1 भेड़िया, 1 शूटर, 11 घंटे… माफिया हो या आदमखोर, सब मिट्टी में मिलाए जाएंगे,जंगल में कोहराम

✍ चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

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बहराइच समाचार: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में पिछले कुछ महीनों से ग्रामीणों के बीच भेड़िए के हमले का खौफ फैला हुआ था। लेकिन अब इस आतंक का अंत होता दिख रहा है। पिछले एक महीने में तीन आदमखोर भेड़िए मारे जा चुके हैं। रविवार को वन विभाग के शूटर ने 11 घंटे की मशक्कत के बाद उस भेड़िए को मार गिराया जिसने सुबह एक डेढ़ साल की बच्ची को मां के बगल से उठाकर ले गया था।

बहराइच में फिर भेड़िया हमला, मां के बगल से बच्ची को उठा ले गया

यह दर्दनाक घटना कैसरगंज क्षेत्र के कंदौली गांव की है। रविवार की सुबह लगभग 5 बजे जब परिवार के लोग सो रहे थे, तभी एक भेड़िया घर में घुस आया और मां के पास सो रही डेढ़ साल की बच्ची को जबड़े में दबोचकर भाग गया। बच्ची की चीख सुनकर मां जागी और शोर मचाया, लेकिन तब तक भेड़िया खेतों की ओर निकल चुका था।

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गांववालों ने तुरंत बहराइच पुलिस और वन विभाग को सूचना दी। पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर बच्ची की तलाश शुरू की। खोजबीन के दौरान घर से लगभग 200 मीटर दूर खेतों में बच्ची के मांस के टुकड़े और खून के निशान मिले, लेकिन शव नहीं मिला।

ड्रोन और खोजी कुत्ते से भेड़िए की तलाश

घटना के बाद वन विभाग बहराइच ने पूरी टीम के साथ ड्रोन और खोजी कुत्ते की मदद से भेड़िए को ढूंढना शुरू किया। करीब 11 घंटे की मशक्कत के बाद शाम चार बजे गन्ने के खेत में मादा भेड़िया दिखाई दी।

सूचना मिलते ही एसडीएम कैसरगंज अखिलेश सिंह, रेंजर ओंकार यादव और प्रसिद्ध शूटर आरिश मौके पर पहुंचे। ड्रोन की सहायता से भेड़िए की लोकेशन तय की गई और कुछ ही देर बाद आरिश ने सटीक निशाना लगाकर मादा भेड़िए को मार गिराया।

बहराइच वन विभाग ने भेड़िए के एनकाउंटर की पुष्टि की

कैसरगंज एसडीएम ने बताया कि एनकाउंटर के दौरान मादा भेड़िए को गोली लगी और वह मारी गई। इस भेड़िए ने सुबह बच्ची पर हमला किया था। टीम ने बताया कि इलाके में दो और भेड़िए देखे गए हैं जिनकी तलाश अब जारी है।

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वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बहराइच के जंगलों में 4 आदमखोर भेड़िए सक्रिय थे, जिनमें से 3 को अब तक मारा जा चुका है। चौथे को भी गोली लगी थी लेकिन वह जंगल में भाग गया।

भेड़ियों के हमले में अब तक 6 मौतें और 30 घायल

बहराइच जिले में इस साल अब तक भेड़िए के हमले में कुल 6 लोगों की मौत और करीब 30 लोग घायल हो चुके हैं। ग्रामीणों में लगातार भेड़िए का आतंक फैला हुआ था। भेड़िए के एनकाउंटर के बाद अब लोगों ने राहत की सांस ली है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जंगलों में भोजन की कमी और लगातार मानव बस्तियों के फैलाव के कारण भेड़िए इंसानों पर हमला कर रहे हैं। वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि रात के समय सतर्क रहें और बच्चों को अकेला न छोड़ें।

भेड़िए का सफाया: बहराइच में फिर लौटी राहत की सांस

तीन आदमखोर भेड़िए के मारे जाने के बाद बहराइच जिले में माहौल थोड़ा शांत है। लेकिन वन विभाग की टीमें अब भी अलर्ट पर हैं। अधिकारियों का कहना है कि इलाके में लगातार ड्रोन सर्विलांस और रात्रि गश्त जारी है।

गांव के लोगों ने वन विभाग की कार्रवाई की सराहना की और कहा कि अगर विभाग ने तेजी न दिखाई होती तो और मासूमों की जान जा सकती थी।

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भविष्य में ऐसी घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है?

विशेषज्ञों का कहना है कि वन क्षेत्रों के पास बसे गांवों में रात की सुरक्षा गश्त, लाइट व्यवस्था और भोजन के अपशिष्ट का प्रबंधन जरूरी है ताकि जंगली जानवरों को गांवों की ओर आने से रोका जा सके। साथ ही, ग्रामीणों को जागरूक रहना होगा कि बच्चों को खुले में अकेला न छोड़ा जाए।

सवाल-जवाब: बहराइच भेड़िया हमला

❓ बहराइच में भेड़िए का एनकाउंटर कब हुआ?

भेड़िए का एनकाउंटर रविवार शाम को हुआ, जब शूटर आरिश ने 11 घंटे के ऑपरेशन के बाद मादा भेड़िए को मार गिराया।

❓ अब तक कितने भेड़िए मारे जा चुके हैं?

वन विभाग के अनुसार अब तक कुल तीन भेड़िए मारे गए हैं, जबकि चौथा घायल होकर फरार है।

❓ भेड़ियों के हमले में कितने लोग मारे गए?

इस साल अब तक बहराइच जिले में भेड़िए के हमलों में 6 लोगों की मौत और करीब 30 लोग घायल हो चुके हैं।

❓ घटना कहां की है?

यह घटना उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कैसरगंज तहसील के कंदौली गांव की है।

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