✨ लखनऊ में पत्रकार पर जानलेवा हमला — लग्जरी कार गैंग गिरफ्तार ✨

कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

Red and Blue Geometric Patterns Medical Facebook Post_20251110_094656_0000
previous arrow
next arrow

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पत्रकार पर जानलेवा हमला करने के प्रयास ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। यह घटना न केवल स्थानीय निवासियों के बीच दहशत का कारण बनी, बल्कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है। मोहनलालगंज पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस पत्रकार पर जानलेवा हमला प्रकरण में शामिल पाँचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इनके कब्जे से महिंद्रा थार, टाटा सफारी और सेलेरियो कार बरामद की है।

गौरतलब है कि यह पत्रकार पर जानलेवा हमला उस समय हुआ, जब पीड़ित पत्रकार मुकेश द्विवेदी अपने साथी हिमांशु रावत के साथ स्कॉर्पियो से सर्विस सेंटर से वापस लौट रहे थे। शाम करीब 5:40 बजे जैसे ही दोनों बीसीसी हाइट्स की ओर बढ़े, तभी तीन लग्जरी गाड़ियों में सवार बदमाशों ने उनकी गाड़ी को जानबूझकर टक्कर मारने की कोशिश की। यही नहीं, आरोपियों ने पीछा करते हुए हवाई फायरिंग, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी भी दी। यह साफ दिखाता है कि पत्रकार पर जानलेवा हमला किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था।

सीसीटीवी फुटेज ने खोली पूरी साजिश

घटना के बाद सभी आरोपी फरार हो गए थे, लेकिन पीड़ित द्वारा उपलब्ध कराए गए वाहन नंबरों के आधार पर पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज किया। पत्रकार पर जानलेवा हमला जैसे गंभीर मामले को सुलझाने के लिए पुलिस ने पीजीआई से लेकर घटना स्थल तक लगे 60–70 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली।

इसे भी पढें  दिल्ली धमाका : हमदर्द बनकर युवाओं को दहशतगर्द बनाने की गहरी साजिश थी डॉ. शाहीन की

फुटेज में तीनों गाड़ियाँ और सभी आरोपी स्पष्ट दिखाई दे गए। इसके बाद पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों का उपयोग करते हुए सभी पांच लोगों—हरिनाम उर्फ राहुल, चंदन भट्ट, अमित मिश्रा, विनीत तिवारी और अभिषेक तिवारी—को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी पत्रकार पर जानलेवा हमला मामले में अब तक की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।

मुख्य आरोपी अभिषेक तिवारी: पुरानी रंजिश बनी हमले की वजह

पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ कि पत्रकार पर जानलेवा हमला कराने की साजिश का मास्टरमाइंड क्षेत्रीय नेता अभिषेक तिवारी ही है। उसकी पीड़ित पत्रकार से पुरानी रंजिश थी। बताया जा रहा है कि एक पुराने मामले में पीड़ित ने विरोधी पक्ष का समर्थन किया था, जिससे अभिषेक तिवारी नाराज चल रहा था। इसी नाराजगी के कारण उसने टीम बनाकर योजनाबद्ध तरीके से पत्रकार पर जानलेवा हमला करवाया।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आरोपियों ने अत्यंत फिल्मी अंदाज में इस पत्रकार पर जानलेवा हमला को अंजाम देने की कोशिश की। पीछा, फायरिंग, गाली-गलौज और गाड़ी को टक्कर मारने का प्रयास इस बात का प्रमाण है कि सभी आरोपी पहले से तैयार थे।

लग्जरी गाड़ियों में घूमते बदमाशों ने फैलाई दहशत

जिस तरह लग्जरी गाड़ियों में सवार होकर बदमाशों ने पत्रकार पर जानलेवा हमला किया, उससे इलाके में भय का माहौल फैल गया। लोगों ने कहा कि इस तरह की संगठित और खुली कार्रवाई से साफ है कि आरोपियों को किसी बड़े संरक्षण का भरोसा रहा होगा।

इसे भी पढें  ‘काका-काकी राम-राम!' कैसन हो भइया-भौजी?❓’‌ सर्दी की आहट पर पंचायत चुनाव की चढ़ती गर्मी, अब हालचाल लेने लगे प्रत्याशी

