धनतेरस 2025 ; जानते हैं क्या क्या होने वाला है कल यूपी में? आइए हम बताते हैं 👇

सजावटी दीयों और सोने के सिक्कों से भरा कलश, पास में मिठाइयाँ और दीप प्रज्वलित हैं, बैकग्राउंड में खुशियों भरी लाइटें और सामने पीले रंग में लिखा "धनतेरस 2025"।







चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

धनतेरस 2025 का पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ 18 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन दीपावली के छह दिवसीय उत्सव की शुरुआत करता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान धन्वंतरि, कुबेर देव और मां लक्ष्मी की उपासना करने से घर में धन, सुख और समृद्धि का आगमन होता है।

धनतेरस को “धनत्रयोदशी” भी कहा जाता है, क्योंकि यह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आती है। इस दिन सोना-चांदी, बर्तन, झाड़ू, खील-बताशे और अन्य शुभ वस्तुओं की खरीदारी को अत्यंत शुभ माना गया है।

धनतेरस 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

  • त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 18 अक्टूबर 2025 दोपहर 12:18 बजे
  • त्रयोदशी तिथि समाप्त: 19 अक्टूबर 2025 दोपहर 1:51 बजे
  • प्रदोष काल: शाम 05:48 से रात 08:20 बजे तक
  • वृषभ काल: शाम 07:16 से रात 09:11 बजे तक
  • धनतेरस पूजा मुहूर्त: शाम 07:16 से रात 08:20 बजे तक
  • यम दीपदान मुहूर्त: शाम 05:48 से शाम 07:04 बजे तक

इस वर्ष की विशेषता यह है कि दीपावली उत्सव पांच नहीं बल्कि छह दिनों तक चलेगा। इसलिए धनतेरस 2025 का खास महत्व रहेगा।

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धनतेरस पूजा विधि 2025

धनतेरस की पूजा विधि अत्यंत पवित्र और सरल होती है। दिन की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और घर की सफाई से करें। इसके बाद प्रदोष काल में नीचे दिए कदमों का पालन करें:

  1. घर के मंदिर में भगवान धन्वंतरि, कुबेर और मां लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  2. दीपक जलाने से पहले उसके नीचे खील या चावल रखें और फिर चार दिशाओं में दीप प्रज्वलित करें।
  3. जल, रोली, हल्दी, फूल, पान, फल और मिठाई का अर्पण करें।
  4. पूजन के दौरान निम्न मंत्र जाप करें –
    • ॐ धन्वन्तरये नमः
    • ॐ शुचये नमः
    • ॐ धामरूपिणे नमः
  5. आरती के साथ पूजा पूर्ण करें और दिन के अंत में दान और खरीदारी का कार्य करें।

धनतेरस पर शुभ खरीदारी का मुहूर्त

धनतेरस के दिन शुभ वस्तुओं की खरीदारी का विशेष महत्व होता है। इस दिन चौघड़िया मुहूर्त में खरेदी को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है:

दिन का चौघड़िया मुहूर्त:

  • शुभ काल: सुबह 07:49 से 09:15 तक
  • चर काल: दोपहर 12:06 से 01:32 तक
  • लाभ काल: दोपहर 01:32 से 02:57 तक
  • अमृत काल: दोपहर 02:57 से 04:23 तक

रात का चौघड़िया मुहूर्त:

  • लाभ काल: शाम 05:48 से 07:23 तक
  • शुभ काल: रात 08:57 से 10:32 तक
  • अमृत काल: रात 10:32 से 12:06 तक
  • चर काल: रात 12:06 से 01:41 तक
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उत्तर प्रदेश में धनतेरस की रौनक

उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों — लखनऊ, वाराणसी, नोएडा, कानपुर, अयोध्या और आगरा — के बाज़ारों में धनतेरस 2025 की रौनक देखने लायक है। दुकानों में सोना-चांदी के सिक्के, चाँदी के बर्तन, स्टील के नए किचन सेट, डेकोर आइटम और इलेक्ट्रॉनिक्स की बिक्री चरम पर है।

लखनऊ में हज़रतगंज मार्केट सुनहरी रोशनी से सजा है, वहीं वाराणसी में गहनों की दुकानों पर ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ रही है। नोएडा और कानपुर के मॉल्स में डिस्काउंट ऑफरों की बाढ़ है, जिससे खरीदार पूरे जोश में हैं।

लोग मानते हैं कि धनतेरस 2025 के शुभ मुहूर्त में की गई खरीदारी पूरे वर्ष घर में समृद्धि, लक्ष्मी और सौभाग्य लाती है।

दीपावली के अन्य पर्वों का पूरा कैलेंडर

  • धनतेरस: 18 अक्टूबर 2025
  • छोटी दिवाली: 19 अक्टूबर 2025 (शाम 05:47 – रात 08:57)
  • दिवाली: 20 अक्टूबर 2025 (रात 07:08 – 08:18)
  • गोवर्धन पूजा: 22 अक्टूबर 2025 (सुबह 06:26 – 08:42 और दोपहर 03:29 – 05:44)
  • भाई दूज: 23 अक्टूबर 2025 (दोपहर 01:13 – 03:28)
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धनतेरस 2025 से जुड़े आपके सवाल-हमारे जवाब

धनतेरस 2025 शनिवार, 18 अक्टूबर को मनाई जाएगी। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07:16 से रात 08:20 बजे तक रहेगा।

सोना, चांदी, बर्तन, झाड़ू, दीया, इलेक्ट्रॉनिक सामान और खील-बताशे खरीदना शुभ होता है।

प्रदोष काल में भगवान धन्वंतरि, कुबेर और लक्ष्मी जी की मूर्ति के सामने दीप जलाएं, फूल, मिठाई और पान चढ़ाकर आरती करें।

यम दीपदान मृत्यु के भय से मुक्ति का प्रतीक है। शाम 5:48 से 7:04 तक घर के बाहर दक्षिण दिशा में दीप जलाना शुभ होता है।

ॐ धन्वन्तरये नमः, ॐ शुचये नमः, ॐ धामरूपिणे नमः — इन मंत्रों का जाप धन, आरोग्य और सौभाग्य प्रदान करता है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी पारंपरिक और धार्मिक स्रोतों पर आधारित है। पाठक अपने व्यक्तिगत निर्णय से इसका पालन करें।



सजावटी दीयों और सोने के सिक्कों से भरा कलश, पास में मिठाइयाँ और दीप प्रज्वलित हैं, बैकग्राउंड में खुशियों भरी लाइटें और सामने पीले रंग में लिखा "धनतेरस 2025"।
धनतेरस 2025 : समृद्धि और शुभकामनाओं से भरा पर्व, जिसमें सोने के सिक्के, दीये और पारंपरिक सजावट का सुंदर संगम दिखाया गया है।

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