
जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़ जिले के विकासखंड पल्हनी अंतर्गत ग्राम पंचायत हीरापट्टी में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 17 अक्टूबर 2025 को एक विशेष स्वच्छता अभियान आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य था नालों की सफाई करना, कचरा हटाना और स्थानीय जनता को स्वच्छता एवं स्वास्थ्य प्रति जागरूक करना, विशेषकर डेंगू-मलेरिया जैसी संचारी बीमारियों के बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए।
संदर्भ और ज़रूरत: डेंगू-मलेरिया की चुनौती
हाल के समय में नमी, बारिश और जल जमाव ने डेंगू और मलेरिया जैसे मच्छरजनित रोगों को बढ़ाने का अनुकूल माहौल बनाया है। ऐसे में स्वच्छता अभियान और स्थानीय स्तर पर सफाई अभियानों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य — जनमानस को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना और विषम परिस्थितियों में सफाई सुनिश्चित करना — ही इस कार्यक्रम की रीढ़ है।
अभियान का नेतृत्व एवं आयोजन
ग्राम पंचायत हीरापट्टी में यह स्वच्छता अभियान सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) की देखरेख में किया गया। ऑनलाइन प्राप्त शिकायतों के आधार पर क्षेत्र के नालों में जमा गंदगी व मल–मैल को हटाना प्राथमिक ध्येय था। सफाई के साथ-साथ आसपास निवासियों को स्वच्छता बनाए रखने और कचरा सही ढंग से निपटाने की अपील भी की गई।
अभियान में जिला अध्यक्ष सी. पी. यादव, वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष गुलाब चौरसिया, अभय चौहान, जागृति प्रसाद, कमलेश कुमार, जान मोहम्मद, अहसान सहित अन्य गणमान्य नागरिक एवं स्थानीय लोग उपस्थित रहे। अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि अगर प्रत्येक व्यक्ति अपने घर, आंगन, गली और मोहल्ले में स्वच्छता बनाए रखे, तो डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियों की राह बाधित हो सकती है।
अभियान की मुख्य गतिविधियाँ
- नालों एवं गटरों की सफाई – जमा गंदगी, मलजल, मिट्टी को हटाना।
- कन्टेनरों, खुली जलाशयों एवं नालियों के आसपास पानी जमा न होने देना।
- स्थानीय लोगों में जागरूकता सत्र – कैसे घरों में साफ-सफाई हो, कचरा कहाँ और कैसे डालें।
- समूहों द्वारा चेतावनी एवं प्रताप – गली गलियारों में सफाई का सतत निरीक्षण।
प्रभाव एवं लाभ
इस स्वच्छता अभियान का प्रत्यक्ष लाभ यह हुआ कि नालों और गटरों के निकास मार्ग खुल गए। पानी के जमाव की समस्या कम हुई, जिससे मच्छरों के पनपने की संभावनाएँ घटीं। साथ ही, लोगों में यह संदेश गया कि स्वच्छता सिर्फ सरकारी काम नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का दायित्व है।
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत इस तरह के विशेष अभियान जिलास्तर पर बढ़ाए जा रहे हैं ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार हो और डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियों का प्रसार रोका जा सके।
चुनौतियाँ एवं आगे की रणनीति
अभियान सफल हुआ, पर चुनौतियाँ भी सामने आईं:
- स्थायी स्वच्छता व्यवस्था बनाए रखना — दो-तीन दिन सफाई नहीं, निरंतर निगरानी।
- लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना — गंदगी फेंकने की आदतों में बदलाव।
- समय-समय पर सफाई एवं निरीक्षण — बारिश के बाद विशेष निगरानी।
- स्वास्थ्य विभाग, पंचायत, स्कूल एवं सामाजिक संस्थाओं का समन्वय।
आगे की रणनीति में यह प्रस्ताव किया गया है कि मासिक/साप्ताहिक स्तर पर स्वच्छता निरीक्षण किया जाए, फॉगिंग व एंटी-लार्वा छिड़काव समय-समय पर हो, तथा ग्राम स्तर पर स्वच्छता समिति को सशक्त कर जागरूकता अभियान नियमित किए जाएँ।
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निष्कर्ष
स्वच्छ भारत मिशन के इस विशेष स्वच्छता अभियान ने ग्राम हीरापट्टी में एक सकारात्मक झलक दी है कि यदि स्थानीय प्रशासन और जनता साथ मिलकर काम करें, तो डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियों की चुनौतियों को प्रभावी तरीके से सामना किया जा सकता है। यह अभियान न केवल तत्काल सफाई कार्य पर केंद्रित था, बल्कि दीर्घकालीन सामाजिक बदलाव—स्वच्छता को जीवन शैली बनाना—की नींव रखने वाला था।
इस प्रकार की पहल जिले के अन्य पंचायतों, मोहल्लों व बाजारों में भी तेजी से फैलानी चाहिए, ताकि प्रत्येक गाँव-शहर स्वच्छ, स्वस्थ और रोगरहित बन सके।
🔍 सवाल & जवाब
1. यह स्वच्छता अभियान कब और कहाँ हुआ?
2. अभियान के दौरान क्या गतिविधियाँ की गईं?
3. अभियान का उद्देश्य क्या था?