
कानपुर देहात में अधिकारियों की लापरवाही एक बार फिर सुर्खियों में है। रिकॉर्ड की गलती ने कई बुज़ुर्गों की जिंदगी में अंधेरा ला दिया है।
कानपुर देहात पेंशन घोटाला, बुजुर्ग महिला पेंशन बंद, रिकॉर्ड में मृत दिखाया, और
बुजुर्गों की सरकारी पेंशन समस्या जैसे मुद्दे लगातार सामने आ रहे हैं।
इसी कड़ी में सरवनखेड़ा विकासखंड के तिलौंची गांव की बुज़ुर्ग महिला कुंती देवी की कहानी प्रशासनिक लापरवाही की भयावह तस्वीर पेश करती है।
कुंती देवी का आरोप है कि ग्राम सचिव ने उन्हें रिकॉर्ड में ‘मृत’ दिखा दिया, जिसके बाद उनकी
वृद्धावस्था पेंशन बंद कर दी गई। यह मामला न केवल मानवीय संवेदना को झकझोरता है, बल्कि
कानपुर देहात प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
पिछले छह महीनों से अपनी पेंशन बहाली को लेकर परेशान बुजुर्ग महिला दर–दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
✦ “कागज़ों में मुझे मृत दिखा दिया, लेकिन मैं जिंदा हूँ…” – पीड़ित की पीड़ा
कुंती देवी की उम्र भले ही अधिक हो, पर हौसला आज भी कायम है। जब उनका राशन, पेंशन और अन्य
सरकारी लाभ बंद हो गए, तो उन्होंने गांव से लेकर जिला मुख्यालय तक गुहार लगाई।
उन्होंने अधिकारियों से कहा—
“अभी जिंदा हूँ, पेंशन दे दो… कुछ दिनों में तो मर ही जाएंगे, लेकिन तब तक कैसे जियेंगे?”
उनका बेटा भी अब इस दुनिया में नहीं है, और उनकी पूरी उम्मीद सिर्फ सरकारी पेंशन पर टिकी थी।
लेकिन रिकॉर्ड की एक गलती ने उन्हें गरीबी, भूख और बेबसी में धकेल दिया।
कानपुर देहात पेंशन लापरवाही का यह मामला सोशल मीडिया और गांव में प्रमुख चर्चा का विषय बन चुका है।
✦ अधिकारियों के चक्कर लगाने पर भी नहीं सुनी गई बात
पीड़ित महिला ने बताया कि उन्होंने ग्राम सचिव, SDM, CDO, तहसील दिवस, और डीएम कार्यालय सहित
हर जगह आवेदन किया, पर
समस्या का समाधान नहीं किया गया।
बार–बार सिर्फ आश्वासन और “आ जाएँ कल” जैसे जवाब मिलते रहे।
पेंशन बंद होने की समस्या का समाधान न होने से उनका जीवन बेहद कठिन हो गया है।
कानपुर देहात में यह पहली घटना नहीं है। कई जगह बुजुर्गों को मृत घोषित करके पेंशन रोकने के मामले सामने आ चुके हैं,
जिससे पेंशन विभाग की लापरवाही उजागर होती है।
✦ “हमें जानकारी नहीं थी” – अधिकारियों की सफाई
प्रभारी खंड विकास अधिकारी विमल सचान ने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं थी।
उन्होंने आश्वासन दिया कि
पेंशन जल्द बहाल की जाएगी और जिम्मेदार व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई होगी।
हालांकि, ग्रामीणों का आरोप है कि यह पूरी तरह से ग्राम सचिव की लापरवाही है, जो
कई बुजुर्गों को इसी तरह कागजों में मृत घोषित करके शासन की योजनाओं से वंचित कर चुका है।
✦ बुजुर्गों को ‘मृत’ दिखाने का खेल कितना बड़ा?
पेंशन रोकने के कई मामलों में सामने आया कि
कुछ कर्मचारी लाभार्थियों की पेंशन बंद करवाकर भ्रष्टाचार करते हैं या उनकी जगह किसी और का नाम जोड़ने का प्रयास करते हैं।
कानपुर देहात पेंशन घोटाला अब बड़े पैमाने पर जांच की मांग कर रहा है।
कुंती देवी का मामला इसलिए खास है क्योंकि वे हर कार्यालय में पहुँच चुकी थीं,
फिर भी उनकी फाइल “प्रक्रिया में” बताकर दबा दी गई।
यह प्रशासनिक उदासीनता का स्पष्ट उदाहरण है।
✦ लगातार बढ़ते ऐसे मामलों के पीछे क्या वजह?
- रजिस्टर अपडेट न करना
- ग्राम स्तर के कर्मचारियों की लापरवाही
- बुजुर्गों की जानकारी समय पर सत्यापित न करना
- ऑनलाइन पोर्टल पर गलत अपडेट
- जवाबदेही की कमी
इन कारणों से कानपुर देहात पेंशन समस्या लगातार गहराती जा रही है।
✦ बुजुर्गों की पेंशन बंद होने से बढ़ी आर्थिक तंगी
कुंती देवी छह महीने से पेंशन न मिलने के कारण
भोजन, दवाइयों और रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ हैं।
गांव के लोग भी उनकी मदद कर रहे हैं, लेकिन यह स्थिति बेहद दुखद है कि
एक जीवित महिला को कागज़ों में मृत बताकर उसकी आजीविका छीन ली गई।
कानपुर देहात पेंशन बहाली, बुजुर्ग महिला पेंशन और
मृत दिखाकर पेंशन रोकने जैसे कीवर्ड अब लगातार चर्चा में हैं।
✦ क्लिक करिए और जवाब पढ़िए (FAQ)
सवाल 1: कुंती देवी की पेंशन क्यों बंद हुई?
उन्हें रिकॉर्ड में ‘मृत’ दिखा दिया गया, जिसके कारण उनकी सरकारी पेंशन बंद कर दी गई।
सवाल 2: क्या प्रशासन ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है?
हाँ, प्रभारी खंड विकास अधिकारी ने पेंशन बहाल करने और दोषी पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
सवाल 3: क्या कानपुर देहात में ऐसे मामले पहले भी आए हैं?
हाँ, कई बुजुर्गों को गलत तरीके से मृत घोषित करने और पेंशन रोकने के मामले सामने आ चुके हैं।
सवाल 4: बुजुर्ग महिला किस पर कार्रवाई चाहती हैं?
वे ग्राम सचिव पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रही हैं, क्योंकि वही रिकॉर्ड अपडेट करने का जिम्मेदार है।






