रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भरा यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) फॉर्म, उत्तर प्रदेश में वोटर लिस्ट शुद्धिकरण अभियान तेज

कुमारी रुक्मिणी की रिपोर्ट

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Meta Description: उत्तर प्रदेश में चल रही यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के तहत वोटर लिस्ट शुद्धिकरण अभियान तेज हो गया है। लखनऊ से सांसद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में अपना SIR फॉर्म भरकर प्रशासन को सौंपा और मतदाता सूची को त्रुटिरहित व अपडेट करने के संदेश को मजबूत किया। यहां पढ़ें यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन, SIR फॉर्म, तारीखें, नियम और मतदाताओं की जिम्मेदारी से जुड़ी पूरी जानकारी।

लखनऊ: बिहार के बाद अब पूरे उत्तर प्रदेश में यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ ली है। आगामी पंचायत और विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश की मतदाता सूची को शुद्ध, अद्यतन और त्रुटिरहित बनाने के लिए एक बड़े स्तर पर वोटर लिस्ट शुद्धिकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में देश के रक्षा मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने भी खुद आगे बढ़कर SIR फॉर्म भरकर प्रशासन को सौंपा। उनके इस कदम ने यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन अभियान को राजनीतिक और जन जागरूकता दोनों स्तरों पर नई धार दे दी है।

लखनऊ दौरे के बीच राजनाथ सिंह की SIR प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी

रविवार को लखनऊ दौरे पर आए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कई कार्यक्रमों में शिरकत करने के बीच यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन प्रक्रिया के तहत अपना SIR फॉर्म भरने के लिए समय निकाला। उन्होंने यह फॉर्म एसडीएम सदर मनोज सिंह को व्यक्तिगत रूप से सौंपा। मौके पर राजस्व और चुनाव से जुड़े अधिकारी भी मौजूद रहे।

राजनाथ सिंह लखनऊ लोकसभा सीट से सांसद हैं और नगर निगम, विधानसभा तथा लोकसभा चुनावों में वह यहीं से मतदान करते हैं। ऐसे में उनका खुद आगे बढ़कर यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन में हिस्सा लेना यह संदेश देता है कि मतदाता सूची का सही और अद्यतन होना केवल आम नागरिक की नहीं, बल्कि हर प्रतिनिधि की भी समान जिम्मेदारी है। रक्षा मंत्री की यह पहल उन लोगों के लिए भी प्रेरणा है, जो अभी तक SIR को सिर्फ एक औपचारिक सरकारी प्रक्रिया मानते थे।

क्या है यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) और क्यों है यह इतना महत्वपूर्ण?

यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन मूलतः चुनाव आयोग द्वारा संचालित एक विशेष अभियान है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूचियों को पूरी तरह से अद्यतन करना, डुप्लीकेट, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाना और नए योग्य मतदाताओं को सूची में शामिल करना है। इस वोटर लिस्ट शुद्धिकरण अभियान के केंद्र में पारदर्शी और विश्वसनीय चुनाव की तैयारी छिपी होती है।

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इस प्रक्रिया के तहत हर मतदाता से अपेक्षा की जाती है कि वह अपना SIR फॉर्म भरकर यह पुष्टि करे कि उसके नाम, पते, उम्र और अन्य विवरण मतदाता सूची में सही दर्ज हैं या नहीं। यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के दौरान अगर किसी मतदाता का नाम गलत दर्ज हो, दो जगह दर्ज हो या गलती से छूट गया हो, तो SIR फॉर्म के जरिये यह त्रुटि सुधारी जा सकती है।

सरल शब्दों में कहें तो यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन वह समय होता है जब मतदाता सूची को “रियल टाइम के हिसाब से” अपडेट किया जाता है, ताकि आने वाले पंचायत, निकाय और विधानसभा चुनावों में किसी भी योग्य मतदाता को अपने मताधिकार से वंचित न होना पड़े।

तारीखें और आंकड़े: यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का पूरा कैलेंडर

चुनाव आयोग ने यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के लिए विस्तृत टाइमलाइन जारी की है, जिसे जानना हर मतदाता के लिए जरूरी है:

  • 4 नवंबर से 4 दिसंबर – BLO (Booth Level Officer) द्वारा घर-घर जाकर गणना प्रपत्र / SIR फॉर्म देना और भरवाकर वापस लेना।
  • 9 दिसंबर – मतदाता सूची का ड्राफ्ट रोल (प्रारूप मतदाता सूची) प्रकाशित किया जाएगा।
  • ड्राफ्ट रोल जारी होने के बाद – दावे, आपत्तियां और सुधार दर्ज करने की प्रक्रिया चलेगी।
  • 7 फरवरी 2026 – फाइनल अपडेटेड और त्रुटिरहित वोटर लिस्ट जारी होने का लक्ष्य।

