…..मुझसे बड़ा कोई बदमाश नहीं ,भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले के बयान पर दिशा बैठक में मचा हंगामा


🔴 चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
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कानपुर देहात समाचार: अकबरपुर से भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले का एक बयान इन दिनों राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। मंगलवार को हुई दिशा समिति की बैठक में मचे बवाल के बाद भोले का एक वीडियो वायरल हो गया जिसमें उन्होंने खुद को “कानपुर देहात का सबसे बड़ा बदमाश और हिस्ट्रीशीटर” बताया। यह बयान आते ही भाजपा और स्थानीय राजनीति में हलचल मच गई है।

हालांकि सांसद ने बयान के तुरंत बाद सफाई दी कि “यह सब राजनीति से प्रेरित था। जिस सरकार ने मुकदमे दर्ज कराए, उसी ने खत्म भी कराए।” उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ की गई कार्रवाई एक राजनीतिक साजिश थी। भोले के इस बयान ने सोशल मीडिया पर तूफान खड़ा कर दिया है और कानपुर देहात राजनीति में नए समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं।

दिशा बैठक में भिड़े सांसद भोले और वारसी

कानपुर देहात कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को आयोजित दिशा की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। अंदर बैठी राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला और उनके पति पूर्व मंत्री अनिल शुक्ल वारसी के साथ सांसद भोले का विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक हो गई। सांसद भोले ने आरोप लगाया कि “वारसी मेरे समर्थकों को गुंडा कह रहे हैं, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

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बैठक के दौरान दोनों नेता अपनी कुर्सी से उठ गए और माहौल गरम हो गया। सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने गुस्से में बैठक को स्थगित घोषित कर दिया। बाहर निकलते ही उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में वारसी और प्रतिभा शुक्ला पर निशाना साधा।

भाजपा सांसद भोले का बड़ा बयान: “मैं हिस्ट्रीशीटर हूं”

पत्रकारों से बातचीत में सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने कहा — “कानपुर देहात में मुझसे बड़ा कोई बदमाश नहीं है। मैं हिस्ट्रीशीटर हूं। कागज और कलम पुलिस की होती है। जिस सरकार ने मुकदमे दर्ज कराए, उसी ने खत्म भी कराए।” इस बयान के बाद पूरे जिले में राजनीतिक तापमान चढ़ गया।

भोले ने यह भी कहा कि अनिल शुक्ल वारसीब्राह्मणों की जाति पर राजनीति करते हैं” और खुलेआम कहते हैं कि “मैं उन्हें सांसद नहीं मानता।” उन्होंने आगे कहा, “2021 के गहोलिया कांड में वारसी ने माहौल खराब करने की कोशिश की थी, और अब फिर चुनाव नजदीक हैं तो वही राजनीति दोहराई जा रही है।”

भोले का पलटवार: “फाइलें नहीं आतीं तो मंत्री क्यों बनीं?”

सांसद भोले ने राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला पर तीखा तंज कसते हुए कहा, “वह कहती हैं कि उनके पास फाइलें नहीं आतीं, तो फिर मंत्री बनी क्यों घूम रही हैं?” उन्होंने कहा कि अगर कोई फैक्ट्री वाला नियमों के खिलाफ काम करेगा तो जांच के लिए पत्र लिखा जाएगा। जाति के आधार पर काम करने का आरोप सरासर गलत है।

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“वारसी को इलाज की जरूरत है”, भोले का तीखा वार

भाजपा सांसद ने कहा, “आप विकास दुबे के भाई को अपने साथ रख सकते हैं, जिसने संतोष शुक्ला की हत्या की थी, तो आप किस नैतिकता की बात करते हैं?” उन्होंने वारसी पर हमला करते हुए कहा, “आपको इलाज की जरूरत है।” भोले ने कहा कि अगली बैठक में वह राज्य और केंद्र सरकार को पत्र लिखकर विशेष प्रतिनिधि भेजने की मांग करेंगे।

वीडियो वायरल, भाजपा में मचा राजनीतिक तूफान

सांसद भोले का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। हालांकि लाइव हिन्दुस्तान ने इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं की है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह विवाद आगामी चुनाव से पहले कानपुर देहात भाजपा के अंदरूनी मतभेदों को उजागर करता है।

भाजपा के कई स्थानीय नेताओं ने इसे “अंदरूनी कलह” का संकेत बताया है। वहीं भोले समर्थक कह रहे हैं कि सांसद ने जो कहा वह सच्चाई है और उनकी लोकप्रियता का प्रमाण है।

राजनीतिक असर और भाजपा की चुनौती

राजनीतिक जानकारों के अनुसार, यह विवाद न केवल कानपुर देहात भाजपा संगठन के लिए चुनौती है बल्कि आगामी लोकसभा चुनाव 2026 की रणनीति पर भी असर डाल सकता है। देवेंद्र सिंह भोले अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं और उनका यह बयान विपक्ष के लिए नया हथियार बन गया है।

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भाजपा हाईकमान के लिए यह विवाद संभालना आसान नहीं होगा क्योंकि इसमें दो बड़े नेताओं की प्रत्यक्ष टकराहट सामने आई है। फिलहाल कानपुर देहात की राजनीति में हर कोई यही सवाल पूछ रहा है — क्या भोले का यह बयान उनकी छवि पर असर डालेगा या यह सिर्फ चुनावी रणनीति का हिस्सा है?


🟩 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले कौन हैं?

देवेंद्र सिंह भोले अकबरपुर, कानपुर देहात से भाजपा सांसद हैं। वे अपने बेबाक बयानों और जनसंपर्क के लिए जाने जाते हैं।

भोले ने खुद को बदमाश और हिस्ट्रीशीटर क्यों कहा?

दिशा बैठक में विवाद के दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि राजनीति में उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए थे जिन्हें बाद में सरकार ने खत्म किया। उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित बताया।

क्या वायरल वीडियो की पुष्टि हुई है?

नहीं। लाइव हिन्दुस्तान और अन्य प्रमुख मीडिया हाउस ने इस वायरल वीडियो की स्वतंत्र पुष्टि नहीं की है।

दिशा बैठक क्यों स्थगित की गई?

सांसद देवेंद्र सिंह भोले और पूर्व मंत्री अनिल शुक्ल वारसी के बीच हुए तीखे विवाद और हंगामे के कारण बैठक को स्थगित कर दिया गया।

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