📰 अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
बहराइच/नोएडा: बहराइच के कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र से पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहते हैं। लेकिन इस बार चर्चा का केंद्र उनके परिवार से जुड़ा एक अलग पहलू है — उनकी इकलौती बेटी शालिनी सिंह। पहली बार शालिनी सिंह ने किसी सार्वजनिक मंच से कविता और शायरी प्रस्तुत की है, जिससे सोशल मीडिया पर वे जबरदस्त चर्चा में आ गई हैं।
नोएडा में हुआ शालिनी सिंह का पहला कवि सम्मेलन
नोएडा के सेक्टर 121 स्थित होम्स 121 सोसाइटी में आयोजित एक भव्य कवि सम्मेलन में शालिनी सिंह ने अपने पिता बृजभूषण शरण सिंह और भाइयों को समर्पित कविताएं प्रस्तुत कीं। मंच पर आते ही उन्होंने कहा – “मैं एक पहलवान की बेटी हूँ और पहली बार कविता पाठ करने आई हूँ। यह मेरा पहला कवि सम्मेलन है।”
शालिनी ने मुस्कुराते हुए अपने भाइयों करण भूषण और प्रतीक भूषण को ‘बाहुबली’ कहते हुए मजाक में कहा कि उनकी कविता कुश्ती संघ के अध्यक्ष सतपाल यादव को भी जरूर सुननी चाहिए। उन्होंने कहा – “कृपया मेरी कविता उन्हें भेज दीजिए।”
पांच किताबें लिख चुकी हैं शालिनी सिंह
शालिनी सिंह न केवल बृजभूषण शरण सिंह की बेटी हैं, बल्कि एक सफल लेखिका भी हैं। वे अब तक पांच किताबें लिख चुकी हैं और साहित्यिक व सामाजिक दोनों क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। शालिनी वर्तमान में अपने पति विशाल सिंह के साथ नोएडा में रहती हैं। विशाल सिंह भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) के अध्यक्ष हैं।
कवि सम्मेलन के दौरान दर्शकों ने शालिनी की प्रस्तुति को खूब सराहा। लोगों ने कहा कि शालिनी सिंह ने अपने पिता की तरह मंच पर आत्मविश्वास और जोश से अपनी पहचान बनाई है।
बृजभूषण शरण सिंह का पूर्वांचल में प्रभाव
बृजभूषण शरण सिंह उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के एक बेहद प्रभावशाली ठाकुर नेता माने जाते हैं। उनका असर गोंडा, बलरामपुर, बहराइच और आस-पास के जिलों तक फैला हुआ है। उनके एक बेटे वर्तमान में गोंडा से विधायक हैं, जबकि दूसरे कैसरगंज से सांसद हैं।
देवीपाटन क्षेत्र में उनका एक मजबूत राजनीतिक नेटवर्क है, जिसमें कई विधायक, ब्लॉक प्रमुख और ज़िला पंचायत सदस्य शामिल हैं। यही कारण है कि बृजभूषण शरण सिंह का नाम हर राजनीतिक चर्चा में प्रमुखता से लिया जाता है।
शालिनी सिंह: साहित्य, संस्कृति और राजनीति की नई आवाज़
शालिनी सिंह ने अपने पिता की राजनीतिक छवि से अलग अपनी पहचान एक साहित्यकार और कवयित्री के रूप में बनाई है। उन्होंने कहा कि कविता उनके जीवन की आत्मा है और वे इसे समाज में संवाद का माध्यम बनाना चाहती हैं।
उनकी यह पहल खास इसलिए भी मानी जा रही है क्योंकि बृजभूषण शरण सिंह परिवार आमतौर पर राजनीति और खेल से जुड़ा रहा है। ऐसे में शालिनी सिंह का साहित्यिक मंच पर पदार्पण उनके परिवार के एक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।
सोशल मीडिया पर छा गईं शालिनी सिंह
कवि सम्मेलन का वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर शालिनी सिंह ट्रेंड करने लगीं। लोगों ने उनके आत्मविश्वास और सहज अभिव्यक्ति की जमकर तारीफ की। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #ShaliniSingh और #BrijBhushanSharanSinghDaughter जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
लोगों ने कहा कि “बृजभूषण शरण सिंह की बेटी शालिनी सिंह ने अपने पिता की तरह ही मंच पर दमदार एंट्री की है।” उनकी कविताएं समाज और परिवार की संवेदनाओं से जुड़ी थीं, जिन्हें दर्शकों ने खड़े होकर सराहा।
बृजभूषण शरण सिंह की बेटी के नए सफर की शुरुआत
यह कवि सम्मेलन शालिनी सिंह के जीवन का नया अध्याय है। साहित्यिक क्षेत्र में यह उनकी शुरुआत भर है, लेकिन उनकी सहज अभिव्यक्ति और सशक्त लेखन यह संकेत देता है कि आने वाले समय में वे एक जानी-मानी कवयित्री और लेखिका के रूप में उभरेंगी।
शालिनी सिंह की यह पहल न सिर्फ उनके परिवार के लिए गर्व का विषय है, बल्कि उन युवाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत है जो राजनीति और साहित्य दोनों क्षेत्रों में संतुलन बनाना चाहते हैं।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
शालिनी सिंह कौन हैं?
शालिनी सिंह पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की इकलौती बेटी हैं, जिन्होंने पहली बार सार्वजनिक मंच से कविताएं प्रस्तुत की हैं और अब तक पांच किताबें लिख चुकी हैं।
शालिनी सिंह ने कहां कविता प्रस्तुत की?
उन्होंने नोएडा के सेक्टर 121 स्थित होम्स 121 सोसाइटी में आयोजित एक कवि सम्मेलन में कविता प्रस्तुत की।
शालिनी सिंह के पति कौन हैं?
उनके पति विशाल सिंह हैं, जो एनसीसीएफ (भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ) के अध्यक्ष हैं और भाजपा से जुड़े हुए हैं।
बृजभूषण शरण सिंह का राजनीतिक प्रभाव किन क्षेत्रों में है?
बृजभूषण शरण सिंह का प्रभाव पूर्वांचल के गोंडा, बलरामपुर, बहराइच और आसपास के जिलों में काफी मजबूत है।







