नर्स को जड़ा तमाचा , मोबाइल तोड़ा
जिला अस्पताल में महिला तीमारदार ने नर्स को धमकाया भी,वार्ड में मची अफरा-तफरी

संतोष कुमार सोनी की रिपोर्ट

बांदा समाचार: उत्तर प्रदेश के बांदा जिला अस्पताल में शनिवार शाम एक बड़ा हंगामा खड़ा हो गया जब महिला तीमारदार ने मामूली विवाद पर नर्स सविता पटेल को थप्पड़ मार दिया और उसका मोबाइल तोड़ डाला। इस घटना से महिला वार्ड में भर्ती मरीजों और अन्य तीमारदारों के बीच अफरा-तफरी मच गई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे बांदा जिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

महिला तीमारदार और नर्स के बीच विवाद कैसे हुआ?

यह पूरा मामला महिला वार्ड के बेड नंबर 6 का है, जहां मटौंध थाना क्षेत्र के त्रिवेणी गांव की एक युवती भर्ती थी। मरीज की देखभाल की जिम्मेदारी ड्यूटी पर तैनात नर्स सविता पटेल के पास थी। मरीज को दर्द की शिकायत थी, जिस पर डॉ. आलोक गुप्ता के निर्देश पर नर्स ने उसे इंजेक्शन लगा दिया। इसके बाद भी मरीज को आराम नहीं मिला और वह अजीब हरकतें करने लगी।

नर्स सविता ने वार्ड बॉय ऋषभ को बीएचटी (बेडहेड टिकट) देते हुए कहा कि डॉक्टर से इमरजेंसी वार्ड में आर्डर डलवा लाओ। इसी बीच मरीज के साथ आई महिला तीमारदार नंदनी ने नर्स से बीएचटी छीन ली और ऊंची आवाज में बोली, “तुम लोग कुछ नहीं करते, हम खुद सब कुछ कर लेंगे।” इसी बात पर नर्स और महिला तीमारदार के बीच बहस शुरू हो गई।

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नर्स को थप्पड़ मारकर मोबाइल तोड़ा

बहस बढ़ते-बढ़ते इतना बिगड़ गया कि महिला तीमारदार ने नर्स सविता पटेल को थप्पड़ जड़ दिया और गालियां देने लगी। जब नर्स ने वीडियो रिकॉर्ड करने की कोशिश की तो तीमारदार ने उसका मोबाइल छीनकर फेंक दिया और उसे तोड़ डाला। इस दौरान वार्ड में मौजूद मरीजों और अन्य तीमारदारों में हड़कंप मच गया। कई लोगों ने बीच-बचाव किया, लेकिन महिला तीमारदार लगातार नर्स के साथ बदसलूकी करती रही।

अफरा-तफरी के बीच मैट्रन और पुलिस मौके पर पहुंची

सूचना मिलते ही मैट्रन उमा यादव मौके पर पहुंचीं और स्थिति को संभालने की कोशिश की। नर्स सविता पटेल ने पूरी घटना की लिखित शिकायत ट्रामा सेंटर पुलिस चौकी में दी। चौकी प्रभारी एसआई रामकिशोर यादव ने बताया कि शिकायत दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है।

अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

इस घटना के बाद बांदा जिला अस्पताल की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। मरीजों और नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि अस्पताल में अक्सर तीमारदार नर्सों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, लेकिन प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठाता। महिला वार्ड में सुरक्षा गार्ड की अनुपस्थिति ने भी स्थिति को और बिगाड़ दिया।

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अस्पताल सूत्रों के अनुसार, महिला तीमारदार को मरीज के इलाज को लेकर असंतोष था, लेकिन हिंसा की यह घटना अस्वीकार्य है। नर्स सविता पटेल ने कहा कि वह सिर्फ अपने कर्तव्य का पालन कर रही थीं, परंतु महिला ने उन्हें न केवल गाली दी बल्कि थप्पड़ भी मारा।

नर्स यूनियन ने जताया विरोध

घटना की जानकारी मिलते ही नर्स यूनियन ने तीखी नाराजगी जताई। यूनियन ने कहा कि अगर जल्द ही महिला तीमारदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वे कार्य बहिष्कार कर सकती हैं। नर्स यूनियन का कहना है कि लगातार नर्सों पर हमले बढ़ रहे हैं, जिससे उनका मनोबल गिर रहा है।

महिला वार्ड में बढ़ाई जा रही निगरानी

अस्पताल प्रशासन ने अब महिला वार्ड और ट्रामा सेंटर में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी बढ़ाने का निर्णय लिया है। साथ ही पुलिस चौकी को निर्देश दिए गए हैं कि संवेदनशील वार्डों में नियमित गश्त की जाए।

जांच में क्या सामने आया?

पुलिस जांच में यह सामने आया कि विवाद का कारण बीएचटी की एंट्री और मरीज के इलाज में देरी था। हालांकि, नर्स की गलती साबित नहीं हुई है। एसआई रामकिशोर यादव ने कहा कि मामले में निष्पक्ष जांच चल रही है और महिला तीमारदार के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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घटना का प्रभाव

यह घटना न केवल बांदा जिला अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठाती है बल्कि यह भी दिखाती है कि स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा अब एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। अगर समय रहते प्रशासन ने कदम नहीं उठाए, तो भविष्य में इस तरह की घटनाएं और बढ़ सकती हैं।

🟩 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

प्रश्न 1: बांदा जिला अस्पताल में विवाद कैसे हुआ?

मरीज को आराम न मिलने पर नर्स और महिला तीमारदार के बीच बहस हुई, जो बाद में हिंसक रूप ले ली।

प्रश्न 2: नर्स सविता पटेल के साथ क्या हुआ?

महिला तीमारदार ने नर्स को थप्पड़ मारा और उसका मोबाइल फोन तोड़ दिया।

प्रश्न 3: क्या पुलिस ने कार्रवाई शुरू की है?

हां, ट्रामा सेंटर पुलिस चौकी में तहरीर दी गई है और जांच जारी है।

प्रश्न 4: अस्पताल प्रशासन ने क्या कदम उठाए?

अस्पताल प्रशासन ने महिला वार्ड में सुरक्षा बढ़ाने और सीसीटीवी निगरानी बढ़ाने का निर्णय लिया है।

प्रश्न 5: इस घटना से क्या संदेश मिलता है?

यह घटना बताती है कि अस्पतालों में नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर ठोस नीति बनाना आवश्यक है।

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