जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़ में भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष श्रीकृष्ण सिंह किशन पर देर रात जानलेवा हमला, हमलावरों ने किया हवाई फायर और फॉर्च्यूनर गाड़ी को क्षतिग्रस्त किया, चार नामजद के खिलाफ केस दर्ज।
👉 अपराधियों के बढ़ते दुस्साहस की बानगी
आजमगढ़ जनपद एक बार फिर अपराधियों के दुस्साहस का गवाह बना जब भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष श्रीकृष्ण सिंह किशन पर गुरुवार देर रात जानलेवा हमला किया गया। यह हमला तब हुआ जब वह कार्यकर्ताओं के साथ भोजन करके लौट रहे थे। हालांकि, सौभाग्यवश वह इस हमले में बाल-बाल बच गए, लेकिन उनकी फॉर्च्यूनर कार का शीशा हमलावरों द्वारा फोड़ दिया गया।
📍 कब, कहां और कैसे हुआ हमला?
घटना 24 जुलाई 2025 की रात करीब 12:30 बजे की है। श्रीकृष्ण सिंह ने बताया कि वे उकरौड़ा स्थित शिवबाबा ढाबा पर अपने कार्यकर्ताओं संग भोजन करने के बाद वापस लौट रहे थे। तभी कुछ अज्ञात अपराधियों ने उनका पीछा करना शुरू किया। पहले तो उन्होंने गाड़ी रोकने का इशारा किया, लेकिन जब गाड़ी की गति धीमी हुई, तो हमलावरों ने हवाई फायरिंग कर दी और पत्थरबाजी करके फॉर्च्यूनर का शीशा तोड़ डाला।
🧠 सूझबूझ से बचाई जान
इस हमले के दौरान श्रीकृष्ण सिंह ने तत्परता और सूझबूझ से काम लेते हुए अपनी जान बचाई। उन्होंने बिना रुके वहां से तेज़ी से गाड़ी मोड़ी और सुरक्षित स्थान की ओर निकल गए। यह हमला एक सोची-समझी साजिश प्रतीत होता है, क्योंकि हमलावर पूरी योजना के साथ आए थे और वाहन पर निशाना साधा गया।
📝 चार नामजद आरोपियों पर केस दर्ज
अगले दिन, शुक्रवार को श्रीकृष्ण सिंह ने नगर कोतवाली पहुंचकर घटना की विस्तृत तहरीर सौंपी। उन्होंने चार नामजद लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया है। पुलिस ने उनकी तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया है और जांच प्रारंभ कर दी गई है।
👮 पुलिस का आश्वासन, जनता में आक्रोश
घटना के बाद आजमगढ़ पुलिस सक्रिय हो गई है। अधिकारियों ने भाजपा नेता को आश्वासन दिया है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हालांकि, यह घटना जिले की कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। आम नागरिकों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच भय का माहौल बन गया है।
🔍 राजनीतिक हलकों में हलचल
इस घटना के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है। कुछ नेताओं ने कहा कि अगर जनप्रतिनिधि और राजनीतिक पदाधिकारी ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जाए? जिला प्रशासन पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर क्यों अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं?
✊ क्या कहती है ये घटना?
इस हमले ने साफ कर दिया है कि आजमगढ़ में अपराधियों का मनोबल सातवें आसमान पर है। कानून-व्यवस्था को लेकर पुलिस और प्रशासन को ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है। यदि समय रहते अपराधियों पर नकेल नहीं कसी गई तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
जहां एक ओर भाजपा नेता श्रीकृष्ण सिंह बाल-बाल बच गए, वहीं दूसरी ओर इस हमले ने पुलिस की चौकसी और जिले की सुरक्षा व्यवस्था पर करारा तमाचा मारा है। आवश्यकता है कि प्रशासन इस घटना को केवल “रूटीन केस” न मानकर एक चेतावनी के रूप में ले और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे।