक संरक्षण मिलने के कारण पुराने मामले दबा दिए गए। उनका दावा है कि जमानत पर बाहर आने के बाद रमीज ने बिहार में अपनी राजनीतिक गतिविधियाँ और मजबूत कीं।

अब जब बिहार चुनाव बाद विवाद तेज हो गया है और रमीज नाम सुर्खियों में है, पीड़ित पक्ष नई बिहार सरकार से मामले की दोबारा जांच की मांग कर रहा है।

स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया

बलरामपुर की स्थानीय जनता का कहना है कि उन्होंने रमीज को हमेशा विवादित छवि वाले व्यक्ति के रूप में देखा है। चुनावों के बाद जब बिहार में राजनीतिक परिस्थितियाँ बदलीं, तो रमीज नाम सुर्खियों में आने लगा और लोगों की पुरानी यादें भी ताजा हो गईं।

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कई लोगों ने सवाल भी उठाए कि तेजस्वी यादव मीडिया टीम में ऐसे व्यक्ति को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी क्यों दी गई?

क्या यह विवाद बिहार की राजनीति को प्रभावित करेगा?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद आने वाले समय में RJD की छवि और संगठन दोनों को प्रभावित कर सकता है। विशेषकर तब जब लालू यादव परिवार में तनाव लगातार बढ़ रहा है और सार्वजनिक स्तर पर बयान सामने आ रहे हैं।

इसके साथ ही यह मुद्दा बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों के लिए बड़ा राजनीतिक हथियार बन सकता है। बिहार चुनाव बाद विवाद अब एक बड़े राजनीतिक विमर्श में बदल चुका है।

क्लिक कर खुलने वाले सवाल–जवाब (FAQ)

रमीज नाम सुर्खियों में क्यों है?

बिहार चुनाव बाद विवाद और रोहिणी आचार्य के आरोपों के कारण रमीज नाम सुर्खियों में है।

तुलसीपुर हत्या केस विवाद क्या है?

2022 में तुलसीपुर के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष फिरोज पप्पू की हत्या के मामले में रमीज मुख्य आरोपी है।

रमीज का यूपी से क्या कनेक्शन है?

रमीज मूल रूप से बलरामपुर जिले के तुलसीपुर क्षेत्र का निवासी है और पुराने आपराधिक विवादों से उसका नाम जुड़ा है।

लालू यादव परिवार में तनाव क्यों बढ़ रहा है?

रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर रमीज को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए, जिससे परिवार में मतभेद बढ़ गया।

क्या तेजस्वी यादव मीडिया टीम इस विवाद में प्रभावित होगी?

विशेषज्ञों के मुताबिक यह विवाद मीडिया टीम की विश्वसनीयता और राजनीतिक छवि पर असर डाल सकता है।

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