
🌸 मिशन शक्ति 5.0 में चमकी आजमगढ़ की छात्रा अनुप्रिया गौंड
जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में नारी सशक्तिकरण की एक प्रेरक मिसाल देखने को मिली, जब कस्तुरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, जाफरपुर की कक्षा आठ की छात्रा अनुप्रिया गौंड ने एक दिन के लिए आजमगढ़ की डीएम (जिलाधिकारी) की कुर्सी संभाली।
यह कार्यक्रम मिशन शक्ति अभियान 5.0 के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य बालिकाओं में आत्मविश्वास, नेतृत्व और समाज में बराबरी की भावना को बढ़ावा देना है।
🏛️ डीएम की कुर्सी पर बैठीं आजमगढ़ की छात्रा अनुप्रिया गौंड
इस विशेष अवसर पर जब आजमगढ़ की छात्रा अनुप्रिया गौंड डीएम की कुर्सी पर बैठीं, तो उनके आत्मविश्वास ने सबका दिल जीत लिया।
उन्होंने वास्तविक जनसुनवाई में भाग लेते हुए आम नागरिकों की शिकायतें सुनीं और संबंधित अधिकारियों को उनके निस्तारण के निर्देश दिए।
यह अनुभव न केवल उनके लिए प्रेरणादायक रहा बल्कि जिले की अन्य बालिकाओं के लिए भी एक उदाहरण बन गया कि बेटियां भी नेतृत्व कर सकती हैं और जिम्मेदारी संभाल सकती हैं।
✍️ अनुप्रिया गौंड को मिला सम्मान और प्रोत्साहन
कार्यक्रम के दौरान वास्तविक जिलाधिकारी ने अनुप्रिया गौंड को डायरी और पेन भेंट किया। साथ ही मिशन शक्ति 5.0 के उद्देश्य — नारी सुरक्षा, नारी सम्मान और नारी स्वावलंबन — पर विस्तार से चर्चा की।
डीएम ने कहा कि,
“यह अभियान हमारी बेटियों को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने का माध्यम है। आजमगढ़ की छात्रा अनुप्रिया गौंड जैसी बालिकाएँ समाज में बदलाव का प्रतीक हैं।”
💪 आजमगढ़ की छात्रा अनुप्रिया गौंड ने दिया सशक्त संदेश
जब आजमगढ़ की छात्रा अनुप्रिया गौंड ने जिलाधिकारी के रूप में जनता की समस्याएं सुनीं, तो उन्होंने यह साबित किया कि सही अवसर मिलने पर कोई भी बालिका समाज में बड़ी भूमिका निभा सकती है।
उन्होंने कहा —
“मैं चाहती हूँ कि हर लड़की पढ़े, आगे बढ़े और खुद पर विश्वास रखे। मैं अपने शिक्षकों और परिवार का आभार मानती हूँ कि उन्होंने मुझे इतना बड़ा अवसर दिया।”
उनके इस आत्मविश्वास ने मिशन शक्ति अभियान की भावना को और सशक्त बना दिया।
👩💼 मिशन शक्ति 5.0: बेटियों के आत्मनिर्भर भारत का अभियान
मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत सरकार ने नारी सुरक्षा और नारी सशक्तिकरण के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।
आजमगढ़ में इसका सबसे सशक्त उदाहरण छात्रा अनुप्रिया गौंड हैं, जिन्होंने एक दिन की डीएम बनकर यह दिखा दिया कि शिक्षा और अवसर मिलें तो बेटियाँ हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं।
इस अभियान में बालिकाओं को नेतृत्व, निर्णय लेने की क्षमता और प्रशासनिक समझ विकसित करने का अवसर दिया जाता है।
🌟 आजमगढ़ की छात्रा अनुप्रिया गौंड बनी प्रेरणा
अनुप्रिया गौंड की उपलब्धि से जिले की अन्य छात्राएँ बेहद उत्साहित हैं।
कस्तुरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्या ने कहा कि यह क्षण पूरे विद्यालय के लिए गर्व का है।
उन्होंने बताया कि “आजमगढ़ की छात्रा अनुप्रिया गौंड ने न सिर्फ विद्यालय का नाम रोशन किया है बल्कि जिले की सभी बेटियों को प्रेरित किया है कि वे भी बड़े सपने देखें।”
👩🎓 बेटियाँ किसी से कम नहीं — समाज के लिए सीख
इस आयोजन ने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि बेटियाँ अब किसी क्षेत्र में बेटों से पीछे नहीं हैं।
डीएम ने कहा कि समाज को चाहिए कि बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और अवसरों को प्राथमिकता दे, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
आजमगढ़ की छात्रा अनुप्रिया गौंड ने जो मिसाल पेश की है, वह आने वाले वर्षों तक प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।
📜 कार्यक्रम में रही विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर मुख्य राजस्व अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, महिला कल्याण विभाग के अधिकारी और विद्यालय की छात्राएँ मौजूद रहीं।
सभी ने आजमगढ़ की छात्रा अनुप्रिया गौंड की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम बालिकाओं को सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
आजमगढ़ की छात्रा अनुप्रिया गौंड का एक दिन की जिलाधिकारी बनना केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह समाज के लिए एक गहरा संदेश था —
कि यदि बेटियों को अवसर और विश्वास दिया जाए, तो वे किसी भी ऊँचाई को छू सकती हैं।
यह पहल मिशन शक्ति 5.0 की भावना को जीवंत करती है और आने वाली पीढ़ियों की लड़कियों को आत्मविश्वासी बनने की राह दिखाती है।
