
संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट जिले के रैपुरा थाना क्षेत्र के देऊंधा गांव में एक झोला छाप डॉक्टर द्वारा अवैध तरीके से क्लीनिक चलाने और गलत इलाज से मरीजों की हालत बिगाड़ने का गंभीर मामला सामने आया है। ग्रामीणों के अनुसार यह झोला छाप डॉक्टर न केवल गलत दवाएं देता है, बल्कि शिकायत करने पर मरीजों को धमकाने और गुर्गों से पिटवाने तक की साजिश रचता है।
इलाज के नाम पर लूट और आतंक
देऊंधा गांव के मैकी मोड़ पर देर शाम तक खुलने वाला यह कथित डॉक्टर खुद को “शिवप्रताप” बताता है, लेकिन जांच में उसका असली नाम शिवमूरत पटवा निकला। ग्रामीणों का कहना है कि यह झोला छाप डॉक्टर शाम को शराब पिलाकर गुर्गों की टोली तैयार करता है जो उसकी हर गलत हरकत को अंजाम देने में साथ देती है।
ग्रामीणों ने बताया कि यह झोला छाप डॉक्टर गलत इंजेक्शन, बिना स्टेरिलाइजेशन के उपकरणों और घटिया दवाओं से इलाज करता है। कई मरीजों के शरीर पर भयानक संक्रमण फैला है।
गलत इंजेक्शन से मरीज की हालत नाजुक
गांव के गरीब मजदूर फूल हसन ने बताया कि इस झोला छाप डॉक्टर द्वारा लगाए गए इंजेक्शन के बाद उनके शरीर पर बड़े-बड़े छाले पड़ गए। दर्द असहनीय होता गया और जब उन्होंने पैसे मांगने या शिकायत की बात कही, तो गुर्गों द्वारा धमकियां दी गईं।
बिना योग्यता करता है ऑपरेशन और गर्भपात
ग्रामीणों का कहना है कि यह झोला छाप डॉक्टर रात में चोरी-छिपे बवासीर के ऑपरेशन और गर्भपात तक करता है। इसके पास कोई मेडिकल डिग्री नहीं है, न कोई लाइसेंस। इस कारण कई मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच चुके हैं।
नाम बदलकर चलाता है फर्जी क्लीनिक
यह झोला छाप डॉक्टर हर बार अपना नाम और क्लीनिक का बोर्ड बदल देता है ताकि कार्रवाई न हो सके। पहले भी इसके कारनामे चर्चित हुए, लेकिन प्रभाव का हवाला देकर हर कार्रवाई को रुकवा देता है।
स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी सवालों के घेरे में
सबसे हैरानी की बात यह है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर और सीएमओ कार्यालय तक शिकायतें पहुंचने के बावजूद इस झोला छाप डॉक्टर के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से यह क्लीनिक बचा रहता है।
क्या प्रशासन करेगा कार्रवाई?
गांव में डर का माहौल है। लोग इलाज कराने तक से डरते हैं। अब पूरा मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिले में हलचल है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस झोला छाप डॉक्टर पर शिकंजा कसता है या फिर यह फिर से नाम बदलकर नई जगह दुकान खोल लेता है।

क्लिक करके सवाल–जवाब पढ़ें
❓ झोला छाप डॉक्टर कौन होता है?
जो व्यक्ति बिना किसी मेडिकल डिग्री या लाइसेंस के इलाज करता है, वह झोला छाप डॉक्टर कहलाता है। यह खतरनाक होता है।
❓ झोला छाप डॉक्टर के इलाज से क्या खतरे होते हैं?
गलत इंजेक्शन, संक्रमण, गलत दवाएं, अवैध ऑपरेशन और जान का जोखिम शामिल है।
❓ क्या इस मामले में कार्रवाई हो सकती है?
हाँ, अवैध क्लीनिक को सील करना, आरोपी की गिरफ्तारी और पीड़ितों के लिए मेडिकल सहायता उपलब्ध कराना प्रशासन के अधिकार में है।









