गोंडा जिले की धानेपुर पुलिस ने मुठभेड़ के बाद एक शातिर गौ तस्कर को गिरफ्तार किया। ट्रक से 28 गोवंश और अवैध हथियार बरामद।
गोंडा जिले की धानेपुर पुलिस को बुधवार देर रात चेकिंग के दौरान एक बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल, संतकबीर नगर जिले का रहने वाला एक शातिर गौ तस्कर पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गया, जिसे गिरफ्तार कर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने उसके कब्जे से 28 गोवंश से लदा एक ट्रक, एक तमंचा और कारतूस बरामद किए हैं।
चेकिंग के दौरान पुलिस पर की फायरिंग
पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल के दिशा-निर्देश पर जिले में चलाए जा रहे अपराध विरोधी अभियान के तहत बुधवार रात धानेपुर पुलिस टीम चेकिंग कर रही थी। इस दौरान एक संदिग्ध ट्रक आते हुए दिखाई पड़ा। जब पुलिस ने उसे रुकने का इशारा किया, तो वह ट्रक तेज रफ्तार से भगाकर निकल गया।
तत्पश्चात, पुलिस ने पीछा करना शुरू किया। कुछ दूरी पर जाकर ट्रक को सड़क किनारे रोकते ही आरोपी ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली आरोपी के पैर में लगी, जिससे वह घायल हो गया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उसे मौके से गिरफ्तार कर जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
पूछताछ में सामने आए कई अहम सुराग
गिरफ्तार बदमाश की पहचान शमशेर पुत्र इदरीश, निवासी गांव धुसरा, थाना महुली, जिला संतकबीर नगर के रूप में हुई है। पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि वह इन गोवंशों को बिहार के सिवान जिले में बेचने के लिए ले जा रहा था।
इतना ही नहीं, पूछताछ में कुछ अन्य नाम भी प्रकाश में आए हैं, जिनकी तलाश में पुलिस टीमें जुट चुकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि यह एक संगठित गौ तस्करी गिरोह का हिस्सा है, जिसकी जड़ें कई जिलों तक फैली हो सकती हैं।
मुठभेड़ में शामिल रही पुलिस टीम
इस सफलता में एसओजी प्रभारी संजय कुमार गुप्ता, थानाध्यक्ष निर्भय नारायण सिंह, उप निरीक्षक अनुज त्रिपाठी (प्रभारी सर्विलांस), उप निरीक्षक प्रशांत पांडे, उप निरीक्षक परशुराम सिंह, रामकृपाल यादव, रामविलास यादव समेत कई अन्य पुलिसकर्मियों का सराहनीय योगदान रहा।
इसके अतिरिक्त हेड कांस्टेबल अमित पाठक, हृदय नारायण दीक्षित, रणधीर सिंह, रवि कुमार, अमितेश सिंह, अंशुमान पांडे, आदित्य पाल, अखिलेश राय, आनंद यादव एवं सच्चिदानंद यादव भी ऑपरेशन में सक्रिय रहे।
आगे की कार्रवाई जारी
एसपी विनीत जायसवाल ने मीडिया को बताया कि पूछताछ के दौरान गौ तस्कर शमशेर ने जिन अन्य लोगों के नाम बताए हैं, उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें संभावित स्थानों पर दबिश दे रही हैं। पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह के तार कई जिलों से जुड़े हो सकते हैं।
इस बीच, बरामद गोवंशों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। वहीं, मामले की गहनता से जांच जारी है ताकि पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।
➡️चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट