उन्नाव में पीड़ित महिला की जमीन पर दबंगों की गिद्ध नज़र: लाठी-डंडों से बुवाई रोकने की कोशिश, पुलिस हस्तक्षेप से बची फसल

कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

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उन्नाव। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में जमीन कब्जा करने की नीयत से दबंगों द्वारा पीड़ित महिला को लगातार प्रताड़ित किए जाने का मामला फिर सुर्खियों में है। उन्नाव पीड़ित महिला की जमीन विवाद से जुड़े इस पूरे घटनाक्रम में न केवल जमीन पर अवैध कब्जे की कोशिश हुई, बल्कि लाठी-डंडों के बल पर ट्रैक्टर रोकने की घटना ने पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बना दिया। दरअसल, ग्राम जवाहर खेड़ा मौजा डीह की रहने वाली राजकुमारी पत्नी स्वर्गीय रामसेवक पिछले 60 वर्षों से अपनी पैतृक भूमि—खसरा संख्या 3308 और 3421—पर खेती करती चली आ रही हैं, लेकिन पति की मृत्यु के बाद उन्नाव में जमीन कब्जा करने की विपक्षियों की मंशा लगातार तेज होती जा रही है।

पीड़िता का आरोप है कि विपक्षी पक्ष लगातार अवैध कब्जे की कोशिश कर रहा है, यहां तक कि कई बार परिजनों के साथ मारपीट, गाली-गलौज, धमकी और जान से मारने तक की नीयत दिखाई गई। उन्नाव पीड़ित महिला की जमीन विवाद से जुड़े ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, लेकिन 12 नवंबर 2025 की घटना ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।

बुवाई रोकने पहुँचे दबंग, ट्रैक्टर के आगे खड़े होकर दी धमकियाँ

12/11/2025 की सुबह पीड़ित परिवार अपने खेत में बुवाई कराने ट्रैक्टर लेकर पहुँचा। जैसे ही जुताई शुरू हुई, विपक्षी पक्ष के लोग—महिलाओं और बच्चों को आगे कर—लाठी-डंडों के साथ खेत में घुस आए। उन्होंने न केवल गाली-गलौज की बल्कि ट्रैक्टर को आगे बढ़ने से रोक दिया और बुवाई बंद कराने का प्रयास किया। यह घटना साफ तौर पर दर्शाती है कि उन्नाव में जमीन कब्जा करने की कोशिश कितनी सुनियोजित और उग्र रूप में की जा रही है।

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पीड़िता राजकुमारी के अनुसार, विपक्षियों ने कई बार इस जमीन पर अपना कब्जा जमाने का प्रयास किया है। इन लोगों में दिलीप, अनीश पुत्र सुरेश, मालती, सुभाषिनी, रामखेलावन, स्वर्गीय बैजू, रंजीत, संगीता, राधा, छगा और अन्य कई लोग शामिल हैं जो एकजुट होकर जमीन कब्जा करने की योजना बनाते हैं और पीड़ित परिवार को रास्ते में रोककर कमेंट करते हैं, गाली-गलौज करते हैं और लड़ाई करने की कोशिश करते हैं।

लल्ऊखेड़ा चौकी प्रभारी रवि मिश्रा ने तत्काल कार्रवाई कर काम रुकने नहीं दिया

दबंगों द्वारा की गई इस उग्र हरकत के बाद पीड़िता ने तत्काल लिखित शिकायत चौकी प्रभारी रवि मिश्रा को दी। शिकायत मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची और स्थिति को नियंत्रण में लेकर खेत की बुवाई का कार्य पूरा कराया। यह पुलिस हस्तक्षेप न होता तो संभव था कि विपक्षी पक्ष उस दिन उन्नाव पीड़ित महिला की जमीन पर अवैध कब्जा करने में सफल हो जाते।

पीड़ित परिवार ने बताया कि पुलिस की सक्रियता से ही फसल की बुवाई रुकने से बची। साथ ही घटना से जुड़े पूरे विवरण को उसी दिन सहायक पुलिस आयुक्त उन्नाव को भी फोन के माध्यम से अवगत कराया गया।

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एफआईआर दर्ज कराने की मांग, प्रशासन की भूमिका पर उठा सवाल

पीड़ित पक्ष ने विपक्षियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है ताकि लगातार हो रहे उत्पीड़न और उन्नाव में जमीन कब्जा करने की कोशिशों पर रोक लग सके। सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए समय पर कार्रवाई करेगा या फिर किसी बड़ी घटना के इंतजार में बैठेगा?

गाँव के स्थानीय लोगों का कहना है कि पीड़ित महिला का परिवार वर्षों से इस जमीन पर खेती करता आया है, फिर भी विपक्षियों द्वारा बार-बार अवैध कब्जे का प्रयास करना न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है बल्कि ग्रामीण न्याय व्यवस्था के लिए भी बड़ा सवाल है।

लगातार डर और तनाव में जी रहा पीड़ित परिवार

उन्नाव पीड़ित महिला की जमीन विवाद का यह पूरा मामला केवल एक जमीन का विवाद नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के स्वामित्व वाले जमीन पर होने वाली दबंगई और बदमाशी का एक जीवंत उदाहरण है। पीड़ित महिला का कहना है कि विपक्षियों का एक-दूसरे से जुड़ाव और दबंगई इतनी अधिक है कि परिवार हमेशा डर और तनाव में रहता है।

इतनी शिकायतों के बावजूद अभी तक कई आरोपियों पर कार्रवाई न होना भी प्रशासनिक ढिलाई दर्शाता है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, ऐसे तत्व खुलेआम जमीन कब्जा करने की कोशिश करते रहेंगे।

क्या मिलेगा न्याय? ग्रामीणों और पीड़ित परिवार की निगाहें प्रशासन पर

उन्नाव जैसे बड़े जिले में लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों से साफ है कि जमीन से जुड़े विवादों में महिलाओं को सबसे अधिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है। यह घटना भी यही संदेश देती है कि कानून व्यवस्था की मौजूदगी के बावजूद दबंग तत्व खुलेआम उन्नाव में जमीन कब्जा करने की कोशिश करते रहे हैं।

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अब देखने वाली बात यह है कि सहायक पुलिस आयुक्त और जिला प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा? या फिर दबंगों को संरक्षण देने का आरोप एक बार फिर पुलिस-प्रशासन पर लगेगा?


FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (क्लिक करें और जवाब देखें)

1. उन्नाव पीड़ित महिला की जमीन विवाद क्या है?

यह मामला उन्नाव के जवाहर खेड़ा गांव का है, जहाँ दबंगों द्वारा 60 साल से खेती हो रही जमीन पर कब्जे की कोशिश की जा रही है।

2. दबंगों ने बुवाई रोकने के लिए क्या किया?

उन्होंने महिलाओं और बच्चों को आगे कर लाठी-डंडों के साथ ट्रैक्टर के आगे खड़े होकर बुवाई रोकने की कोशिश की।

3. पुलिस ने क्या कार्रवाई की?

चौकी प्रभारी रवि मिश्रा ने मौके पर जाकर बुवाई का कार्य पूरा कराया और मामले की जांच शुरू की।

4. क्या इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई?

पीड़िता ने लिखित शिकायत देकर एफआईआर की मांग की है, प्रशासन की प्रतिक्रिया लंबित है।

5. क्या पीड़ित परिवार को सुरक्षा दी गई?

अब तक स्थायी सुरक्षा उपलब्ध नहीं है। ग्रामीण प्रशासन से कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

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