दिनदहाड़े पत्रकार पर जानलेवा हमला जैसी घटना ने स्थानीय निवासियों के बीच कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए। हालांकि पुलिस की तत्परता और तकनीकी जांच के चलते वारदात में शामिल सभी आरोपी जल्द ही पकड़ लिए गए।

पुलिस की तेज कार्रवाई से खुला पूरा मामला

मोहनलालगंज पुलिस की टीम ने घटना के तुरंत बाद इस पत्रकार पर जानलेवा हमला मामले में सख्ती दिखाते हुए आरोपियों की धरपकड़ शुरू की। तीनों गाड़ियों को जब्त किया गया, जो हमले में सीधे तौर पर शामिल थीं। पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपियों के खिलाफ शांति भंग की धाराओं में कार्रवाई की गई है, हालांकि मुख्य साजिशकर्ता पर आगे कठोर धाराओं में कार्रवाई संभव है।

स्थानीय पुलिस अधिकारी बताते हैं कि अपराधियों का मनोबल तभी टूटता है जब पत्रकार पर जानलेवा हमला जैसे मामलों में तुरंत और मजबूत कार्रवाई की जाए। यही कारण है कि इस घटना में पुलिस ने पूरी गंभीरता से जांच करते हुए आरोपियों को दबोच लिया।

पत्रकार सुरक्षा पर फिर उठे सवाल

यह पत्रकार पर जानलेवा हमला घटना पत्रकारों की सुरक्षा पर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा करती है। पत्रकार समाज का चौथा स्तंभ माना जाता है और उनका काम सच और तथ्य को सामने लाना है। ऐसे में यदि उन पर ही हमला हो, तो समाज के लिए यह बेहद गंभीर संकेत है।

प्रदेश में बीते कुछ वर्षों में पत्रकार पर जानलेवा हमला जैसी घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कड़े और स्पष्ट कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक स्थिति में सुधार संभव नहीं।

इसे भी पढें  बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत: अक्टूबर से बिजली बिल में कटौती और स्मार्ट प्रीपेड मीटर विवाद

लखनऊ पुलिस ने दिया संदेश—अपराधी कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा

लखनऊ पुलिस द्वारा पत्रकार पर जानलेवा हमला के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी से यह संदेश गया है कि अपराधी कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, कार्रवाई अवश्य होगी। क्षेत्रीय नेता सहित पाँच लोगों की गिरफ्तारी इसकी बड़ी मिसाल है।

पुलिस अधिकारियों ने साफ कहा कि पत्रकार पर जानलेवा हमला जैसे अपराधों को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले की जांच आगे भी जारी रहेगी और ज़रूरत पड़ने पर धाराएँ बढ़ाई जा सकती हैं।

निष्कर्ष

लखनऊ में हुआ यह पत्रकार पर जानलेवा हमला घटना न केवल पत्रकारिता जगत के लिए चिंता का विषय है, बल्कि समाज के सामने अपराध और सुरक्षा व्यवस्था की सच्चाई भी उजागर करती है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने जहाँ राहत दी, वहीं इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पुरानी रंजिशें किस तरह बड़े अपराधों का रूप ले सकती हैं।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

लखनऊ में पत्रकार पर जानलेवा हमला कब हुआ?

यह घटना गुरुवार शाम करीब 5:40 बजे हुई, जब पत्रकार मुकेश द्विवेदी अपने साथी के साथ वापस लौट रहे थे।

पत्रकार पर जानलेवा हमला किसने कराया?

जांच में सामने आया कि क्षेत्रीय नेता अभिषेक तिवारी ने पुरानी रंजिश के चलते यह हमला करवाया।

इस मामले में कितने आरोपी गिरफ्तार हुए?

मोहनलालगंज पुलिस ने कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

क्या पुलिस ने हमले में इस्तेमाल गाड़ियाँ बरामद की?

हाँ, पुलिस ने महिंद्रा थार, टाटा सफारी और सेलेरियो कार जब्त की हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Language »
Scroll to Top