चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की धरती पर एक बुजुर्ग महिला को उनके ही परिजनों द्वारा लावारिस हालत में छोड़ने की घटना ने पूरे शहर को झकझोर दिया है। सीसीटीवी में कैद हुई यह बेरहमी अब समाज के सामने गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
🌙 अयोध्या की रात में इंसानियत की नींद टूटी
मर्यादा और भक्ति की नगरी अयोध्या में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने न केवल मानवता को शर्मसार किया है, बल्कि रिश्तों की मौजूदा हालत पर भी सवालिया निशान लगा दिए हैं। राम की इस नगरी में जहां हर कोना करुणा और सेवा की मिसाल बनता है, वहीं परिजनों द्वारा अपनी ही बुजुर्ग महिला को अंधेरे में सुनसान सड़क पर छोड़कर भाग जाना, समाज की संवेदनशीलता पर करारा प्रहार है।
📹 सीसीटीवी फुटेज में उजागर हुई अमानवीयता
दरअसल, यह दर्दनाक घटना अयोध्या के किशन दासपुर क्षेत्र की है। बीते बुधवार की देर रात, इलाके में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में जो कुछ कैद हुआ, उसने लोगों की रूह तक हिला दी। फुटेज में देखा जा सकता है कि एक बुजुर्ग महिला को दो लोग सड़क किनारे उतारते हैं। उनके साथ एक महिला और है, लेकिन कुछ ही पलों में सभी बुजुर्ग को अकेला छोड़कर वहां से निकल जाते हैं।
विडंबना यह है कि यह घटना उसी अयोध्या में हुई, जो करुणा, त्याग और सेवा की मूर्तिमान नगरी मानी जाती है।
🏥 गंभीर स्थिति में बुजुर्ग, मेडिकल कॉलेज में भर्ती
जब इलाके के स्थानीय निवासियों ने महिला को बेसुध हालत में देखा, तो उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने बुजुर्ग महिला को दर्शन नगर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है।
हालत इतनी नाजुक है कि महिला अब तक कुछ भी बोल पाने की स्थिति में नहीं हैं। न तो वे अपना नाम बता पा रही हैं और न ही पता या किसी रिश्तेदार की जानकारी दे पा रही हैं। इस वजह से पुलिस के सामने उनकी पहचान करना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।
🔍 फुटेज के ज़रिए पहचान की कोशिशें जारी
घटना के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाई और घटनास्थल के आसपास लगे अन्य सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग को खंगालना शुरू कर दिया है। वीडियो में साफ़ दिखाई दे रहे दो लोगों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इनका महिला से क्या रिश्ता था और उन्होंने ऐसा क्यों किया।
संभवत: यह मामला किसी पारिवारिक दबाव, संपत्ति विवाद या देखभाल की जिम्मेदारी से बचने का हो सकता है। फिलहाल, जांच के सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है।
🧓 बुजुर्गों के प्रति समाज का बदलता रवैया
यह घटना केवल एक बुजुर्ग महिला की कहानी नहीं है, बल्कि यह उन लाखों माताओं-बहनों की त्रासदी है, जो वृद्धावस्था में परिजनों द्वारा बेमर्याद बर्ताव की शिकार होती हैं। आज के भौतिकवादी समाज में वृद्धजन ‘बोझ’ समझे जाने लगे हैं, और यह घटना उसी क्रूर प्रवृत्ति की एक बानगी है।
❓रामनगरी में ‘मर्यादा’ पर सवाल
रामायण की धरती पर, जहां श्रवण कुमार की भक्ति और भरत का त्याग आज भी प्रेरणा का स्रोत है, वहां एक बुजुर्ग महिला को इस प्रकार छोड़ दिया जाना, यह दर्शाता है कि आधुनिकता की दौड़ में संबंधों की मर्यादा तार-तार हो रही है।
प्रश्न यह है:
क्या हमारी संस्कृति में अब वृद्धों के लिए कोई स्थान नहीं बचा?
क्या हम परिवार के मूल मूल्यों से इतना दूर हो चुके हैं कि अब सेवा और संवेदना को ‘बोझ’ समझने लगे हैं?
🤝 पुलिस और समाजसेवी संस्थाओं की पहल
फिलहाल अयोध्या पुलिस स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं की मदद से महिला की पहचान कराने और उनके परिवार तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। साथ ही उन दोषियों की तलाश भी जारी है जिन्होंने यह अमानवीय हरकत की।
🧠 संवेदना नहीं तो धर्म अधूरा है
इस पूरी घटना ने यह सिखा दिया कि केवल धार्मिक नगरी होना ही पर्याप्त नहीं, जब तक समाज में संवेदनशीलता और जिम्मेदारी जीवित न हो। अयोध्या में गूंजता रामनाम तब ही सार्थक होगा, जब राम की तरह हम भी अपने बुजुर्गों को सम्मान, सेवा और करुणा देंगे।
🔁 यदि आपके आसपास किसी लावारिस, पीड़ित या असहाय बुजुर्ग की जानकारी है, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या सामाजिक संस्था से संपर्क करें। यह आपकी छोटी सी पहल किसी के लिए जीवनदान बन सकती है।