हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
बिलासपुर, मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में नवधा रामायण का अखण्ड पाठ चल रहा है। इस महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि चंद्र प्रकाश सूर्या भी उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि केवल नवधा रामायण सुनने से संतोष नहीं मिलता, बल्कि इसे सुनकर उसमें व्यक्त विचारों को आत्मसात करना अधिक आवश्यक है। साथ ही, उन्होंने क्षेत्रवासियों को धनतेरस व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।
ग्राम स्तर पर आयोजित नवधा रामायण कार्यक्रम
मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों जैसे मनवा, चिसदा, कोकड़ी, आमगांव, बेलपान, भटचौरा इत्यादि स्थानों पर नवधा रामायण के अखण्ड पाठ कार्यक्रम संगठित किए गए। इन आयोजनों में बड़े पैमाने पर राम भक्त, ग्रामवासी एवं सक्रिय कार्यकर्ता शामिल हुए। चंद्र प्रकाश सूर्या ने कहा कि मुझे इस पावन अवसर पर आने का हार्दिक सौभाग्य प्राप्त हुआ।
रामायण सुनने और आत्मसात करने की प्रेरणा
चंद्र प्रकाश सूर्या ने कहा — “रामायण को सुनने से जहाँ मन को शांति मिलती है, वहीं उसमें बताए गए आदर्श हमें सत्य मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि नवधा रामायण सुनने के साथ-साथ उसमें उल्लिखित सिद्धांतों, नैतिकता और आदर्शों को अपने जीवन में अपनाना अत्यंत आवश्यक है। यदि कोई मनुष्य नवधा रामायण में कही बातों को ग्रहण करे और उन्हें व्यवहार में उतारे, तो वह जीवन में सच्ची उन्नति कर सकता है।
रामायण एक पवित्र ग्रंथ और महाकाव्य है, जो सदाचार, नैतिकता, त्याग, करुणा और पारिवारिक मूल्यों का समन्वय प्रस्तुत करती है। नवधा रामायण सुनने द्वारा व्यक्ति उन गुणों से स्वयं को सुसज्जित कर सकता है। यही नहीं, इसके माध्यम से मनुष्य अपने व्यवहार को सकारात्मक रूप से सुधार सकता है।
समय-समय पर ऐसे आयोजन आवश्यक
सूर्या ने यह भी कहा कि समय-समय पर इस तरह के धार्मिक आयोजन होते रहना चाहिए — क्योंकि ये कार्यक्रम हमें सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने का मार्गदर्शन देते हैं। जब समाज में नवधा रामायण जैसे आयोजन हों, तो लोगों को धर्म, अध्यात्म एवं नैतिक मूल्यों की ओर जागरूकता मिलती है। उन्होंने यह बात विशेष रूप से इस अवसर पर कही कि यह आयोजन बहुत ही सही समय पर हो रहा है — नवरात्रि, दशहरा के बाद और राम एवं सीता के 14 वर्षों बाद अयोध्या लौटने की परिणति रूप में दीपावली का पावन महत्व है।
दीपावली व धनतेरस की शुभकामनाएँ
चंद्र प्रकाश सूर्या ने दीपावली व धनतेरस की बधाई देते हुए कहा कि यह पावन पर्व नई ऊर्जा, प्रकाश, सद्भाव एवं सकारात्मकता का प्रतीक हैं। उन्होंने आयोजनकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि इस नवधा रामायण कार्यक्रम से न केवल धार्मिक वातावरण बना है, बल्कि जनता को नैतिक भावनाओं का संचार हुआ है।
उपस्थित व्यक्ति एवं स्वागत
इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं:
- जनपद पंचायत प्रतिनिधि नरेंद्र नायक
- जिला पंचायत सभापति प्रतिनिधि खिलावन पटेल
- केदार साहू, पीताम्बर पटेल, बलिस्टर पटेल, राकेश पटेल
- सरपंच सुरेश पटेल, बेलपान सरपंच मानू राम यादव, दिनेश तिवारी, आनंद पटेल
- पूर्व जनपद सदस्य रामकुमार पटेल, खेमराज जगत, माखन मरावी, सुरेश बंजारे और बड़ी संख्या में राम भक्त
इन सभी की भागीदारी ने इस आयोजन को और अधिक गरिमामय एवं सफल बनाया।
निष्कर्ष: नवधा रामायण से जीवन में बदलाव
इस नवधा रामायण कार्यक्रम के माध्यम से यह स्पष्ट हुआ कि केवल पाठ नहीं, बल्कि पाठ में व्यक्त विचारों, सिद्धांतों और मूल्य व्यवस्था को अपनाना ही असली लक्ष्य होना चाहिए। चंद्र प्रकाश सूर्या ने यह तथ्य पुनः रेखांकित किया कि यदि हम नवधा रामायण सुनने के साथ-साथ उसमें कही बातों को अपने जीवन में उतार लें, तो हमारी जीवनशैली, चरित्र एवं समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस प्रकार, ऐसे आयोजन न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि समाज के नैतिक उत्थान का आधार भी बन सकते हैं।
मैं एक बार पुनः आयोजन कर्ताओं को बधाई देता हूँ और सभी क्षेत्रवासियों को दीपावली व धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ। आशा है कि आने वाले समय में नवधा रामायण जैसे आयोजन और व्यापक रूप से होंगे और समाज में सत्य, धर्म तथा सदाचार की भावना अधिक मजबूती से स्थापित होगी।
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