
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
बाराबंकी (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने अपनी प्राइवेट कार पर “विश्व हिंदू रक्षा परिषद प्रदेश मंत्री” का पदनाम लगाकर और लाल-नीली बत्ती लगाकर खुलेआम शहर में घूमने का दुस्साहस किया। फर्जी वीआईपी ठाठ का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद प्रशासनिक तंत्र में हड़कंप मच गया।
क्या है पूरा मामला?
वायरल वीडियो में एक मारुति अर्टिगा कार (UP32 HZ 3040) दिखाई देती है। इस कार के नंबर प्लेट के ऊपर पीले रंग की प्लेट लगी है, जिस पर बड़े अक्षरों में “विश्व हिंदू रक्षा परिषद प्रदेश मंत्री” लिखा गया है। कार की छत पर लाल और नीली बत्ती लगी हुई है — जो केवल सरकारी या आपातकालीन वाहनों को लगाने की अनुमति है।
वीडियो में कार का चालक बेहद वीआईपी अंदाज में शहर की सड़कों पर घूमता दिखाई दे रहा है। यह वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, वैसे ही पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया।
कौन है यह फर्जी ‘प्रदेश मंत्री’?
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, यह गाड़ी छाया चौराहा निवासी अर्श रस्तोगी नामक युवक की बताई जा रही है। उम्र करीब 20 से 22 वर्ष। बताया जाता है कि अर्श रस्तोगी खुद को “विश्व हिंदू रक्षा परिषद प्रदेश मंत्री” बताकर कई दिनों से बाराबंकी शहर में वीआईपी स्टाइल में घूमता था।
वह सार्वजनिक स्थानों पर रौब झाड़ता और लोगों पर प्रभाव जमाने के लिए इस फर्जी पहचान का इस्तेमाल करता था। अब यह मामला सोशल मीडिया से निकलकर सीधे प्रशासनिक जांच के घेरे में पहुंच चुका है।
लोगों का गुस्सा और प्रशासन की नींद
स्थानीय नागरिकों ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह कानून की खुली अवहेलना है। सवाल उठाया जा रहा है कि जब यह गाड़ी शहर में कई दिनों से इसी अंदाज में घूम रही थी, तो ट्रैफिक पुलिस या प्रशासन की नजर इस पर क्यों नहीं पड़ी?
लोगों ने कहा कि फर्जी वीआईपी संस्कृति को रोकने के लिए प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसी घटनाएं न केवल कानून तोड़ती हैं बल्कि आम जनता में भ्रम भी पैदा करती हैं।
पुलिस जांच में जुटी, बयान का इंतजार
वीडियो वायरल होने के बाद बाराबंकी पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, युवक की पहचान की पुष्टि के बाद उसके खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट और अन्य धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल वीडियो की सत्यता और कार के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। सोशल मीडिया पर #BarabankiFakeVIP और #FakeMinister जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
क्या कहते हैं कानून?
भारत में किसी भी निजी वाहन पर लाल-नीली बत्ती लगाना या सरकारी पदनाम लिखना गैरकानूनी है। मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 की धारा 52 के तहत ऐसा करने पर जुर्माना और जेल दोनों की सजा का प्रावधान है। यह मामला कानून की नजर में गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है। एक यूजर ने लिखा, “यह है नया वीआईपी भारत, जहां हर दूसरा व्यक्ति खुद को मंत्री बताता है।” वहीं, एक अन्य ने कहा, “अगर प्रशासन ऐसी घटनाओं को नजरअंदाज करता रहेगा, तो हर शहर में फर्जी मंत्री घूमते मिलेंगे।”
फर्जी वीआईपी संस्कृति पर सवाल
यह घटना केवल बाराबंकी ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए चेतावनी है। फर्जी वीआईपी ठाठ दिखाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाने चाहिए। इससे समाज में गलत संदेश जाता है और असली जनसेवकों की छवि धूमिल होती है।
बाराबंकी का यह फर्जी वीआईपी कार मामला दिखाता है कि कुछ लोग कानून की सीमाएं लांघकर केवल दिखावे के लिए कितना आगे बढ़ जाते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस इस “विश्व हिंदू रक्षा परिषद प्रदेश मंत्री” बताने वाले युवक पर क्या कार्रवाई करती है। जनता की एक ही मांग है — सख्त दंड और उदाहरण प्रस्तुत करने वाली कार्रवाई।
❓ बाराबंकी फर्जी वीआईपी मामला: सवाल-जवाब
1. बाराबंकी में फर्जी मंत्री की कार का वीडियो कब वायरल हुआ?
यह वीडियो 9 नवंबर 2025 को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद मामला चर्चा में आया।
2. फर्जी ‘प्रदेश मंत्री’ बताने वाला युवक कौन है?
युवक का नाम अर्श रस्तोगी बताया जा रहा है, जो बाराबंकी के छाया चौराहा क्षेत्र का निवासी है।
3. क्या निजी गाड़ी पर लाल-नीली बत्ती लगाना अपराध है?
हाँ, मोटर व्हीकल एक्ट के तहत यह अपराध है और इसके लिए जुर्माना तथा जेल दोनों हो सकते हैं।
4. क्या पुलिस ने कोई कार्रवाई की?
पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और युवक की गाड़ी तथा दस्तावेजों की पड़ताल जारी है।
5. लोगों की क्या प्रतिक्रिया रही?
लोगों ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताते हुए आरोपी युवक पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।







