ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
संभल (उत्तर प्रदेश)। यूपी के संभल जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक फर्जी पुलिसकर्मी ने खाकी वर्दी पहनकर व्यापारी से पांच हजार रुपये की मांग की। आरोपी ने खुद को संभल पुलिस का सिपाही बताते हुए व्यापारी को एनकाउंटर की धमकी तक दे डाली। जब व्यापारियों को शक हुआ तो उन्होंने उस नकली पुलिसकर्मी को पकड़कर थाने पहुंचा दिया। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि उसकी कमर पर लगी पिस्टल असल में एक टॉय गन थी। फिलहाल आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
एनकाउंटर की धमकी से दहला व्यापारी
जानकारी के अनुसार, संभल सदर कोतवाली क्षेत्र के चौधरी सराय पुलिस चौकी से कुछ ही दूरी पर स्थित कबाड़ व्यापारी गय्यूर की दुकान पर शनिवार को एक युवक पहुंचा। युवक ने खाकी वर्दी पहनी हुई थी, कमर में पिस्टल लगी थी और सीने पर यूपी पुलिस का बैज भी लगा था। खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए उसने व्यापारी से सीधे 5,000 रुपये की मांग कर डाली।
जब व्यापारी ने पैसे मांगने का कारण पूछा तो आरोपी ने रौब झाड़ते हुए कहा कि अगर पैसे नहीं दिए तो एनकाउंटर कर दूंगा। हाथ में पिस्टल देखकर व्यापारी गय्यूर घबरा गया और डर के मारे अपनी जेब से 500 रुपये निकाल दिए। लेकिन कुछ देर में उसकी नज़र युवक के पैरों पर पड़ी तो उसे सच्चाई का संदेह हुआ।
नीले स्पोर्ट्स शूज ने खोल दी पोल
व्यापारी ने देखा कि उस खाकी वर्दीधारी के पैरों में नीले रंग के स्पोर्ट्स शूज हैं। आमतौर पर पुलिसकर्मी वर्दी के साथ काले जूते पहनते हैं, जिससे व्यापारी को शक हुआ। उसने अपने साथी व्यापारियों को बुलाया और नज़दीकी चौकी पुलिस को सूचना दी। चौकी के पुलिसकर्मियों ने साफ कहा कि उन्होंने कोई भी पुलिसकर्मी वहां नहीं भेजा है।
इसके बाद व्यापारियों ने मिलकर उस फर्जी पुलिसकर्मी को पकड़ लिया और थाने ले गए। वहां उसकी असलियत खुल गई। पूछताछ में आरोपी की पहचान संभल जिले के जनाबई थाना क्षेत्र के पुशावली निवासी विष्णु बाबू के रूप में हुई।
पुलिस जांच में टॉय गन निकली पिस्टल
पुलिस ने जब आरोपी की तलाशी ली तो पाया कि उसकी कमर में लगी पिस्टल असली नहीं बल्कि एक टॉय गन थी। उसके पास से एक खाकी वर्दी, पुलिस बैज और नकली आईडी कार्ड भी बरामद हुए। पुलिस ने फर्जी पुलिसकर्मी विष्णु बाबू के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह पुलिस में भर्ती होना चाहता था, लेकिन जब चयन नहीं हुआ तो उसने फर्जी वर्दी पहनकर लोगों को डराकर पैसे वसूलने का तरीका अपना लिया।
आरोपी ने बताई हरिद्वार वाली पुरानी घटना
गिरफ्तारी के बाद आरोपी विष्णु बाबू ने कबूल किया कि यह पहली बार नहीं है जब उसने खुद को पुलिस बताया। उसने बताया, “पहले हरिद्वार में भी जब मैं पकड़ा गया था, तब मैंने खुद को दरोगा बताया था।” उसका कहना है कि वह वर्दी पहनकर खुद को “पुलिस वाला” समझने लगा था और अब संभल में उसने वही खेल दोहराने की कोशिश की।
एएसपी आलोक भाटी का बयान
संभल पुलिस के एएसपी आलोक भाटी ने बताया कि “एक कबाड़ व्यापारी ने थाने आकर सूचना दी कि वर्दी पहने व्यक्ति ने दुकान पर आकर पांच हजार रुपये की मांग की थी। लेकिन वह केवल 500 रुपये लेकर ही मान गया, जिससे शक हुआ। व्यापारी ने उसे पकड़कर थाने लाया, जहां जांच में पता चला कि वह फर्जी पुलिसकर्मी है।”
एएसपी ने बताया कि आरोपी से बरामद खाकी वर्दी और पुलिस बैज जब्त कर लिए गए हैं और उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
संभल पुलिस की तत्परता से फर्जीवाड़े का पर्दाफाश
संभल पुलिस की तत्परता से यह मामला कुछ ही घंटों में सुलझा लिया गया। अगर व्यापारी गय्यूर की सूझबूझ न होती तो यह फर्जी पुलिसकर्मी किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकता था। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि कहीं आरोपी ने पहले भी किसी अन्य इलाके में वसूली या ठगी की वारदात तो नहीं की है।
फर्जी पुलिसकर्मी और कानून: क्या कहता है आईपीसी?
