उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले में एक महिला की तांत्रिक क्रिया के दौरान मौत हो गई। बच्चा पाने की उम्मीद में महिला ने झाड़-फूंक का सहारा लिया, लेकिन तांत्रिक के अमानवीय कृत्य ने उसकी जान ले ली। पूरा मामला विस्तार से पढ़िए।
जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
10 साल से संतानहीनता से जूझ रही थी अनुराधा, तंत्र क्रिया में गई जान
उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले के कंधरापुर क्षेत्र स्थित पहलवानपुर गांव की रहने वाली अनुराधा यादव की शादी वर्ष 2014 में तहबरपुर थाना क्षेत्र के नैपुरा गांव में हुई थी। शादी को दस साल बीत चुके थे, लेकिन अभी तक अनुराधा को संतान सुख प्राप्त नहीं हुआ था। स्वाभाविक रूप से, यह बात अनुराधा और उसके पति दोनों के लिए चिंता का विषय बनी हुई थी।
झाड़-फूंक का रास्ता और तांत्रिक का लालच
इसी बीच अनुराधा को गांव की ही हरिजन बस्ती में एक तांत्रिक चंदू के बारे में जानकारी मिली, जो यह दावा करता था कि वह झाड़-फूंक से संतान की प्राप्ति करवा सकता है। इसके लिए वह एक लाख रुपये तक की मांग करता था। अपनी समस्या के समाधान की आशा में अनुराधा ने तांत्रिक से संपर्क किया और करीब 20 हजार रुपये एडवांस भी दे दिए।
एक खौफनाक शाम की शुरुआत
बताया जा रहा है कि रविवार शाम करीब 6 बजे, अनुराधा अपनी मां के साथ तांत्रिक चंदू के घर पहुंची। वहां पहले से ही तांत्रिक के चार-पांच सहयोगी भी मौजूद थे। हालांकि शुरुआत में सब सामान्य लगा, लेकिन जल्द ही मामला बेकाबू होता गया।
तांत्रिक की अमानवीय ‘तंत्र क्रिया’
जैसे ही ‘क्रिया’ शुरू हुई, तांत्रिक और उसके साथियों ने अनुराधा के बाल पकड़कर उसका गला और मुंह दबाना शुरू कर दिया। उसकी मां ने रोकने की कोशिश की, लेकिन तांत्रिक लगातार यह कहता रहा कि अनुराधा पर “साया” है और यही इसका इकलौता इलाज है।
इतना ही नहीं, आरोप है कि तांत्रिकों ने मिलकर महिला को नाले और शौचालय का गंदा पानी तक पिला दिया। यह सुनकर कोई भी सिहर उठेगा। थोड़ी ही देर में अनुराधा की हालत गंभीर हो गई।
बिना इलाज के हो गई मौत, तांत्रिक ने अस्पताल पहुंचाया और भाग निकला
जैसे ही अनुराधा की तबीयत बिगड़ी, तांत्रिक चंदू और उसके सहयोगी उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद तांत्रिक और उसके साथी अस्पताल से भाग निकले। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई।
पुलिस जांच और गिरफ्तारी
इस सनसनीखेज मामले पर एसपी सिटी मधुबन कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मृतका अनुराधा यादव, पिता बलिराम यादव की पुत्री थी और उसके मौत का आरोप गांव के तांत्रिक चंदू पर है। प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है। बताया जा रहा है कि कुछ देर बाद तांत्रिक स्वयं थाने पहुंच गया और पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है।
🧩 घटना के पीछे की सामाजिक सच्चाई
यह घटना सिर्फ एक समाचार नहीं, बल्कि समाज में फैली अंधविश्वास की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका प्रमाण है। एक पढ़ी-लिखी महिला भी जब अपनी समस्या का समाधान वैज्ञानिक तरीके से नहीं पाती, तो वह झूठे दावों और तंत्र-मंत्र के कुचक्र में फंस जाती है। यह सिर्फ अनुराधा की त्रासदी नहीं है, बल्कि हर उस महिला की कहानी है जो संतान प्राप्ति के सामाजिक दबाव में अपना जीवन दांव पर लगा देती है।
⚖️ अब क्या? – सवाल समाज से
1. क्या केवल तांत्रिक दोषी है, या वह मानसिकता जो स्त्री को सिर्फ मां बनने तक सीमित करती है?
2. क्या प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग गांवों में जागरूकता अभियान चलाकर ऐसी घटनाओं को रोक सकते हैं?
3. क्या समय आ गया है कि अंधविश्वास पर कड़ा कानून बने और ऐसे फर्जी तांत्रिकों को तुरंत जेल भेजा जाए?
🛑 एक अपील
समाज को अब आंखें खोलनी होंगी। हर उस व्यक्ति को पहचानिए जो धर्म, तंत्र या चमत्कार के नाम पर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करता है। अपने आसपास यदि कोई इस प्रकार की गतिविधि में लिप्त हो, तो तुरंत पुलिस या मीडिया को सूचना दें।
📌 यह रिपोर्ट केवल एक महिला की मौत की नहीं, बल्कि समाज की उस सोच की है जो तर्क और विज्ञान से भागकर अंधेरे की ओर दौड़ती है।