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आजमगढ़

5000 की रिश्वत लेते लेखपाल रंगे हाथ दबोचा – एसडीएम आवास बना भ्रष्टाचार का अड्डा

गिरफ्तारी के बाद लेखपालों का बवाल – थाने के बाहर जुटा हंगामाई हुजूम

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आज़मगढ़ के मेंहनगर तहसील में लेखपाल संघ के अध्यक्ष अमर सिंह को 5000 रुपये की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ पकड़ा। गिरफ्तारी के बाद लेखपालों ने थाने के बाहर किया विरोध प्रदर्शन।

जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले की मेंहनगर तहसील से भ्रष्टाचार का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। लेखपाल संघ के अध्यक्ष अमर सिंह को एंटी करप्शन यूनिट ने 5000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी एसडीएम आवास के पास स्थित सरकारी भवन में की गई, जहां आरोपी लेखपाल निवास करता है।

रिपोर्ट के बदले मांगी थी रिश्वत

पूरा मामला ग्राम उमरी गणेशपुर निवासी किसान जितेंद्र यादव की शिकायत से जुड़ा है। किसान ने भूमि से संबंधित एक रिपोर्ट के लिए लेखपाल से संपर्क किया था। लेकिन, रिपोर्ट लगाने के एवज में लेखपाल अमर सिंह ने 5000 रुपये की मांग की। इतना ही नहीं, उसने यह भी चेतावनी दी कि यदि पैसा नहीं दिया गया, तो रिपोर्ट नहीं लगाई जाएगी।

केमिकल लगे नोटों के साथ रची गई गिरफ्तारी की रणनीति

किसान जितेंद्र यादव ने हिम्मत दिखाते हुए इस भ्रष्टाचार की शिकायत जिला एंटी करप्शन यूनिट से की। शिकायत की पुष्टि के बाद, टीम ने पूर्व नियोजित कार्रवाई करते हुए आरोपी को पकड़ने की रणनीति बनाई। योजना के अनुसार, किसान ने पहले से केमिकल लगे हुए नोट लेखपाल को दिए। जैसे ही अमर सिंह ने पैसे हाथ में लिए, मौके पर मौजूद एंटी करप्शन टीम ने उसे तत्काल हिरासत में ले लिया।

लेखपालों का विरोध प्रदर्शन

अमर सिंह की गिरफ्तारी की सूचना फैलते ही सैकड़ों की संख्या में लेखपाल गंभीरपुर थाने के बाहर एकत्र हो गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। लेखपालों ने गिरफ्तारी को पक्षपातपूर्ण बताते हुए इस पर नाराजगी जताई।

वहीं दूसरी ओर, एंटी करप्शन टीम आरोपी से गहन पूछताछ कर रही है और मामले से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच जारी है।

प्रशासन पर उठते सवाल

यह घटना न सिर्फ लेखपाल विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि तहसील स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार के गहरे जड़ों को भी उजागर करती है। आम नागरिकों के लिए न्याय पाना पहले ही कठिन है, उस पर इस तरह के भ्रष्ट आचरण व्यवस्था पर से भरोसा उठाने को मजबूर करते हैं।

इस प्रकरण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आम जनता की जागरूकता और साहसिक कदम प्रशासनिक तंत्र को जवाबदेह बना सकते हैं। जितेंद्र यादव जैसे नागरिकों की हिम्मत ही है जो व्यवस्था को शुद्ध करने का मार्ग प्रशस्त करती है।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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