आंकड़ों की बात करें तो यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के तहत प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के 1,62,486 पोलिंग स्टेशनों में कुल 15,44,30,092 मतदाताओं की सूची को अपडेट किया जा रहा है। इतनी बड़ी जनसंख्या के बीच SIR अभियान को सफल बनाना तभी संभव है, जब आम लोग भी उतनी ही गंभीरता से अपना SIR फॉर्म भरकर समय पर जमा करें।

SIR प्रक्रिया पर सियासत गर्म, समाजवादी पार्टी ने उठाए सवाल

जहां एक ओर प्रशासन और चुनाव आयोग यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को मिशन मोड में चला रहा है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दल भी इस मुद्दे पर सक्रिय हो गए हैं। समाजवादी पार्टी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन देकर मांग की है कि सभी 15 करोड़ 44 लाख से अधिक मतदाताओं तक गणना प्रपत्र शीघ्र और व्यापक स्तर पर पहुंचाया जाए।

एसपी का तर्क है कि यदि यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के दौरान हर घर तक SIR फॉर्म नहीं पहुंचा, तो लाखों मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट रोल से छूटने या गलती से हटने की आशंका बनी रहेगी। पार्टी चाहती है कि यह वोटर लिस्ट शुद्धिकरण अभियान पूरी तरह पारदर्शी, निष्पक्ष और बिना किसी भेदभाव के चलाया जाए।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जैसे-जैसे पंचायत और विधानसभा चुनाव नजदीक आएंगे, यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को लेकर आरोप-प्रत्यारोप और भी तेज हो सकते हैं। हालांकि, मुख्य निर्वाचन अधिकारी लगातार यह संदेश दे रहे हैं कि SIR प्रक्रिया का मकसद केवल और केवल मतदाता सूची को मजबूत करना है, न कि किसी विशेष वर्ग या दल को लाभ पहुंचाना।

BLO की भूमिका, परिवार की जिम्मेदारी और SIR फॉर्म की अहमियत

यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की रीढ़ बूथ लेवल ऑफिसर यानी BLO होते हैं। चुनाव आयोग ने प्रत्येक पोलिंग स्टेशन पर तैनात BLO को निर्देशित किया है कि वे घर-घर जाकर गणना प्रपत्र और SIR फॉर्म वितरित करें और उन्हें भरवाकर वापस लें। लेकिन केवल BLO की सक्रियता से काम पूरा नहीं होगा, जब तक मतदाता खुद जागरूक होकर SIR प्रक्रिया में हिस्सा न लें।

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मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट तौर पर अपील की है कि – जिन मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है, उनके परिवार के सदस्य स्वयं आगे आकर BLO को जानकारी दें। इसी तरह जो लोग स्थायी रूप से किसी दूसरे शहर या राज्य में बस गए हैं, वे यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के दौरान अपना SIR फॉर्म भरकर नाम के स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी करें।

यदि कोई नया सदस्य 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका है, तो उसके लिए भी SIR अवधि सुनहरा मौका है, क्योंकि इसी समय नए नाम अधिक तेजी और प्राथमिकता के साथ मतदाता सूची में जोड़े जाते हैं। इस तरह यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन एक परिवार-स्तर की जिम्मेदारी भी है, जिसमें हर घर से कम से कम एक व्यक्ति को BLO के साथ सहयोग करना चाहिए।

अगर नाम पहले से वोटर लिस्ट में है तो भी SIR फॉर्म क्यों भरें?

अक्सर लोग सवाल करते हैं कि जब उनका नाम पहले से वोटर लिस्ट में दर्ज है, तो फिर यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के दौरान दुबारा फॉर्म भरने की क्या जरूरत है। इसका जवाब छिपा है “अपडेट” शब्द में। समय के साथ पता, पारिवारिक स्थिति, उम्र और वैवाहिक स्थिति बदलती रहती है।

मान लीजिए –

  • किसी की शादी होकर वह दूसरे पते पर रहने लगा/लगी है,
  • कोई नौकरी या व्यवसाय के कारण अन्य शहर में शिफ्ट हो गया है,
  • किसी परिवार में किसी बुजुर्ग की मृत्यु हो चुकी है,
  • किसी सदस्य की उम्र या नाम पहले गलत दर्ज हो गया था।

ऐसे सभी मामलों में यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के दौरान SIR फॉर्म भरकर सुधार कराने से भविष्य के चुनावों में होने वाली दिक्कतों से बचा जा सकता है। मतदान के दिन बूथ पर जाकर “नाम नहीं मिला” सुनने से कहीं बेहतर है कि अभी थोड़ा समय निकालकर SIR प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए।

