
अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
लखनऊ, 13 अक्टूबर 2025: प्रदेश सरकार ने भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित कन्या विवाह सहायता योजना में बड़ा संशोधन किया है। अब श्रमिकों की पुत्रियों के विवाह के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता की राशि बढ़ा दी गई है। इस फैसले से हजारों पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को सीधा लाभ मिलेगा।
बोर्ड की नई अधिसूचना के अनुसार, पंजीकृत श्रमिकों की बेटियों के विवाह हेतु दी जाने वाली राशि को 55,000 रुपये से बढ़ाकर 65,000 रुपये कर दिया गया है। वहीं, अगर कोई पंजीकृत श्रमिक या उसकी पुत्री अंतर्जातीय विवाह करती है, तो ऐसे मामलों में बोर्ड अब 75,000 रुपये की सहायता राशि देगा।
इसी प्रकार, सामूहिक विवाह कार्यक्रमों के लिए भी विवाह सहायता में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। पहले सामूहिक विवाह में प्रति जोड़े को 65,000 रुपये के साथ वर एवं वधु की पोशाक के लिए 10,000 रुपये दिए जाते थे, लेकिन अब इस राशि को बढ़ाकर 85,000 रुपये कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, सामूहिक विवाह आयोजन हेतु प्रति जोड़ा 15,000 रुपये का अलग से व्यय अनुमन्य किया गया है।
पंजीकृत श्रमिकों की दो पुत्रियों तक लाभ
बोर्ड की अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह योजना केवल दो पुत्रियों के विवाह तक के लिए अनुमन्य होगी। इस योजना का लाभ पंजीकृत निर्माण श्रमिक अपने नाम दर्ज बेटियों के विवाह अवसर पर प्राप्त कर सकते हैं। अगर पंजीकृत महिला श्रमिक स्वयं विवाह करती है, तो उसे भी यह आर्थिक सहायता दी जाएगी।
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ऐसे करें आवेदन – पूरी प्रक्रिया
यदि कोई पंजीकृत निर्माण श्रमिक योजना के अंतर्गत लाभ लेना चाहता है, तो उसे विवाह सम्पन्न होने के छह माह के भीतर आवेदन करना होगा। आवेदन जनसेवा केन्द्र अथवा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन किया जा सकता है।
सामूहिक विवाह के लिए, निर्धारित तिथि से 15 दिन पूर्व आवेदन ऑनलाइन भरा जा सकेगा। आवेदन के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे कि श्रमिक पंजीकरण कार्ड, आधार कार्ड, विवाह प्रमाण पत्र (रजिस्ट्री कार्यालय द्वारा जारी) और बैंक खाते का विवरण संलग्न करना अनिवार्य होगा।
शपथपत्र और पात्रता संबंधी निर्देश
आवेदक श्रमिक को एक शपथ पत्र देना होगा, जिसमें यह उल्लेखित हो कि वह योजना की सभी पात्रता शर्तें पूरी करता है और किसी अन्य राज्य या केन्द्र सरकार द्वारा संचालित समान योजना का लाभ पहले से नहीं ले चुका है। साथ ही यह भी आवश्यक है कि योजना हेतु प्रस्तुत दस्तावेज प्रामाणिक और सत्य हों।
यदि जांच में श्रमिक पात्र पाया जाता है, तो उसे बोर्ड द्वारा अधिसूचना के अनुसार तय राशि का भुगतान किया जाएगा। यह संशोधन 13 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो चुका है।
योजना का उद्देश्य और लाभ
कन्या विवाह सहायता योजना का मुख्य उद्देश्य निर्माण क्षेत्र में कार्यरत गरीब श्रमिकों की आर्थिक मदद करना है, ताकि उनकी बेटियों के विवाह में आर्थिक बाधा न आए। यह निर्णय सरकार के सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस संशोधन से न केवल श्रमिक परिवारों को राहत मिलेगी बल्कि समाज में समानता को भी बढ़ावा मिलेगा। अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त राशि देने का निर्णय सामाजिक समरसता की दिशा में एक सशक्त पहल है।
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सवाल-जवाब (FAQ)
1. कन्या विवाह सहायता योजना में कितनी राशि दी जाएगी?
अब सामान्य विवाह के लिए 65,000 रुपये, अंतर्जातीय विवाह के लिए 75,000 रुपये और सामूहिक विवाह के लिए 85,000 रुपये दिए जाएंगे।
भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत पात्र निर्माण श्रमिक एवं उनकी पुत्रियां इस योजना का लाभ ले सकती हैं।
3. आवेदन कब और कैसे करना होगा?
विवाह सम्पन्न होने के छह माह के भीतर आवेदन ऑनलाइन जनसेवा केन्द्र या बोर्ड की वेबसाइट के माध्यम से करना जरूरी है। सामूहिक विवाह हेतु आवेदन समारोह से 15 दिन पूर्व किया जा सकता है।
4. योजना की नई दरें कब से लागू हैं?
नई दरें 13 अक्टूबर 2025 की अधिसूचना से प्रभावी हो चुकी हैं।