‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा’ के आठवें दिन धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की तबीयत बिगड़ी, फिर भी अडिग रहे संकल्प

ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट

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मथुरा। बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा आज अपने आठवें दिन स्वास्थ्य चुनौतियों के बीच भी ऊर्जा और समर्पण का प्रतीक बनकर ब्रजभूमि की ओर बढ़ती रही।
लगातार बढ़ते बुखार, कमजोरी और थकान के बावजूद शास्त्रीजी ने यात्रा रोकने से स्पष्ट इनकार कर दिया, जिससे हजारों भक्तों में और अधिक उत्साह दिखाई दिया।

दिल्ली से शुरू होकर वृंदावन तक 150 किलोमीटर की यह ऐतिहासिक पदयात्रा सामाजिक समरसता, हिंदू एकता और छुआछूत-मुक्त भारत का संदेश लेकर चल रही है।
कोसीकलां की मंडी से शुरू हुए आठवें दिन की 15 किमी यात्रा के दौरान शास्त्रीजी का स्वास्थ्य कई बार बिगड़ा, फिर भी यात्रा लगातार आगे बढ़ती रही।

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स्वास्थ्य गिरने पर भी नहीं रुके शास्त्री—सहयोगियों ने दिया सहारा

ग्राम अजीजपुर के पास हाईवे के किनारे यात्रा के दौरान स्थिति गंभीर तब हुई जब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अचानक तेज कमजोरी महसूस हुई और उन्हें जमीन पर बैठना पड़ा।
कई बार तो उन्हें सड़क पर ही लेटना पड़ा।
डॉक्टरों ने वायरल बुखार और डिहाइड्रेशन की आशंका जताई।
साथ चल रहे संत—महंत राजू दास, बाल योगेश्वर दास और अन्य सहयोगियों ने उन्हें हवा की और सहारा देकर यात्रा मार्ग पर संभाला।

अद्यतन: देर शाम वृंदावन सीमा के पास पहुँची पदयात्रा

अद्यतन जानकारी के अनुसार, शाम होते-होते सनातन हिंदू एकता पदयात्रा वृंदावन की सीमा के निकट पहुँच गई।
स्थानीय लोगों ने फूलवर्षा कर यात्रा और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर का स्वागत किया।
मार्ग में कई भंडारे लगे हुए हैं जहाँ श्रद्धालु भोजन एवं जलपान की व्यवस्था कर रहे हैं।

सनातन प्रेमियों का अथाह उत्साह—“बाबा, हम आपके साथ हैं”

यात्रा में भावनात्मक माहौल तब देखने को मिला जब लोग शास्त्रीजी की सेहत के लिए प्रार्थना करते दिखे।
सैकड़ों युवा स्वयंसेवक भीड़ को नियंत्रित करते रहे और नारे लगाते रहे—
“सनातन हिंदू एकता पदयात्रा अमर रहे!”
“धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जिंदाबाद!”

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यात्रा का उद्देश्य—सामाजिक समरसता और छुआछूत-मुक्त भारत

तानव के क्षणों में भी शास्त्रीजी ने यात्रा के मूल संदेश को दोहराया।
उन्होंने कहा—
“यह यात्रा छुआछूत, भेदभाव, जातिगत विभाजन और सामाजिक दरारों को मिटाने का संकल्प है। सनातन एक है, रहेगा।”

यात्रा अब केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति के रूप में देखी जा रही है।
ब्रज के गाँवों में लोग घरों से निकलकर पदयात्रियों का स्वागत कर रहे हैं और समर्थन जता रहे हैं।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के स्वास्थ्य की ताज़ा स्थिति

डॉक्टरों के अनुसार, तेज बुखार और पानी की कमी के कारण शास्त्रीजी को कमजोरी आ रही है।
मेडिकल टीम ने आराम की सलाह दी है लेकिन उन्होंने यात्रा जारी रखने का संकल्प दोहराया है।
रात में मेडिकल टेंट में उनका तापमान और ऑक्सीजन लेवल मॉनिटर किया गया।

वृंदावन प्रशासन की विशेष व्यवस्था

वृंदावन प्रशासन ने भारी भीड़ और शास्त्रीजी के स्वास्थ्य को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा और मेडिकल टीमें तैनात की हैं।
संत समाज ने भी चिंता जताई, लेकिन उनके अटल संकल्प को देखकर सभी प्रभावित हैं।

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बागेश्वर धाम के भक्तों का बढ़ता जनसमर्थन

पूरी यात्रा में बागेश्वर धाम के भक्तों की उपस्थिति लगातार बढ़ रही है।
हर पड़ाव पर पुष्पवर्षा, जयकारों और भंडारों ने यात्रा को विशिष्ट आध्यात्मिक रंग दिया है।
सनातन हिंदू एकता पदयात्रा अब एक राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन चुकी है।

सवाल–जवाब (FAQ) – क्लिक पर खुलें

1. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की तबीयत क्यों बिगड़ी?

वायरल बुखार, लंबी पैदल यात्रा और डिहाइड्रेशन के कारण उनका स्वास्थ्य बिगड़ा।

2. क्या पदयात्रा रोकी जाएगी?

नहीं, शास्त्रीजी ने साफ कहा कि यात्रा अंतिम पड़ाव तक जारी रहेगी।

3. पदयात्रा कितनी लंबी है?

दिल्ली से वृंदावन तक लगभग 150 किलोमीटर।

4. यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या है?

सामाजिक समरसता, हिंदू एकता और छुआछूत-मुक्त समाज का निर्माण।

5. क्या डॉक्टरों की टीम साथ चल रही है?

हाँ, मेडिकल टीम लगातार उनके स्वास्थ्य की निगरानी में है।

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