
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
भारत-नेपाल सीमा अवैध प्रवेश को रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियां लगातार सतर्क हैं। इसी चौकसी का असर तब दिखा जब बहराइच जिले की रूपईडीहा सीमा पर एसएसबी और पुलिस ने शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई की। सुरक्षा बलों ने भारत-नेपाल सीमा अवैध प्रवेश करते हुए पकड़े गए दो विदेशी नागरिकों—एक ब्रिटिश महिला डॉक्टर और एक ब्रिटिश-पाकिस्तानी मूल के पुरुष डॉक्टर—को हिरासत में ले लिया। यह घटना उस समय और गंभीर हो गई जब पता चला कि दोनों के पास भारत में प्रवेश का वैध वीज़ा नहीं था। यही कारण है कि ब्रिटिश डॉक्टर गिरफ्तार होने की यह खबर तेजी से चर्चा का विषय बन गई।
रूपईडीहा सीमा पर सख्त निगरानी में हुआ खुलासा
शनिवार सुबह करीब 10 बजे नेपाल की ओर से भारत की तरफ आते समय एसएसबी की 42वीं वाहिनी के जवानों ने एक पुरुष और महिला को संदिग्ध गतिविधि के आधार पर रोक लिया। पूछताछ में यह स्पष्ट हो गया कि मामला साधारण नहीं है, बल्कि गंभीर भारत-नेपाल सीमा अवैध प्रवेश का है। उनकी पहचान 35 वर्षीय डॉक्टर हसन अमान सलीम और 61 वर्षीय डॉक्टर सुमित्रा शकील ओलिविया के रूप में हुई।
डॉ. हसन अमान सलीम ब्रिटिश पासपोर्ट धारक हैं, लेकिन उनका मूल पाकिस्तानी बताया जा रहा है। वहीं, महिला डॉक्टर सुमित्रा भारतीय मूल की हैं और अब ब्रिटेन की नागरिकता लेकर चिकित्सा सेवा से जुड़ी हुई हैं। दोनों नेपालगंज स्थित एक अस्पताल में चिकित्सकीय कार्य के सिलसिले में पहुंचे थे, लेकिन भारत में बिना अनुमति के प्रवेश करना उनके लिए मुसीबत बन गया।
दिल्ली धमाके के बाद हाई अलर्ट, इसलिए बढ़ाई गई थी निगरानी
एसएसबी के सेनानायक गंगा सिंह उदावत ने बताया कि हाल में हुए दिल्ली विस्फोट को देखते हुए पूरी भारत-नेपाल सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई थी। इसी सुरक्षा कड़ी के तहत जवानों ने इन दोनों को रोका। जांच में सामने आया कि इनके पास भारत का वैध वीज़ा नहीं था, जो कि सीधे-सीधे भारत-नेपाल सीमा अवैध प्रवेश का मामला बनता है। यही कारण है कि रूपईडीहा सीमा पर हुई इस कार्रवाई को बेहद अहम माना जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान दोनों डॉक्टर भारत आने का संतोषजनक कारण नहीं बता सके। यह भी स्पष्ट नहीं कर पाए कि बिना वीज़ा वे भारत में क्यों घुसने की कोशिश कर रहे थे। ऐसे में ब्रिटिश डॉक्टर गिरफ्तार कर दोनों को रूपईडीहा थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया।
एसएसबी और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से बड़ी सफलता
बहराइच पुलिस अधीक्षक (एसपी) रामनयन सिंह के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों पर पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 14A के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यह धारा विदेशी नागरिकों के अवैध प्रवेश, पहचान छुपाने और बिना अनुमति भारतीय सीमा में घुसने पर कठोर दंड का प्रावधान करती है।
इस घटना ने एक बार फिर भारत-नेपाल सीमा अवैध प्रवेश की गंभीरता को उजागर किया है। रूपईडीहा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में लगातार अवैध गतिविधियां पकड़ी जा रही हैं—चाहे वह मानव तस्करी हो, पासपोर्ट उल्लंघन हो, या विदेशी नागरिकों का संदिग्ध आवागमन। यह कार्रवाई न केवल एसएसबी बल्कि स्थानीय पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया और पेशेवर सतर्कता का परिणाम है।
क्यों बढ़ रही है रूपईडीहा सीमा पर अवैध गतिविधियों की कोशिश?
रूपईडीहा और नेपालगंज के बीच की सीमा बेहद व्यस्त मानी जाती है। इस पार-पार का रास्ता कई बार विदेशी नागरिकों, संदिग्ध गतिविधियों और जाली दस्तावेजों के लिए आसान लक्ष्य बन जाता है। पिछले कुछ महीनों में भारत-नेपाल सीमा अवैध प्रवेश के लगातार मामले सामने आए हैं, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ती जा रही है।
इस ताजा मामले में ब्रिटिश डॉक्टर गिरफ्तार होने की घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है कि क्यों इतने शिक्षित और पेशेवर लोग भी बिना अनुमति सीमाओं को पार करने का जोखिम उठा रहे हैं? क्या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क है या सिर्फ लापरवाही? पुलिस अब इसी दिशा में गहराई से जांच कर रही है।
जांच आगे बढ़ेगी, कई और खुलासे उम्मीद
पुलिस टीम ने डॉक्टर हसन और डॉक्टर सुमित्रा से कई दौर की पूछताछ की है। अभी तक यह साफ हुआ है कि दोनों नेपालगंज में डॉक्टर की नौकरी के संबंध में पहुंचे थे, लेकिन भारत में प्रवेश की उनकी मंशा अब भी संदिग्ध है। यही कारण है कि बहराइच पुलिस कार्रवाई अब इस केस को गंभीरता से आगे बढ़ा रही है।
आने वाले दिनों में यह भी स्पष्ट होगा कि कहीं इन दोनों का संबंध किसी बड़े नेटवर्क, संगठित गिरोह या किसी संवेदनशील गतिविधि से तो नहीं था। हर एंगल से जांच जारी है और भारत-नेपाल सीमा अवैध प्रवेश मामले में सुरक्षा एजेंसियां कोई भी ढिलाई नहीं बरतना चाहतीं।
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ब्रिटिश डॉक्टरों को रूपईडीहा सीमा पर क्यों गिरफ्तार किया गया?
क्योंकि दोनों के पास भारत में प्रवेश के लिए वैध वीज़ा नहीं था। यह सीधे-सीधे भारत-नेपाल सीमा अवैध प्रवेश का मामला था।
पकड़े गए डॉक्टरों के नाम क्या हैं?
पुरुष डॉक्टर का नाम हसन अमान सलीम और महिला डॉक्टर का नाम सुमित्रा शकील ओलिविया है, दोनों ब्रिटिश नागरिक हैं।
दोनों पर कौन-सी कानूनी धारा लगाई गई?
पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 14A के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
क्या यह मामला किसी बड़े नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है?
संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। पुलिस इस दिशा में जांच कर रही है।






