ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक महिला ने पति, जेठ और ननदोई पर गंभीर यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेलिंग के आरोप लगाए हैं। एसएसपी कार्यालय पहुंचकर पीड़िता ने इंसाफ की गुहार लगाई। पढ़ें, इस दिल दहला देने वाली घटना की पूरी आपबीती।
📍 ये शब्द जैसे ही महिला के होंठों से निकले, वहां मौजूद हर कोई स्तब्ध रह गया
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में एसएसपी कार्यालय की एक कुर्सी पर बैठी वह विवाहिता जब अपने साथ हुए अत्याचारों की दास्तान सुना रही थी, तो हर वाक्य दिल दहला देने वाला था। पीड़िता फूट-फूटकर रो रही थी और पुलिस उसकी बातों को गंभीरता से सुन रही थी।
🧩 शुरुआत से ही नरक बन गया वैवाहिक जीवन
दरअसल, महिला ने जो खुलासे किए, उनसे यह स्पष्ट हो गया कि उसका वैवाहिक जीवन पहले दिन से ही कष्टों से भरा रहा।
उसने बताया कि उसकी शादी को पाँच साल हो चुके हैं, लेकिन प्यार, सम्मान या सुरक्षा जैसे शब्दों से वह कोसों दूर रही।
शादी के कुछ ही महीनों बाद पति का व्यवहार बदल गया।
वो मारपीट करता, और फिर मानसिक प्रताड़ना देने लगा।
🔥 पति ने किया वीडियो ब्लैकमेलिंग का इस्तेमाल
महिला का सबसे दर्दनाक आरोप यह था कि उसके पति ने उसके साथ निजी क्षणों का वीडियो बना लिया और फिर उसी को ब्लैकमेल करने लगा।
वह यह वीडियो दोस्तों को दिखाता और धमकी देता कि अगर महिला ने विरोध किया तो इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा।
जब उसने यह बात ससुराल में बताई, तो उल्टा उसे ही दोषी ठहराया गया।
⚠️ जेठ और ननदोई ने भी नहीं छोड़ा
और भी चौंकाने वाली बात यह रही कि महिला ने सिर्फ पति पर ही नहीं, बल्कि जेठ और ननदोई पर भी दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया।
उसका कहना है कि जेठ कई बार जबर्दस्ती करता था, और ननदोई भी समय-समय पर अश्लील हरकतें करता रहा।
पीड़िता ने कहा— “मुझे घर में एक सुरक्षित कोना भी नसीब नहीं था। हर रोज जैसे कोई नई सजा तैयार रहती थी।”
💬 “काफी सहा, अब और नहीं…”
महिला ने बताया कि वह लंबे समय तक चुप रही।
वो सोचती रही कि शायद परिस्थितियाँ बदलेंगी, शायद कोई सुनेगा।
पर जब न अपनों ने समझा और न ही ससुरालवालों ने सुध ली, तो अंततः उसने कानून का सहारा लेने की ठानी।
“मैं घुटती रही, पर अब बर्दाश्त की सीमा पार हो चुकी है,”
उसने रोते हुए कहा।
“मुझे अब न्याय चाहिए, बस।”
👮 पुलिस ने कहा— कार्रवाई होगी
एसएसपी कार्यालय पहुंची महिला की बात सुनने के बाद अधिकारियों ने उसे संवेदनशीलता के साथ बैठाया और पूरा मामला दर्ज किया।
पुलिस का कहना है कि महिला की शिकायत गंभीर है और इस पर त्वरित जांच कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
🔎 समाज के लिए गंभीर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्यों एक महिला के लिए उसका ससुराल कभी-कभी सबसे असुरक्षित जगह बन जाता है।
पति, जो जीवन साथी कहलाता है, जब वही शोषक बन जाए,
जब भाई जैसे रिश्ते कलंकित हो जाएं,
तो महिला किस पर भरोसा करे?
🛑 ज़रूरत है कड़े कानून और सामाजिक जागरूकता की
इस तरह की घटनाएँ यह सिद्ध करती हैं कि केवल कानून बनाना ही पर्याप्त नहीं है,
बल्कि उनके क्रियान्वयन और पीड़ितों को सुरक्षित माहौल देने की सख्त जरूरत है।
साथ ही, परिवारों को भी अपने भीतर झांकने की जरूरत है कि कहीं वे खुद अपने घर की बेटी, बहू के साथ अन्याय के सहभागी तो नहीं बन रहे?
🟣 यह मामला सिर्फ एक महिला की लड़ाई नहीं है, यह उस सिस्टम की परीक्षा है जो पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए खड़ा होने का दावा करता है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या अलीगढ़ की यह विवाहिता न्याय पा सकेगी या फिर यह मामला भी अन्य अनगिनत मामलों की तरह फाइलों में दब जाएगा…
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