दबंगई से जारी मकान निर्माण : चित्रकूट में बिना नक्शा पास कराए खुली चुनौती

चित्रकूट में बिना नक्शा पास कराए जारी अवैध मकान निर्माण की तस्वीर, जिसमें अधूरा बहुमंजिला ढांचा और उस पर लिखा संदेश "दबंगई से जारी मकान निर्माण" दिख रहा है।

संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

समाचार दर्पण 24.कॉम की टीम में जुड़ने का आमंत्रण पोस्टर, जिसमें हिमांशु मोदी का फोटो और संपर्क विवरण दिया गया है।
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समाचार दर्पण 24 टीम जॉइनिंग पोस्टर – राजस्थान जिला ब्यूरो आमंत्रण
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दबंगई का ताजा उदाहरण : चित्रकूट में अवैध निर्माण

चित्रकूट जिले के स्टेशन रोड पर जिला बार एसोशिएशन अध्यक्ष और पूर्व शासकीय अधिवक्ता अशोक गुप्ता की दबंगई का बड़ा मामला सामने आया है। शासन के स्पष्ट निर्देशों और कानून की अनिवार्य प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए वे बिना नक्शा पास कराए मकान निर्माण करवा रहे हैं।

यह मामला इसलिए ज्यादा संवेदनशील है क्योंकि ऐसे पद पर बैठे व्यक्ति से कानून का पालन करने की उम्मीद की जाती है, लेकिन यहां स्थिति बिल्कुल उलटी है।

अवर अभियंता की रोक-टोक और दबंगई से इंकार

चित्रकूट औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अवर अभियंता मौके पर पहुंचे और उन्होंने निर्माण कार्य रुकवाने के आदेश दिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिना नक्शा पास कराए मकान निर्माण पूरी तरह अवैध है। लेकिन इसके बावजूद निर्माण कार्य नहीं रुका।

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यानी साफ तौर पर कहा जाए तो प्रशासनिक निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए खुली दबंगई जारी रही।

नियमों की धज्जियां और दबंगई का खेल

शासन के मुताबिक किसी भी मकान निर्माण से पहले नक्शे की स्वीकृति लेना जरूरी है। इसके बिना निर्माण करना सीधा अपराध माना जाता है।

लेकिन:

पहले भी इसी स्थान पर बिना नक्शा स्वीकृति निर्माण की कोशिश हुई थी।

तब अवर अभियंता ने जांच कर काम रुकवाया था।

इसके बावजूद दोबारा निर्माण शुरू कर दिया गया है।

यह दोहराई गई हरकत प्रशासन और कानून को सीधी चुनौती है, जो दबंगई के अलावा और कुछ नहीं।

दबंगई बनाम प्रशासन : अगली कार्रवाई तय करेगी तस्वीर

अवर अभियंता ने कहा कि उन्होंने निर्माण कार्य रुकवाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन आदेश का पालन नहीं हुआ। उन्होंने साफ किया कि अब वे फोर्स के साथ मौके पर पहुंचेंगे और अवैध निर्माण बंद कराएंगे।

चित्रकूट में स्टेशन रोड पर चल रहा बिना नक्शा पास कराए मकान का मूल निर्माण कार्य, जिसमें अधूरा ढांचा और ईंटों की दीवारें साफ दिखाई दे रही हैं।
चित्रकूट में जिला बार एसोशिएशन अध्यक्ष अशोक गुप्ता द्वारा बिना नक्शा पास कराए कराया जा रहा ओरिजिनल मकान निर्माण।

यहां सवाल यह है कि क्या प्रशासन सचमुच अपनी सख्ती दिखा पाएगा या दबाव में आकर यह मामला भी ठंडा पड़ जाएगा?

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जिला प्रशासन की साख पर सवाल

इस घटना ने जिले में कानून व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।

क्या जिला प्रशासन प्रभावशाली व्यक्तियों की दबंगई के आगे झुक जाएगा?

आम नागरिकों को नियमों का पालन करने पर मजबूर किया जाता है, तो फिर खास लोगों को छूट क्यों?

क्या प्रशासन समानता के सिद्धांत पर काम करेगा?

इन सवालों के बीच जनता जिला प्रशासन की अगली चाल पर नजरें गड़ाए बैठी है।

जनता की नाराजगी : दबंगई का असर समाज पर

स्थानीय लोगों में इस पूरे मामले को लेकर भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि जब जिले के बड़े पदों पर बैठे लोग ही नियमों को ताक पर रखकर दबंगई करेंगे, तो आम जनता से कानून पालन की उम्मीद कैसे की जा सकती है?

यह प्रवृत्ति न केवल गलत संदेश देती है बल्कि भविष्य में कानून की विश्वसनीयता को भी कमजोर करती है।

दबंगई और कानून : कौन भारी?

यह मामला साफ करता है कि जब प्रभावशाली लोग कानून की धज्जियां उड़ाते हैं, तो वे अपनी दबंगई को समाज के सामने प्रदर्शित कर रहे होते हैं। लेकिन प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे मामलों में निष्पक्ष होकर कार्रवाई करे और यह साबित करे कि कानून से ऊपर कोई नहीं।

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दबंगई के खिलाफ सख्त कदम जरूरी

चित्रकूट में जारी यह मामला केवल एक मकान निर्माण का नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक व्यवस्था और कानून के सम्मान से जुड़ा प्रश्न है। यदि जिला प्रशासन ने इस मामले में समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए, तो प्रभावशाली लोगों की दबंगई और भी बढ़ जाएगी।

अगले अंक में इस अवैध निर्माण और प्रशासन की कार्रवाई की विस्तृत जानकारी सामने आएगी।

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