महाकुंभ में उमड़ा आस्था का सैलाब, कल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी संगम स्नान, पढिए क्या- क्या रहेंगी पाबंदियां? 

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, और इसी पावन अवसर पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी आस्था और परंपरा का निर्वहन करने के लिए प्रयागराज आ रही हैं। राष्ट्रपति मुर्मू कल संगम नोज पर पवित्र स्नान करेंगी और साथ ही अक्षयवट एवं बड़े हनुमान मंदिर में भी पूजा-अर्चना करेंगी। उनकी इस यात्रा के लिए प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए हैं, जिससे महाकुंभ क्षेत्र में विशेष पाबंदियां लागू की गई हैं।

राष्ट्रपति का कार्यक्रम: संगम स्नान और पूजा-अर्चना

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कल सुबह 11 बजे प्रयागराज के बमरौली हवाई अड्डे पर पहुंचेंगी। वहां से वे हेलीकॉप्टर द्वारा अरैल क्षेत्र के डीपीएस हेलीपैड जाएंगी। इसके बाद वे कार द्वारा अरैल वीवीआईपी जेटी पहुंचेंगी, जहां से निशादराज क्रूज के माध्यम से संगम तक जाएंगी।

दोपहर लगभग 12 बजे वे संगम में पवित्र स्नान करेंगी। इसके बाद गंगा पूजन और आरती का आयोजन होगा। इस दौरान संगम क्षेत्र और आस-पास के घाटों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू रहेगी। हालांकि, अन्य घाटों पर आम श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे।

महाकुंभ क्षेत्र में लागू होंगी यातायात पाबंदियां

राष्ट्रपति मुर्मू की यात्रा को ध्यान में रखते हुए प्रयागराज प्रशासन ने महाकुंभ क्षेत्र में यातायात संबंधी कई प्रतिबंध लागू किए हैं।

अरैल, संगम, किला और बड़े हनुमान मंदिर जाने वाले मार्गों पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

संगम क्षेत्र में नावों का संचालन भी पूरी तरह से रोका गया है। प्रशासन के अनुसार, राष्ट्रपति के स्नान और दर्शन के बाद ही नावों को पुनः संचालित करने की अनुमति दी जाएगी।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए प्रयागराज मेला प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने विशेष सुरक्षा प्रबंध किए हैं—

ड्रोन कैमरों की मदद से पूरे संगम क्षेत्र की निगरानी की जाएगी।

जल पुलिस, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और अन्य सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में रहेंगी।

राष्ट्रपति की मौजूदगी के दौरान हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जाएगी ताकि सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह दुरुस्त बनी रहे।

राष्ट्रपति की यात्रा: आस्था और परंपरा का संगम

महाकुंभ में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यह यात्रा आस्था, परंपरा और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक होगी। उनकी उपस्थिति से इस आयोजन का महत्व और भी बढ़ जाएगा। प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां इस यात्रा को सफल और सुचारू बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। श्रद्धालुओं के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा, जब देश की सर्वोच्च पदाधिकारी संगम में स्नान कर धर्म और आस्था की इस अनूठी परंपरा में सहभागी बनेंगी।

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Author: samachardarpan24

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