आगामी पंचायत और विधानसभा चुनावों की तैयारी का आधार बनेगा SIR

उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य में चुनाव कराना किसी बड़े प्रशासनिक अभियान से कम नहीं होता। ऐसे में यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को आगामी पंचायत, निकाय और विधानसभा चुनावों की “बैकबोन” कहा जा सकता है। जितनी साफ और अद्यतन मतदाता सूची होगी, उतना ही अधिक पारदर्शी चुनाव संभव होगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लखनऊ में स्वयं जाकर SIR फॉर्म भरना एक प्रतीकात्मक लेकिन असरदार संदेश है। इससे यह धारणा मजबूत होती है कि यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन सिर्फ कागजी औपचारिकता नहीं, बल्कि लोकतंत्र को मजबूत करने का बुनियादी कदम है। अब जरूरत है कि हर मतदाता इस अभियान को व्यक्तिगत जिम्मेदारी की तरह लेकर अपना योगदान दे।

मतदाता के रूप में आपकी चेकलिस्ट – ऐसे बनें SIR प्रक्रिया का सक्रिय हिस्सा

यदि आप उत्तर प्रदेश के मतदाता हैं, तो यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के दौरान यह चेकलिस्ट जरूर फॉलो करें:

  1. जब BLO आपके घर आए तो उनका सहयोग करें और SIR फॉर्म अवश्य लें।
  2. फॉर्म में अपना नाम, पिता/पति का नाम, उम्र, पता, बूथ आदि जानकारी बहुत ध्यान से भरें।
  3. यदि परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हो चुकी है, तो उसका विवरण साफ-साफ लिखें, ताकि वोटर लिस्ट शुद्धिकरण सही हो सके।
  4. यदि आप किसी अन्य शहर में स्थायी रूप से शिफ्ट हो चुके हैं, तो पुराने पते की लिस्ट से नाम हटवाने और नए पते पर जोड़ने के लिए SIR के दौरान आवेदन करें।
  5. भरा हुआ SIR फॉर्म समय पर BLO या निर्धारित केंद्र पर जमा कर दें, आखिरी तारीख का इंतजार न करें।
  6. अपने आसपास के लोगों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों को भी यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के बारे में बताएं और उन्हें भी फॉर्म भरने के लिए प्रेरित करें।
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याद रखिए, मजबूत लोकतंत्र की शुरुआत मजबूत मतदाता सूची से होती है, और मजबूत मतदाता सूची की शुरुआत जागरूक नागरिक से। यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन में आपका छोटा-सा प्रयास आने वाले चुनावों की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बड़ा आधार दे सकता है।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ) – यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR)

प्रश्न 1: यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) क्या है?

यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन चुनाव आयोग का विशेष अभियान है, जिसके तहत मतदाता सूची को अपडेट, शुद्ध और त्रुटिरहित बनाया जाता है। इस दौरान SIR फॉर्म के जरिये नए मतदाताओं के नाम जोड़े जाते हैं, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं और गलत प्रविष्टियों में सुधार किया जाता है।

प्रश्न 2: SIR फॉर्म कहां से और कैसे मिलेगा?

SIR फॉर्म आपके क्षेत्र के BLO (Booth Level Officer) द्वारा यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के दौरान घर-घर पहुंचाया जाता है। यदि किसी कारण से फॉर्म आपके घर न पहुंचे तो आप अपने नजदीकी मतदान केंद्र, निर्वाचन कार्यालय या BLO से संपर्क करके SIR फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न 3: अगर मेरा नाम पहले से वोटर लिस्ट में है, तो क्या मुझे भी SIR प्रक्रिया में हिस्सा लेना चाहिए?

हां, यदि आपके नाम, पता, उम्र या वैवाहिक स्थिति में कोई बदलाव हुआ है, तो यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के दौरान SIR फॉर्म के जरिये जानकारी अपडेट करना बहुत जरूरी है। इससे वोटर लिस्ट शुद्धिकरण सही तरीके से होता है और मतदान के दिन किसी भी प्रकार की परेशानी से बचा जा सकता है।

प्रश्न 4: जिन मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है, उनके बारे में क्या करना चाहिए?

जिन मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है, उनके परिवार के सदस्यों की जिम्मेदारी है कि वे यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के दौरान BLO को सूचना दें और SIR फॉर्म में यह विवरण भरें। इससे मृत मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकेंगे और सूची अधिक सटीक व विश्वसनीय बनेगी।

प्रश्न 5: यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की फाइनल वोटर लिस्ट कब जारी होगी?

यूपी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के तहत 9 दिसंबर को ड्राफ्ट रोल प्रकाशित किया जाएगा, उसके बाद दावे और आपत्तियों की प्रक्रिया चलेगी और सभी सुधारों को शामिल करते हुए अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को जारी किए जाने का लक्ष्य है।

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