
संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
लखनऊ। शिक्षा जगत में नवाचार और प्रयोगधर्मिता को नई दिशा देने वाला ‘राष्ट्रीय शिक्षा सारथी सम्मान 2025’ आज लखनऊ में अत्यंत गरिमामय माहौल में आयोजित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित शैक्षिक संवाद मंच द्वारा आयोजित इस विशेष समारोह में देशभर के 82 नवाचारी शिक्षकों को उनके अद्वितीय योगदान के लिए राष्ट्रीय शिक्षा सारथी सम्मान 2025 से सम्मानित किया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखने वाले ये सभी शिक्षक ‘विद्यालय बनें आनंदघर’ की अवधारणा को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
यह समारोह बाल शिक्षा के महान पुरोधा गिजूभाई बधेका की जयंती पर आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. पवनपुत्र बादल शिरकत करेंगे, जबकि विशिष्ट अतिथियों में एनसीईआरटी, नई दिल्ली के विशेषज्ञ श्री शिव मोहन यादव और सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रमोद दीक्षित ‘मलय’ शामिल हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ शिक्षाविद रामकिशोर पाण्डेय करेंगे।
शैक्षिक संवाद मंच का उद्देश्य: नवाचार को बढ़ावा
शैक्षिक संवाद मंच वर्ष 2012 से शिक्षा के क्षेत्र में प्रयोगशीलता और नवाचार को प्रोत्साहित कर रहा है। मंच के संयोजक दुर्गेश्वर राय के अनुसार, अब तक मंच डेढ़ दर्जन से अधिक महत्वपूर्ण पुस्तकों का प्रकाशन कर चुका है और सैकड़ों शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा सारथी सम्मान 2025 जैसी प्रेरणादायी पहल के माध्यम से सम्मानित कर चुका है। उनका कहना है कि यह सम्मान उन शिक्षकों को समर्पित है, जो शिक्षण पद्धति में बदलाव लाकर बच्चों के लिए सीखने की प्रक्रिया को सरल, आनंददायक और प्रभावी बना रहे हैं।
तीन महत्वपूर्ण पुस्तकों का होगा भव्य विमोचन
इस बार के राष्ट्रीय शिक्षा सारथी सम्मान 2025 समारोह का सबसे विशेष पहलू तीन महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन है।

- ‘दिवास्वप्न संवाद’ – प्रमोद दीक्षित मलय द्वारा संपादित यह पत्र-संग्रह गिजूभाई की अमर कृति ‘दिवास्वप्न’ पर आधारित है।
- ‘फूले हैं पलाश वन’ – दुर्गेश्वर राय द्वारा संपादित यह काव्य संग्रह नई पीढ़ी के रचनाकारों की संवेदनाओं को स्वर देता है।
- ‘हमारे शिक्षा सारथी’ – इस पुस्तक में सम्मानित शिक्षकों की उपलब्धियों और नवाचारी कार्यों का विस्तृत विवरण दर्ज किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान इन पुस्तकों से जुड़े सभी लेखकों और कवियों को सम्मानपत्र एवं पुस्तक की प्रति भेंट की जाएगी। यह पहल शिक्षा जगत में रचनात्मक लेखन को प्रोत्साहित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
राष्ट्रीय शिक्षा सारथी सम्मान 2025: शिक्षा में नवाचार की मिसाल
राष्ट्रीय शिक्षा सारथी सम्मान 2025 इस वर्ष उन शिक्षकों को समर्पित है, जिन्होंने डिजिटल शिक्षा, प्रयोगात्मक शिक्षण, लोक-आधारित सीखने की तकनीक, बाल-केन्द्रित शिक्षण और रचनात्मक मूल्यांकन प्रणाली में उत्कृष्ट योगदान दिया है। ये शिक्षक भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक सकारात्मक परिवर्तन की आधारशिला बन रहे हैं।
समारोह में शामिल होने वाले कई शिक्षकों ने अपने विद्यालयों में ‘आनंदघर मॉडल’ को अपनाया है, जिसमें बच्चों के लिए तनावमुक्त वातावरण, खेल-आधारित शिक्षण, रचनात्मक गतिविधियाँ और प्रोजेक्ट-आधारित लर्निंग को प्राथमिकता दी जाती है। इसी कारण राष्ट्रीय शिक्षा सारथी सम्मान 2025 आज शिक्षा जगत में एक प्रतिष्ठित पहचान बन चुका है।
समारोह का समय, स्थान और तैयारियाँ
यह पूरा आयोजन लखनऊ के प्रसिद्ध अम्बर होटल में आयोजित किया गया है। कार्यक्रम का उद्घाटन सुबह 10 बजे होगा और समापन शाम 4 बजे होगा। आयोजन समिति के सदस्य—विनीत कुमार मिश्र, प्रीति भारती, विकास त्रिपाठी और अरविंद कुमार द्विवेदी—सभी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगातार जुटे हुए हैं।
संपूर्ण आयोजन का उद्देश्य भारत के नवाचारी शिक्षकों के कार्य को राष्ट्र के सामने लाना और शिक्षा में हो रहे मौलिक परिवर्तनों को रेखांकित करना है। इसीलिए राष्ट्रीय शिक्षा सारथी सम्मान 2025 इस बार पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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राष्ट्रीय शिक्षा सारथी सम्मान 2025 क्या है?
यह शैक्षिक संवाद मंच द्वारा दिया जाने वाला राष्ट्रीय स्तरीय सम्मान है, जो नवाचारी शिक्षकों को उनके प्रयोगधर्मी कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है।
यह समारोह कहाँ आयोजित किया जा रहा है?
यह समारोह लखनऊ के अम्बर होटल में आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम में कितने शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा?
देशभर के 82 शिक्षकों को ‘राष्ट्रीय शिक्षा सारथी सम्मान 2025’ से सम्मानित किया जाएगा।
समारोह में कौन-कौन सी पुस्तकों का विमोचन होगा?
‘दिवास्वप्न संवाद’, ‘फूले हैं पलाश वन’ और ‘हमारे शिक्षा सारथी’ तीन प्रमुख पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा।