कानून के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति यदि खुद को सरकारी अधिकारी या पुलिसकर्मी बताकर किसी से पैसे वसूलता है या धमकाता है, तो उस पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 170 (सरकारी पद का झूठा प्रदर्शन) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत कार्रवाई की जाती है। संभल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ इन्हीं धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
संभल न्यूज में छाया फर्जी पुलिसकर्मी मामला
यह मामला सोशल मीडिया और संभल न्यूज पोर्टलों पर तेजी से वायरल हो रहा है। स्थानीय व्यापार मंडलों ने भी संभल पुलिस की तत्पर कार्रवाई की सराहना की है और मांग की है कि इस तरह के फर्जी पुलिसकर्मी के नेटवर्क की पूरी जांच की जाए।
पुलिस भर्ती में असफल युवक बना फर्जी पुलिसकर्मी
आरोपी विष्णु बाबू ने बताया कि वह कई बार पुलिस भर्ती की तैयारी कर चुका था लेकिन सफल नहीं हो सका। असफलता से निराश होकर उसने खाकी वर्दी और टॉय गन खरीद ली और खुद को पुलिसकर्मी बताने लगा। धीरे-धीरे उसने इसे पैसा वसूलने का जरिया बना लिया।
स्थानीय लोगों ने कहा—अच्छा हुआ समय रहते पकड़ लिया गया
स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर यह युवक समय रहते न पकड़ा जाता तो वह कई अन्य व्यापारियों को ठग सकता था। उन्होंने संभल पुलिस की सतर्कता और व्यापारी गय्यूर की बहादुरी की सराहना की।
संभल में फर्जी पुलिसकर्मी का यह मामला समाज को यह संदेश देता है कि कानून की आड़ में कोई भी व्यक्ति ठगी या धमकी का खेल ज्यादा देर तक नहीं खेल सकता। संभल पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए आरोपी को जेल भेजा है। जनता को भी चाहिए कि ऐसे संदिग्ध लोगों की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
संभल फर्जी पुलिसकर्मी मामला: सवाल-जवाब
प्रश्न 1: फर्जी पुलिसकर्मी का नाम क्या है?
उत्तर: आरोपी का नाम विष्णु बाबू है, जो संभल जिले के जनाबई थाना क्षेत्र के पुशावली गांव का निवासी है।
प्रश्न 2: आरोपी ने व्यापारी से कितने रुपये मांगे?
उत्तर: आरोपी ने व्यापारी से पांच हजार रुपये की मांग की थी, लेकिन 500 रुपये लेकर ही मान गया।
प्रश्न 3: आरोपी के पास से क्या-क्या बरामद हुआ?
उत्तर: पुलिस को आरोपी के पास से खाकी वर्दी, यूपी पुलिस का बैज और एक टॉय गन बरामद हुई।
प्रश्न 4: पुलिस ने आरोपी पर कौन-सी धाराएं लगाईं?
उत्तर: पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 170 और 420 समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
प्रश्न 5: घटना कहां की है?
उत्तर: यह घटना उत्तर प्रदेश के संभल जिले की है, सदर कोतवाली क्षेत्र के चौधरी सराय इलाके में स्थित कबाड़ व्यापारी की दुकान पर हुई।
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