संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट के शास्त्री नगर, शोभा सिंह के पुरवा में लटकती विद्युत तारें जानलेवा बन चुकी हैं। कई बार शिकायतों के बावजूद बिजली विभाग उदासीन है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट प्रशासनिक लापरवाही और संभावित हादसे के खतरे पर।
🔌 “मौत” बनकर झूल रही बिजली की तारें, क्या हादसे के इंतजार में है विभाग?
चित्रकूट जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर 21 शास्त्री नगर, शोभा सिंह के पुरवा में आज भी ज़िंदगी खतरे के साए में चल रही है। यहां गलियों में लटकती बिजली की केविल तारें किसी भी समय बड़ा हादसा कर सकती हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि विद्युत विभाग को बार-बार सूचित करने के बावजूद अब तक कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई है।
📉 अधूरा विद्युतीकरण, बढ़ता खतरा
एक ओर योगी सरकार ग्रामीण और नगरीय इलाकों के पूर्ण विद्युतीकरण को लेकर सख्त निर्देश दे रही है, वहीं चित्रकूट नगर पालिका क्षेत्र के इस वार्ड में “दीपक तले अंधेरा” वाली कहावत पूरी तरह चरितार्थ हो रही है। शोभा सिंह के पुरवा में न तो समुचित विद्युतीकरण हुआ है, न ही सुरक्षा मानकों का पालन।
महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि—
यहां के लोग आज भी बांस और लकड़ी के सहारे बिजली की तारें अपने घरों तक खींच रहे हैं।
बावजूद इसके, ये उपभोक्ता नियमित रूप से बिजली बिल का भुगतान कर रहे हैं।
फिर भी विभाग के पास न तो समाधान की इच्छा है, न ही संवेदनशीलता की झलक।
🚸 जान के खतरे के बीच जीते लोग
यह मोहल्ला सिर्फ आवासीय क्षेत्र नहीं, बल्कि सामाजिक संस्थानों का केंद्र भी है। मोहल्ले में स्थित राजपूत शिक्षा मंदिर पूर्व माध्यमिक विद्यालय में नन्हें बच्चे रोज पढ़ने आते हैं। उनके अलावा बुजुर्ग, महिलाएं, आमजन गलियों से गुजरते हैं, लेकिन गलियों में झूलती करंट दौड़ती केविल तारें उनके जीवन के लिए एक स्थायी खतरा बनी हुई हैं।
विशेष रूप से—
चंदन यादव के घर के पास,
पूर्व प्रधान सिमरिया देवराज कोटार्य के मकान के समीप,
इन दोनों स्थानों पर तारें इतनी नीचे हैं कि किसी भी क्षण जानलेवा हादसा हो सकता है।
📨 कई बार शिकायत, फिर भी विभाग का रवैया ढीला
सभासद शंकर प्रसाद यादव द्वारा अधिशासी अभियंता एवं एसडीओ विद्युत विभाग को कई बार लिखित शिकायत दी जा चुकी है। परन्तु, “स्थिति जस की तस” बनी हुई है।
उनका कहना है
“मैंने स्वयं विभागीय अधिकारियों को पत्र देकर अवगत कराया है, किन्तु समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा। अब मैंने जिलाधिकारी महोदय से आग्रह किया है कि संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर, समस्या का त्वरित समाधान कराया जाए।”
⚠️ सवाल यह है कि…
जब मुख्यालय क्षेत्र में यह हाल है, तो दूरदराज के गांवों की स्थिति की कल्पना सहज की जा सकती है। क्या बिजली विभाग किसी बड़े हादसे की प्रतीक्षा कर रहा है? क्या आम नागरिक की जान की कीमत व्यवस्था के लिए कोई मायने नहीं रखती?
✅ समाधान की मांग
शोभा सिंह के पुरवा में समुचित विद्युतीकरण की तत्काल आवश्यकता है।
लटकती केविल तारों को सुरक्षित ढंग से लाइनिंग या अंडरग्राउंड केबलिंग की दिशा में बदला जाए।
विद्युत अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
विद्यालय और सार्वजनिक स्थलों के आसपास सुरक्षा मानकों के अनुरूप वायरिंग हो।
शोभा सिंह के पुरवा की बिजली समस्या सिर्फ तकनीकी नहीं, प्रशासनिक संवेदनशीलता की भी परीक्षा है। हर दिन बिना सुधार के, यह क्षेत्र एक अनदेखे खतरे में सांस ले रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों को चेतना होगा— इससे पहले कि कोई मासूम जान इस उपेक्षा की भेंट चढ़ जाए।