
प्रशांत किशोर की रिपोर्ट
बिहार की राजनीति एक बार फिर निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है, जहां नीतीश की नई सरकार के गठन की प्रक्रियाएं तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं। चुनाव परिणाम आने के बाद से ही पटना से दिल्ली तक राजनीति बेहद सक्रिय हो गई है। एनडीए ने स्पष्ट कर दिया है कि नया शासन पूरी मजबूती के साथ, केंद्र के सहयोग और राज्यों के तालमेल के साथ आगे बढ़ेगा। इसी बीच नीतीश की नई सरकार को लेकर जो चर्चा है, वह केवल सत्ता परिवर्तन ही नहीं बल्कि बिहार के आने वाले पाँच वर्षों की दिशा तय करने वाली प्रक्रिया है।
एनडीए विधायक दल की बैठक: नीतीश कुमार होंगे निर्विवाद नेता
सोमवार को एनडीए विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित होगी, जिसमें नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से नेता चुने जाने की पूरी संभावना है। इस घोषणा के साथ ही नीतीश की नई सरकार का औपचारिक खाका बनना शुरू हो जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा और जदयू ने दिल्ली में हुई बैठकों के बाद गठबंधन की आंतरिक संरचना पर अंतिम सहमति बनाई है। यह लगभग तय है कि नीतीश की नई सरकार में मुख्यमंत्री पद की निरंतरता पर कोई विवाद नहीं होगा। हालांकि शुरुआती चरण में भाजपा में थोड़ी असहजता थी, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद स्थिति स्पष्ट हो चुकी है।
गांधी मैदान में होगा शपथ समारोह, पीएम मोदी की मौजूदगी तय
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 19 से 22 नवंबर के बीच शपथ ग्रहण हो सकता है और इस बार ऐतिहासिक गांधी मैदान में यह आयोजन होगा। यह नीतीश कुमार का 10वां शपथ ग्रहण होगा और इसलिए इसका राजनीतिक और प्रतीकात्मक महत्व दोनों अत्यधिक है।
शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और कई केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे। यह बड़ा आयोजन नीतीश की नई सरकार के प्रति केंद्र की प्रतिबद्धता भी दर्शाएगा।
निर्वाचन आयोग ने सौंप दी विधायकों की सूची, आचार संहिता समाप्त
निर्वाचन आयोग की टीम ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को 243 नव-निर्वाचित विधायकों की सूची सौंप दी है। इसके साथ ही चुनाव प्रक्रिया पूरी होने की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल और प्रधान सचिव अरविंद आनंद ने यह दस्तावेज सौंपते ही राज्य में लागू आचार संहिता निष्प्रभावी हो गई। अब नीतीश की नई सरकार के गठन का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है।
नीतीश की कैबिनेट बैठक: मंत्रिमंडल भंग करने का निर्णय
सोमवार सुबह 11:30 बजे नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है जिसमें वर्तमान मंत्रिमंडल को भंग करने के प्रस्ताव पर मुहर लगेगी। इसके बाद मुख्यमंत्री राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपेंगे और आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।
इसके साथ ही नीतीश की नई सरकार के मंत्रिमंडल गठन की औपचारिक शुरुआत हो जाएगी, जिसमें सहयोगी दलों की भागीदारी को लेकर व्यापक चर्चा जारी है।
मंत्रिमंडल गठन का फॉर्मूला: छह विधायकों पर एक मंत्री
सूत्र बताते हैं कि एनडीए ने नीतीश की नई सरकार के लिए स्पष्ट फॉर्मूला अपनाया है—हर छह विधायकों पर एक मंत्री बनाया जाएगा। इसी गणना के अनुसार भाजपा को 15–16 मंत्री पद और जदयू को 14 मंत्री पद मिल सकते हैं।
इसके अलावा लोजपा (रामविलास) को 3, हम और रालोसपा को 1–1 मंत्री पद मिलने की चर्चा है। यह संतुलन सुनिश्चित करेगा कि नीतीश की नई सरकार गठबंधन को अधिक स्थिर और प्रभावी बनाए।
दिल्ली में अमित शाह के साथ बैठक में तय हुआ फार्मूला
दिल्ली में हुई उच्चस्तरीय बैठक में भाजपा और जदयू के शीर्ष नेताओं ने नीतीश की नई सरकार की शक्ति-संरचना पर अंतिम सहमति बनाई। भाजपा ने बड़े मंत्री पदों के साथ-साथ गृह, वित्त, सड़क, उद्योग और कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभागों की मांग की है।
तेज प्रताप यादव की नई पार्टी का नैतिक समर्थन
राजनीति का रोचक पहलू यह रहा कि तेज प्रताप यादव की नई पार्टी जेजेडी ने नीतीश की नई सरकार को नैतिक समर्थन देने का निर्णय लिया है। हालांकि वे सत्ता में भाग नहीं लेंगे, लेकिन उन्होंने सरकार को स्थिरता देने की बात कही है।
नीतीश की नई सरकार: राजनीतिक संदेश और भविष्य का रोडमैप
स्पष्ट है कि नीतीश की नई सरकार न केवल गठबंधन की मजबूती का प्रतीक है बल्कि यह आने वाले वर्षों में विकास, प्रशासनिक सुधार, रोजगार और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर नए प्रयासों का संकेत भी देती है।
नई सरकार से जनता को उम्मीदें भी बड़ी हैं—सुशासन, शिक्षा सुधार, बुनियादी ढांचा, ग्रामीण विकास और उद्योगों को गति। अब देखना होगा कि नीतीश की नई सरकार इन अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरती है।
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नीतीश की नई सरकार का शपथ ग्रहण कब होगा?
संभावना है कि 19 से 22 नवंबर के बीच गांधी मैदान में शपथ ग्रहण होगा।
नीतीश की नई सरकार में किसे सबसे अधिक मंत्री पद मिलेंगे?
फॉर्मूला के तहत भाजपा को सबसे अधिक 15–16 मंत्री पद मिल सकते हैं।
क्या पीएम मोदी शपथ ग्रहण में शामिल होंगे?
हाँ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की पुष्टि हो चुकी है।
तेज प्रताप यादव की पार्टी की भूमिका क्या होगी?
जेजेडी ने नैतिक समर्थन देने का फैसला किया है, लेकिन वे सत्ता में शामिल नहीं होंगे।






